सैक्स रैकेट की आई बाढ़
सहरसा के होटल सबसे मुफीद जगह
अच्छे घराने की लडकियां और लड़के सैक्स रैकेट में हैं शामिल
पुलिस खाती है हफ्ता,मनती है रंगरेलियां
सहरसा से मुकेश कुमार सिंह की दो टूक-->>अच्छे घराने की लडकियां और लड़के सैक्स रैकेट में हैं शामिल
पुलिस खाती है हफ्ता,मनती है रंगरेलियां
सहरसा जो विकास के लिए दशकों से तरस रहा है लेकिन यहां मौज--मस्ती अपने परवान है ।सहरसा में दर्जनों होटल हैं जो सैक्स रैकेट को ना केवल बढ़ावा दे रहे हैं बल्कि चमरी की कमाई से होटल मालिक मालामाल भी हो रहे हैं ।जहांतक,खाकी का सवाल है,तो उनके लिए हफ्ता बंधा हुआ है । आप यह जानकार हैरान हो जाएंगे की इन होटलों में शराबबंदी के बाद शराब भी उपलब्ध है ।यानि शबाब,कबाब और शराब.... यानि मस्ती का बबंडर...फुलडोज ।
बीती शाम डीबीरोड स्थित सहरसा गेस्ट हाउस में खूब तमाशा हुआ ।विजय नामक युवक ने पहले नैना नाम की युवती के साथ खूब रंगरेलियां मनाई ।लेकिन उससे उसका जी नहीं भरा तो उसने अपने एक दोस्त को भी बुला लिया और नैना को उसके साथ शारीरिक सम्बन्ध बनाने के लिए मजबूर करने लगा ।नैना को यह नागवार गुजरा और उसने हंगामा खड़ा कर दिया ।अवैद्य देह के इस खेल की भनक स्थानीय लोगों को लगी ।लोगों ने विजय और उसके दोस्त को दबोच लिया और फिर इस घटना की सूचना पुलिस को दी गयी ।पुलिस ने आकर तीनों को अपने कब्जे में लिया और उन्हें अपने साथ लेकर थाने चली गयी और तफ्तीश में जुट गयी ।
इससे पहले गंगजला चौक स्थित गेस्ट हॉउस, मत्स्यगंधा स्थित टूरिस्ट होटल,डीबी रोड स्थित वैलकम होटल,शंकर चौक स्थित एम्बेसी होटल सहित कई और होटलों से कई बार प्रेम के इन पंछियों को सेक्स करते रंगे हाथों पकड़ा गया है ।
यह घटना तो गिरफ्त में आये सैक्स के खिलाड़ियों के हैं ।सहरसा में यह खेल वर्षों से पुलिस के संरक्षण में चल रहा है ।कई प्रशासन और पुलिस के अधिकारी खुद इस खेल में माहिर हैं । अब साहब किसी होटल में रंगरेलियां मनाएं,तो वह नजारा बेहद खास होगा ही ।
यहां के कुछ होटल वाले ऐसे हैं जो लड़के और लड़कियों को कुछ घंटे के लिए किराए पर कमरा देते हैं लेकिन बदले में मोटा पैसा लेते हैं ।बीते दिनों सहरसा के भीआईपी रोड में शराब और मुर्गे की पार्टी उड़ाते एक अपराधी किस्म के होटल मालिक के यहां तीन पुलिस के जवान भी मीडिया के स्टिंग के शिकार हुए थे,जिन्हें निलंबित करना पुलिस अधिकारी की मजबूरी बन गयी थी ।ये तीनों जवान एसडीपीओ सुबोध विश्वास के अंगरक्षक थे ।हद तो इस बात की थी की इस जश्न में एसडीपीओ साहब की गाड़ी का भी इस्तेमाल हुआ था ।अभी एसडीपीओ सुबोध विश्वास सहरसा सदर एसडीपीओ के तौर पर ही तैनात हैं ।सुबोध विश्वास पर भी गाज गिरती लेकिन मीडिया से एसडीपीओ की अच्छी बनती है और उनकी विनती से मीडिया वाले पिघल गए और एसडीपीओ साहब बेदाग़ निकल गए ।
आप को हम यह भी बताना चाहते हैं की सहरसा सदर स्थित भारतीय नगर को लोग रेड लाईट इलाके के नाम से जानते हैं ।साढ़े पांच सौ से ज्यादा ऐसे परिवार हैं जिन्होनें नाच--गाने का लायसेंस ले रखा है लेकिन इसकी आड़ में देह व्यापार धड़ल्ले से हो रहा है ।पुलिस को यहां से मोटी रकम मिलती है ।दूर--दराज इलाके से लडकियां यहां लायी जाती हैं और उनसे देह व्यापार कराया जाता है ।
सहरसा का शायद ही कोई ऐसा होटल हो,जहां चमरी का खेल ना चल रहा हो ।अच्छे परिवार की पढ़ने वाली लडकियां गुमराह होकर,या यूँ कहें प्रेमपाश में फंसकर होटल आती हैं और अपने प्रेमी संग सेक्स करती हैं ।कई ऐसे गंभीर मामले सामने आये हैं की,पहले तो प्रेम में लडकियां अपना देह परोसती हैं ।फिर उन्हें किसी बहाने चकला घर में धकेल दिया जाता है ।
यह खबर हम सभी परिवारों को आगाह करने के लिए लिख रहे हैं की अपने बच्चे--बच्चियों को भारतीय संस्कृति, नैसर्गिक और मूल्यसंचित जीवन के साथ--साथ नैतिकता का पाठ भी पढ़ायें ।वैसे जीवन की आपाधापी और अंधदौड़ में इस तरह के सैक्स की घटना अब आम बात बनकर रह गयी है ।
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