विगत वर्ष 2010 के 11 सितम्बर को कोसी के कहर से बी.एन.मंडल डुमरी सेतु के क्षतिग्रस्त होने के बाद महीनों आवागमन ठप्प रहा. राज्य सरकार ने इस वर्ष बी.एन.मंडल डुमरी सेतु के ठीक बगल में 17 करोड़ की लागत से स्टील ब्रिज बनाकर 10 जून को इस पर परिचालन शुरू करवाया.लेकिन कोसी के उफान के सामने 17 करोड़ की लागत से बना यह स्टील ब्रिज 17 दिन भी नहीं टिक सका और एक बार फिर आवागमन ठप्प हो गया है.इस स्टील ब्रिज पर परिचालन बन्द होने से कोसी प्रमंडल के तीन जिले सहरसा,मधेपुरा और सुपौल के लाखों लोगों का राज्य मुख्यालय से सड़क संपर्क टूट गया है.क्षेत्र के लोगों में हाहाकार मचा है.आवागमन ठप्प होने से जहां क्षेत्र के लोगों के बहुतेरे आवश्यक काम प्रभावित हो रहे हैं वहीँ मंहगाई के आसमान छूने की आशंका से भी लोग दुबले हो रहे हैं.कोसी के कहर ने एक बार फिर इस इलाके के लोगों की जिन्दगी को मुसीबतों की ढेर पर लाकर छोड़ दिया है.
17 करोड़ की लागत से बना डुमरी का स्टील ब्रिज कोसी के उफान के सामने नहीं टिक सका और इस पर आवागमन को ठप्प कर देना पड़ा.इस पुल के चार खम्भों के नीचे की मिट्टी खिसक गयी है.कोसी लगातार इन खम्भों पर क्रूरता से हमले कर रही है.इस ब्रिज के क्षतिग्रस्त होने से कोसी प्रमंडल के सहरसा,मधेपुरा और सुपौल जिले का राज्य मुख्यालय से सड़क संपर्क टूट गया है.चाहे बेहतर इलाज की बात हो या फिर कोई और आवश्यक काम अब लोगों को राज्य की राजधानी पटना जाने के लिए भारी दिक्कतों का सामना करना पर रहा है .अभी रेलमार्ग पर परिचालन जारी है लेकिन कोसी कुछ रेल पुलों पर भी हमले और कटाव कर रही है.अभी बारिश का लम्बा समय बांकी है.आगे कोसी उफनाई तो रेल परिचालन के ठप्प होने की भी आशंका है.जाहिर तौर पर सड़क मार्ग भंग होने से लोग खासे हलकान--परेशान हैं.बांकी सबकुछ कोसी के रहमोकरम पर टिका है. क्षेत्र के लोग काफी परेशान है.कहते हैं की 17 करोड़ का यह पुल 17 दिन भी नहीं चला.सब लुटने में लगे हैं,इसी वजह से इस पुल का यह हाल हुआ.लोग पैदल पुल को पार कर रहे हैं.दोनों छोर पर गाड़ियां फंसी रहती हैं.जहां यात्रा के लिए लोगों को अधिक भाड़े देने पर रहे हैं वहीँ मंहगाई भी बढ़ने लगी है.लोग पूरी तरह से हैरान--परेशान हैं.हम आपको दिखा रहे हैं स्टील ब्रिज के खम्भों पर किस तरह से कोसी हमला और कटाव कर रही है जिस वजह से परिचालन को बन्द करना पड़ा है.हम आपको बी.एन.मंडल का वह डुमरी सेतु भी दिखा रहे हैं जो विगत वर्ष से ही क्षतिग्रस्त होकर बेकार पड़ा हुआ है.इस पुल को दुरुस्त कराने की जगह ठीक इसके बगल में ही 17 करोड़ की लागत से स्टील ब्रिज का निर्माण कराया गया जो क्षतिग्रस्त हो चुका है.इस स्टील ब्रिज पर 10 जून 2011 को परिचालन शुरू हुआ और 8 जुलाई 2011 को इसपर परिचालन बन्द कर कर दिया गया.17 करोड़ बस यूँ ही पानी में बहा डाले गए.इससे बेहतर होता की पहले से क्षतिग्रस्त बी.पी.मंडल डुमरी सेतु को हो दुरुस्त कराने का प्रयास किया जाता.
हमने लोगों के सामने आई इस विकट समस्या को लेकर क्षेत्र के जदयू विधायक से बात की.इनका कहना है की 17 करोड़ की लागत से बना स्टील ब्रिज एक महीना चला.प्रयास किया गया था लेकिन पुल अधिक दिनों तक नहीं टिका.बी.पी.मंडल सेतु की तरह इस ब्रिज के पाए के नीचे से मिट्टी खिसक गयी है.अब यह ब्रिज डोलने लगा है और यह ज़मीन पर नहीं है.आगे यहाँ पर फोरलेन रोड का सेंक्सन हो गया है.फोरलेन का अलग से पुल बनेगा जिसका D.P.R भारत सरकार को भेज दिया गया है.जैसे ही स्वीकृति मिलेगी,बिहार सरकार बनाने में सक्षम है और वह बनाएगी.
इस पुल के बाबत अधिकारी महोदय .कहते हैं की तत्कालीन व्यवस्था हुयी थी लेकिन नदी के बहाव और कटाव की वजह से परिचालन बन्द हो गया है.वाहनों को इस पार से उस पार करने के लिए नाव की व्यवस्था की जा रही है.और पहल उनके स्तर से संभव नहीं है.बांकी सबकुछ सरकार के स्तर की है और सरकार सोच रही है.समय आने पर सबकुछ होगा.
good ,koshi ke liye bahut jaruri hai sarak marg bhi .
जवाब देंहटाएंtrin to 7.30 pm ke bad to morning 4.00 mai pahla train jo koshi se baher nikalta hai