सितंबर 22, 2016

"तन्हाई में संग जी लेता हूँ बाते कर लेता हूँ""

गजल और गीतों के साथ जेल में बंद पूर्व सांसद आनंद मोहन की जिंदगी की एक नयी उड़ान...
वाकई कथाकार भी और गीतकार भी हैं मोहन....
एक शिल्पी को छल,प्रपंच,बेशर्मी और खुदगर्जी से जेल में रखने की हुयी थी साजिश....
मुकेश कुमार सिंह की दो टूक---एक जमाने में देश भर में अपनी रॉबिन हुड छवि से एक दमदार पहचान बनाने वाले और राजनीति में कभी घुटने ना टेकने वाले महारथीपूर्व सांसद आनंद मोहन आज तत्कालीन गोपलागंज डीएम जी कृष्णैया हत्या मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं ।वर्षों से जेल में बन्द आनंद मोहन का ताजा शौक भर इसे ना कहें बल्कि सलाखों के पीछे उनकी साहित्यिक ज्ञान--विधा कुलाचें भर रही हैं ।जेल भीतर उन्हाइनें कई कवताएं लिखी हैजिन्हें देश स्तर पर व्यापक सम्मान मिला है।कैद में आजाद कलम एवं स्वाधीन अभिव्यक्ति शीर्षक से दो काव्य संग्रह इनके प्रकाशित भी हो चुके है ।आनंद मोहन को भीतर की खोह से इस बात का एहसास हो गया है कि कलम हमेशा बंदूक से ज्‍यादा ताकतवर होती है । गोपालगंज के तत्कालीन जिलाधिकारी जी. कृष्णैया की हत्या के लिए लोगों को भड़काने और बढ़ावा देने के आरोप में पटना हाइकोर्ट ने बिहार के इस पूर्व सांसद को उम्रकैद की सजा सुनाई थी और सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले को बरकरार रखा था ।पूर्व सांसद आनंद मोहन फिलवक्त सहरसा मंडल कारा में बंद है ।
12 गीतों और गजल संग्रह का ओडियो सेट जल्द ही आएगा बाजारों में

राजकमल प्रकाशन से प्रकाशित कैद में आज़ाद कलम आयर स्वाधीन अभिव्यक्ति के चुनिंदा 12 गीतों और गजलों का ओडियो (गीत) सेट आगामी 19 जनवरी 2017 को वीर सिरोमणि महाराणा प्रताप की जयंती के अवसर पर पटना के मिरर हाई स्कूल में आहूत न्याय मार्च में रिलीज किया जायेगा ।12 गीतों और गजलों में से एक ""तन्हाई में संग जी लेता हूँ बाते कर लेता हूँ""……….को अपनी सुरीली आवाज दी है भागलपुर के उभरते हुए युवा गजल गायक सैयद तासीर हुसैन ने ।यहाँ बताना बेहद लाजमी है की अन्य गजलों में विभिन्य गायकों ने भी अपनी आवाज दी है ।
पुस्तक विमोचन सहित ओडियो रिलीज में जुटेंगे देश-प्रदेश के दिग्गज 
जनवरी में आयोजित न्याय मार्च में पूर्व सांसद आनंद मोहन के करीब 1 लाख समर्थक उनकी सम्मानजनक रिहाई की मांग के साथ देश सहित प्रदेश के कोने--कोनेसे पटना में जुटेंगे ।ठीक उसी दिन पूर्व सांसद आनंद मोहन की दो पुस्तक गुमनाम नहीं मरूँगा (काव्य संग्रह)और काल कोठरी से का भी विमोचन किया जायेगा ।इस अवसर पर देश-प्रदेश के चर्चित जानेमाने कवि,साहित्यकार,शायर,गजल कार,राजनेता सहित बुद्धिजीवी और अन्य लोग भी जुटेंगे और उनके द्वारा ओडियो सेट एवं पुस्तकों का विमोचन किया जायेगा ।
शूरवीर पूर्व सांसद आनंद मोहन जो छल--प्रपंच और दोगलागिरी की वजह से सजायाफ्ता मुजरिम बनकर आज सहरसा जेल में बंद हैं,वे एक अच्छे कवि, गीतकार,शायर और साहित्यकार भी है ।दुनिया ने जीसस को नहीं बख्सा,महावीर को पत्थर मारे,गांधी गोली के शिकार हुए,कार्ल मार्क्स ने पूरी जिंदगी सलाखों के पीछे गुजार दी ।सुकरात ने जहर पीया ।तो व्यवस्था की मार आनंद मोहन जी को भी सौगात में मिल रही है ।आनंद मोहन जी की एक ताजा गजल है,जिसे एकबार अवश्य सुने ।रूह काँप और थर्रा उठेंगी ।

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*अपनी बात*

अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।