लूट का शौचालय |
गौरतलब है की जिले में PHED द्वारा सम्पूर्ण स्वच्छता अभियान और लोहिया स्वच्छता अभियान के तहत अभीतक हजारों शौचालय का निर्माण कराया गया है लेकिन करीब--करीब ये सभी शौचालय पुरे जिले में खून के आंसू रो रहे हैं.एक शौचालय के निर्माण में 2500 रूपये खर्च आता है.APL परिवार को 500 रूपये खुद देने पड़ते हैं जबकि शेष 2000 रूपये विभाग देता है.BPL परिवार को 300 रूपये खुद देने पड़ते हैं जबकि शेष 2200 रूपये विभाग देता है.महादलितों के लिए विभाग पुरे के पुरे 2500 रूपये देकर निर्माण कराता है.यह एक बेहतर सरकारी योजना साबित होती लेकिन योजना का टार्गेट और उसे पूरा करने की जल्दी के बीच खाऊ-पकाऊ कुनीति ने इसे बेमकसद बनाकर रख दिया है.गौरतलब है की इस जिले में शौचालय निर्माण के टारगेट को तो पूरा नहीं ही किया जा सका लेकिन जितने निर्माण हुए वे ना केवल लूट की नयी इबारत लिख रहे हैं बल्कि लूट का परचम भी लहरा रहे हैं.सरकारी योजनाओं का बुरा हस्र कोई नयी बात नहीं है.लेकिन योजनाओं को इसतरह मजाक बनाकर उसके साथ खिलवाड़ करना गिरावट का अति जरुर है.सत्तासीनों के साथ-साथ विरोधी दलों और अवाम को भी इस मुतल्लिक विमर्श और आत्ममंथन की जरुरत है.सुशासन बाबू को हम तो बस कुछ कालिख पुती तस्वीरें दिखा रहे हैं जो जमीनी सच की तासीर हैं.
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