गोली मारकर हुयी हत्या .....
रेलवे रैक पॉइंट का ठेकेदार था मृतक.........
मृतक के गाँव में पामा में पसरा मातम .......
कटिहार से मुकेश कुमार सिंह की दो टूक---
रेलवे रैक पॉइंट के जाने--माने ठेकेदार बिभाष सिंह की आज सुबह गोली मार कर हत्या कर दी गयी । उनके आवास के ठीक सामने बाईक सवार अपराधियों ने उन्हें गोली मारी और हाथों में हथियार लहराते हुए चलते बने ।स्थानीय लोगों ने गंभीर रूप से जख्मी विभाष सिंह को ईलाज के लिए कटिहार मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया ।लेकिन ईलाज के दौरान उनकी मौत हो गयी ।यह घटना नगर थाना क्षेत्र के विजय नगर की है। मृतक विभाष सिंह सहरसा ज़िले के पामा गांव के रहनेवाले थे ।मिली जानकारी के मुताबिक इनदिनों विभाष सिंह को रेलवे रैक पॉइंट के माल ढुलाई का बड़ा काम मिला था ।
आज सुबह वे पुर्णिया के रानीपतरा स्थित अपने साईड से अपने बेटे के साथ कटिहार स्थित अपने आवास लौट रहे थे ।जैसे ही विभाष सिंह अपने आवास के निकट पहुंचे की पहले से घर के समीप ही घात लगाए बाईक सवार अपराधियों ने उनपर ताबड़तोड़ गोलियां बरसा दी ।परिजनों ने घटना के बाबत बताया की कुछ दिनों से रैक पॉइंट से जुड़ा कुछ विवाद चल रहा था ।इस घटना के बाबत कटिहार एसपी सिद्दार्थ मोहन जैन ने बताया की पुलिस विभिन्य बिंदुओं को ध्यान में रखकर जांच कर रही है ।जल्दी ही अपराधियों को दबोच लिया जाएगा ।
हमें पता है की हर घटना के बाद पुलिस के अधिकारी का यह तकिया कलाम है ।ऐसे बयान देने के लिए अधिकारी अब अभ्यस्त हो चुके हैं ।
बिहार सरकार लगातार सुशासन के नारे लगाने और उसी से मुतल्लिक जुमले पढ़ने की आदी रही है ।जबकि हालात बता रहे हैं की शासन और प्रशासन नाम की कोई चीज बिहार में अब नहीं रही है ।सियासतदां अपनी सियासी जमीन मजबूत करने के लिए जाती,सम्प्रदाय और धर्म के नाम की गोटी खेलने में मशगूल हैं ।शासन में पढ़े--लिखे लोगों का टोंटा है । अल्पज्ञानी राज्य के संचालक बने हुए हैं ।सही मायने में प्रजातंत्र मूर्खों का शासन है,यह बिहार में चरितार्थ हो रहा है ।धन--समृद्धि,भोग--विलास और ऐश्वर्य में नेताओं की टोली जुटी हुयी है ।
हमें पता है की कटिहार में विभाष सिंह की हत्या राज्य सरकार के लिए चुनौती की जगह महज एक आम घटना की तरह होगी ।सत्तासीन दल के प्रवक्ता का आगे बयान आएगा की पुलिस अपना काम कर रही है और जल्द ही हत्यारे की गिरफ्तारी हो जायेगी ।शासन में बैठा एक भी नेता यह विचार करने में असमर्थ है की ऐसी स्थिति कैसे तैयार हो,जिससे ह्त्या जैसी घटना,या फिर संगीन अपराध ना हों ।सूबे की राजधानी सहित बिहार के सभी जिलों में अपराधियों की समानांतर सरकार चल रही है ।पुलिस फिसड्डी और निकम्मी हो चुकी है ।मानवाधिकार के डंडे और नेताओं की पैरवी से खाकी का रंग फीका और मलिन हो चुका है ।अपराधी ना केवल पुलिस पर भारी हैं बल्कि उनकी बल्ले--बल्ले है । अपराधी घूम--घूमकर अपराध के जयकारे लगा रहे हैं ।बिहार सरकार सात निश्चय और पुल--पुलिया और सड़क निर्माण की योजनाओं में व्यस्त है ।किसने अपना लाल खोया,इससे सरकार और तंत्र को कोई लेना--देना नहीं है ।अपने राज्य को संभालने की जगह बिहार के शूरवीर नेता दूसरे राज्य के आपराधिक ग्राफ से बिहार का मिलान करके खुद को धन्य समझ रहे हैं ।जिससे राज्य नहीं सम्भल रहा है वे जाति,सम्प्रदाय और धर्म के नाम पर देश की कमान थामने का दिवास्वप्न देख रहे हैं ।
नीतीश बाबू,आप पढ़े लिखे और सुलझे इंसान हैं ।कहते हैं जब व्यक्ति शीर्ष पर होता है,तो उसके अंदर सिर्फ इंसानियत पलती है लेकिन आप भी सामाजिक कुत्सित वृतियों से तर दिख रहे हैं ।
विभाष सिंह की मौत की धमक एक--दो दिन तक सुनाई देगी ।फिर मामला शांत हो जाएगा ।हम ताल ठोंककर कहते हैं की इस महान देश को नेताओं ने आजादी के बाद से ही सिर्फ और सिर्फ डुबोया है ।अपने और अपने स्वजन--परिजन की खातिर कमोबेस सभी ने सत्ता का दुरूपयोग किया है ।विभाष सिंह के परिजनों पर क्या बीत रही होगी,ज़रा सोचिये हाकिमों ।मृतक के घर कटिहार और गाँव पामा में कोहराम मचा हुआ है । गाँव सहित इलाके के लोग सदमें में और मर्माहत हैं ।लोगों को समझ में नहीं आ रहा है की ये क्या हो गया ? मृतक के गाँव स्थित आवास पर मातमपुर्सी के लिए लोगों का जमावाड़ा लग रहा है ।शासन प्रशासन के लोगों अब तो जागो । आखिर में हम नेताओं को खबरदार करते हुए कह रहे हैं की "हो सकता है की इंसानी कहर से आप बच जाएँ लेकिन कुदरत के कहर से आप कभी भी बच नहीं सकेंगे" ।
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