जनवरी 15, 2013

कुम्भ नहाना बना एक बड़ी मुसीबत

रिपोर्ट सहरसा टाईम्स: सहरसा रेलवे स्टेशन पर कुम्भ जाने वाले यात्रियों का हुजूम जमा है लेकिन इनके लिए अलग से कोई विशेष ट्रेन का इंतजाम नहीं है। न तो किसी तरह के आरक्षण टिकट की कोई बात है और न ही कोई अलग से कोई विशेष सुविधा। कुम्भ नहाकर लोग पुण्य का भागी बनना चाहते हैं लेकिन कुम्भ की यात्रा इस इलाके के लोगों के लिए एक बड़ी मुसीबत है। महिलायें,पुरुष और बच्चे सभी पुण्य के भागीदार बनने के लिए कुम्भ जाकर स्नान करना चाहते हैं। कोसी के विभिन्य इलाके से लोगों का जत्था रेलवे स्टेशन पर सुबह से ही जमा है लेकिन उनकी यात्रा मंगलमय हो इसके लिए रेलवे की तरफ से कोई अतिरिक्त इंतजाम नहीं हैं।
अजय शर्मा,बुकिंग क्लर्क
 यात्री कैसे अपने गंतव्य तक ससमय पहुंचेंगे इसको लेकर रेल प्रशासन कहीं से भी गंभीर और चिंतित नहीं है। अनिल कुमार,उषा देवी,निर्मला देवी और अजय कुमार जैसे कई यात्री से सहरसा टाईम्स  ने पूछताछ की तो लगभग सभी यात्री हलकान----परेशान हैं की आखिर वे कैसे अपनी यात्रा को पूरी कर पायेंगे। आरक्षण काउंटर पर बैठे बुकिंग हाकिम अजय शर्मा,बुकिंग क्लर्क बताते हैं की कुम्भ जाने वाले के लिए कोई अलग से कोई इंतजाम नहीं है। कुम्भ नहाना इस इलाके के लोगों के लिए न केवल पहाड़ खोदकर दूध निकालने के समान है बल्कि जी का जंजाल भी बना हुआ है।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें


THANKS FOR YOURS COMMENTS.

*अपनी बात*

अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।