सितंबर 30, 2016

खून के सौदागर को बेल की जगह फिर से जेल

सुप्रीम कोर्ट का खास फैसला,लहू चाटने वाले की असली जगह है जेल 
राज्य सरकार को को भी सुप्रीम कोर्ट ने लगाई फटकार
सुप्रीम कोर्ट ने शहाबुद्दीन की जमानत याचिका की खारिज 
सीवान कोर्ट में शहाबुद्दीन ने किया आत्मसमर्पण
मुकेश कुमार सिंह की दो टूक-- सिवान के पूर्व सांसद,राजद नेता सह बाहुबली मोहम्मद शहाबुद्दीन को सुप्रीम कोर्ट ने ना केवल झटका दिया है बल्कि खुदा की तरह उनकी तक़दीर लिख दी है ।अदालत ने शहाबुद्दीन की जमानत रद्द करते हुए उसे कस्टडी में लेने का फरमान जारी किया है ।गौरतलब है कि बिहार सरकार व तेजाब हत्याकांड में अपने तीन बेटों को खोने वाले चंदा बाबू ने शहाबुद्दीन को पटना हाईकोर्ट द्वारा दी गई जमानत को रद्द करने के लिए सुप्रीमकोर्ट में अपील की थी ।शहाबुद्दीन के फैसले की तीन दिन से सुप्रीमकोर्ट में सुनवाई चल रही थी ।सुनवाई पूरी करते हुए फैसले को सुरक्षित रखा गया था ।जिसके बाद आज शहाबुद्दीन का फ़ैसला हुआ,जिसमें उन्हें बेल नहीं जेल की सजा मिली ।

बताना बेहद लाजिमी है की सुप्रीम कोर्ट ने मामले को गंभीरता से ना लेने के लिए बिहार सरकार को भी जमकर फटकार लगाई थी ।कोर्ट ने तंज भरे लहजे में सरकार से पूछा था की क्या शहाबुद्दीन को जमानत मिलने तक आप नींद में थे?हद तो इस बात की थी जब शहाबुद्द्दीन को यह अहसास हो गया की वह हलाल होकर रहेगा तो गुरुवार को ही शहाबुद्दीन ने कोर्ट से गुजारिश करते हुए कहा था की मेरी जमानत को रद्द नहीं किया जाए,मैं बिहार के बाहर कहीं भी रहने को तैयार हूं ।
यहां यह जानना भी बेहद जरुरी है की वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने शहाबुद्दीन के जमानत रद्द कराने के लिए तीन बेटों को गंवाने वाले चन्दा बाबू का साथ देने का निर्णय लिया था ।फिर जाकर बाद में बिहार सरकार भी कान्हा मामा की तरह से शहाबुद्दीन के जमानत के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गई थी ।चंदा बाबू ने कहा कि उन्हें बस न्याय चाहिए और इसके लिए वे अंतिम सांस तक लड़ेंगे ।
आगे जो भी ही लेकिन हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद शहाबुद्दीन फ़िल्मी स्टाईल में ना केवल दरबार लगाने लगा था बल्कि उसके हुक्म का सिक्का भी चलने लगा था ।फिलवक्त खून चटोरे और खून के इस सौदागर को सीवान जेल भेजा जा रहा है ।जेल से निकला दरिंदा एक बार फिर से जेल जा रहा है ।

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अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।