जून 21, 2016

हत्या के विरोध में फूटा आक्रोश...



मुकेश कुमार सिंह की रिपोर्ट :- बीती रात भरौली निवासी व्यवसायी राकेश कुमार सिंह की ह्त्या से बौखलाए स्थानीय लोगों ने आज सुबह से ही जमकर बबाल काटा । आक्रोशित लोगों ना केवल सहरसा बाजार को पूरी तरह से बंद करा डाला बल्कि आगजनी कर पुलिस--प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की । सैंकड़ों की तायदाद में आक्रोशित लोगों ने थाना चौक और शंकर चौक को पूरी तरह से जाम कर दिया ।बाजार बंद कराने के दौरान आक्रोशित लोगों ने कुछ दुकानदारों की जमकर धुनाई भी कर दी ।

इस घटना में चार दुकानदार जख्मी हुए ।लोगों का अधिक गुस्सा सदर थानाध्यक्ष संजय सिंह की बिगड़ैल कार्यशैली को लेकर फूटा था ।लोग संजय सिंह वापस जाओ,संजय सिंह को निलंबित करो की नारेबाजी कर रहे थे ।जाहिर तौर से बढ़ते अपराध से आमलोगों का जीना मुहाल हो गया है । आंदोलन का नेतृत्व फ्रेंड्स और आनंद के चेतन आनंद, बबलू सिंह, राजन आनंद, बिहार विकास मोर्चा के सोनू सिंह तोमर, राजेश कुमार सिंह, हरिओम सिंह, हनी चौधरी, कुशाग्र गब्बर वगैरह कर रहे थे ।
बाद में थाना चौक जो मुख्य जाम स्थल था वहां सदर एसडीओ जहांगीर आलम और एसडीपीओ सुबोध विश्वास आक्रोशित लोगों के बीच पहुंचे और लोगों से चौबीस घंटे का समय माँगा ।इस ह्त्या में चार लोगों को मुख्य आरोपी बनाया गया है ।एक आरोपी शंकर साह की गिरफ्तारी कर ली गयी है जबकि तीन को गिरफ्त में लेने के लिए पुलिस छापामारी कर रही है ।आक्रोशित लोगों ने मृतक के एक परिजन को सरकारी नौकरी और दस लाख रूपये मुआवजा का मांग पत्र सौंपा जिसे एसडीओ ने डीएम के माध्यम से राज्य सरकार को भेजने का भरोसा दिलाया ।तत्काल मुख्यमंत्री राहत कोष से बीस हजार का चेक एसडीओ ने मृतक के परिजन को सौंप दिया ।
सहरसा टाईम्स के चीफ एडीटर मुकेश कुमार सिंह
आंदोलनकारियों की तरफ से सहरसा टाईम्स के चीफ एडीटर मुकेश कुमार सिंह ने बातचीत में मुख्य भूमिका निभायी और सुबह नौ बजे से जारी बंद को दिन के तीन बजे खत्म कराया ।लेकिन इस घटना से ना केवल एक बार फिर से पुरे इलाके में दहशत का माहौल है बल्कि पुरे इलाके में सनसनी भी फैली हुयी है ।इसमें कोई शक--शुब्बा नहीं है की इस इलाके में लोग पुलिस की काबिलियत की जगह अपराधियों के रहमो--करम पर टिके हैं ।साफ़ लहजे में कहें तो,सहरसा पुलिस पर अपराधी भारी पड़ रहे हैं ।

1 टिप्पणी:


THANKS FOR YOURS COMMENTS.

*अपनी बात*

अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।