जून 26, 2012

हड़ताल से मची रही अफरातफरी

रिपोर्ट चन्दन सिंह: IMA के आह्वान प़र चिकित्सकों की हड़ताल से सदर अस्पताल सहरसा में अफरातफरी का माहौल रहा .खासकर के गरीब मरीजों प़र आई इस आफत ने उनकी जिन्दगी बच पाएगी की नहीं यह सवाल पैदा करके रख दिया है.कोसी प्रमंडल के PMCH कहे जाने वाले इस अस्पताल में आउट डोर सेवा के साथ--साथ आपातकालीन सेवा भी बाधित रहा .आलम यह है की दूर--दराज इलाके से इलाज कराने आये मरीज बिना इलाज के वापिस लौटने को विवश  थे .यही नहीं पहले से भर्ती मरीजों का भी यहाँ इलाज नहीं हो रहा था .हद की इंतहा तो यह है की इलाज के अभाव में गर्भवती महिलाओं के सामने जीने--मरने की नौबत आ गयी.सिविल सर्जन साहब की दलील है की मरीजों को दिक्कत तो जरुर हो रही है लेकिन आपातकालीन सेवा बहाल है.सबकुछ ठीक हो जाएगा.लेकिन हम आपको बताना चाहते हैं की पहले से ही लापरवाही के लिए मशहूर इस अस्पताल की आज पूरी--की पूरी स्वास्थ्य व्यवस्था चरमराई हुई है. गरीबों पर आफत कोई नयी बात नहीं है.सियासत भी गरीबों पर जुल्मो--सितम भी गरीब पर.ये गरीब तो इस देश में महज खेलने की चीज भर बनकर रह गए हैं.

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*अपनी बात*

अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।