डॉक्टर बन देश की सेवा का है जलजला ........
पिता का साया नहीं,माँ के आँचल का रखा मान......
शम्मी तुझपर बरसती रहे आसमानी दुआ......
पिता का साया नहीं,माँ के आँचल का रखा मान......
शम्मी तुझपर बरसती रहे आसमानी दुआ......
मुकेश कुमार सिंह की दो टूक---कहते हैं की हौसला और जुनूँ हो तो पहाड़ चीरकर भी दूध की नदियां बहाई जा सकती हैं । रेत पर भी फसलें लहलहाई जा सकती हैं ।
सहरसा के महिषी थाना क्षेत्र के सतरवार गाँव के रहने वाले शम्मी ने NEET मेडिकल में 99.47 परसेंटाइल हासिल कर देश में 3990 रैंक हासिल किया है ।यह उपलब्धि कहीं से भी छोटी नहीं है ।अभी शम्मी का परिवार सहरसा जिला मुख्यालय के नया बाजार स्थित एक भाड़े के मकान में रहता है । शम्मी के पिता चन्द्रदेव झा अब इस दुनिया में नहीं रहे ।बिना पिता की मौजूदगी के शम्मी ने इतिहास गढ़ा है ।शम्मी की माँ विभा झा एलआईसी की एजेंट हैं ।शम्मी का बड़ा भाई मनीष कुमार झा नारायणा IIT AND PMT प्राईवेट एकेडमी,दिल्ली में मैथ के एसोसिएट प्रोफ़ेसर हैं । शम्मी उसी एकेडमी में शिक्षा ले रहा था ।शम्मी अभी दिल्ली में है ।दूरभाष पर उसने अपनी इस कामयाबी पर बेहद ख़ुशी जताई और आगे वह देश के लिए काम आये,इसकी इच्छा जाहिर की ।
मेडिकल क्षेत्र में वह नया इतिहास बनाना चाहता है ।गरीबों की सेवा करना चाहता है ।शम्मी कहता है की उसने पिता की मज़बूरी,माँ की मिहनत और गरीबी को बेहद करीब से देखा है और कठिन परिस्थितियों को झेला है ।माँ विभा झा कहती हैं की उन्हें दो बेटे हैं और उन्हें दोनों से बेहद उम्मीदें हैं ।दोनों समाज के काम आएं,इसके लिए वे हर वक्त ईश्वर से कामना करती हैं ।अपने पति को खोने के बाद वे,दर्द सहती रहीं लेकिन बच्चों को कोई कमी खलने नहीं दीं । शम्मी से उन्हें बहुत उम्मीद है ।वे स्पष्ट लहजे में कहती हैं की शम्मी मेडिकल क्षेत्र में आई गिरावट से ऊपर उठकर सेवा देगा ।
कामयाबी आखिर कामयाबी होती है ।शम्मी ने अभी कोसी और बिहार दोनों का मान बढ़ाया है ।आगे उसके जीवन में कामयाबी और अकूत शौर्य की बरसात हो,इसकी हम दिल से दुआ करते हैं ।शम्मी मेडिकल क्षेत्र का कोहिनूर साबित हो ।
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