हवस के दरिंदे 23 दिनों तक मासूम की अस्मत के उड़ाते रहे चीथड़े...
इंसानियत रोती रही और दरिंदगी का जश्न चलता रहा.......
नौंवी की छात्रा के साथ हुए इस वीभत्स दुष्कर्म मामले के दोनों आरोपी गिरफ्तार.......
पीड़िता सुपौल जिले की साहेबान गाँव की रहने वाली........
मुकेश कुमार सिंह की कलम से--- 14 वर्षीय 9 वीं कक्षा की छात्रा को 4 अगस्त की संध्या को दो आरोपियों के द्वारा जबरन अपहरण कर लगातार 23 दिनों तक दुष्कर्म करने का बड़ा ही लोमहर्षक और सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है ।
घटना के सन्दर्भ में संगृहीत जानकारी के मुताबिक़ 14 वर्षीय 9 वीं वर्ग की छात्रा रतनपुरा बाजार से वापस साहेबान अपने गाँव लौट रही थी ।उसी क्रम में शाम के समय बारिश होने और साईकिल पंचर हो जाने के कारण लड़की साईकिल से नीचे उतर गयी थी । वह बारिश थमने का इंतजार कर रही थी थी । अचानक पीछे से आ रहे दो मोटरसाईकिल सवार ने जबरन लड़की की साईकिल को फेंककर जबरन उसे अपनी मोटरसाइकिल पर बिठा लिया और वहाँ से रफू--चक्कर हो गए । इन दोनों भेड़ियों ने पहले बच्ची को बसंतपुर में दो दिनों तक रखा और बारी--बारी से मुंह काला किया ।
जिश्म की आग इन दरिंदों के भीतर ऐसी लगी थी की ये दोनों बच्ची को लेकर नेपाल के इटहरी चले गए,जहां लगातार 17 दिनों तक एक कमरे में रखकर बारी--बारी से उसकी अस्मत को चाक करते रहे । मासूम बच्ची रोती--बिलखती रही लेकिन इन जालिमों को इस बच्ची पर तनिक भी तरस और रहम नहीं आया ।इस पूरी घटना की पुष्टि पीड़िता ने पुलिस के सामने किया है ।
इस जघन्य अपराध को लेकर जानकारी देते हुए रतनपुरा थानाध्यक्ष ज्वाला प्रसाद ने बताया कि गुप्त सूचना के आधार पर भीमनगर ओपी क्षेत्र से पीड़िता को बरामद किया गया और पीड़िता के द्वारा दिए गए मोबाइल नंबर के लोकेशन पर दोनों आरोपी को भी गिरफ्तार कर लिया गया है । दोनों की पहचान बलुआ थाना क्षेत्र के निवासी 25 वर्षीय अरुण कुमार और वीरपुर थाना क्षेत्र के भवानीपुर निवासी 24 वर्षीय संतोष कुमार राम के रूप में की गयी है ।इधर मामला दर्ज कर दोनों आरोपी पर विधि सम्मत कार्रवाही की जा रही है ।
अब इस मामले में जितनी भी कठोर कार्रवाई हो लेकिन उस बच्ची के जीवन में लगे दाग को किसी भी रूप में धोया नहीं जा सकेगा ।चाक हुए अस्मत की वापसी कतई मुमकिन नहीं है ।बड़ा सवाल मौजूं है की चन्द लम्हों के जिस्मानी ख़ुशी के लिए लोग अपने वजूद को मिटाकर,किसी की दुनिया क्यों उजाड़ देते है ।ऐसे हवसी को मौत से कम सजा,कहीं से भी जायज नहीं है ।
Sajaye maut
जवाब देंहटाएंAeise darindo ko bich chorahe
जवाब देंहटाएंPar tukde tukde kar dena chahiye
Inhe nawad bana dena chahiye,ya fir shoot
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