अक्तूबर 05, 2015

एक बार फिर, सहरसा पुलिस व्यवस्था पे भाड़ी पड़े अपराधी....

काल्पनिक तस्वीर 
मो० अज़हर उद्दीन की रिपोर्ट:- जी हाँ, पिछले कई महीनों से सहरसा पुलिस की कार्य व्यवस्था की बात की जाय तो कार्य कलाप संतोष जनक नहीं दिख रहा है. हर गेम में अपराधी सहरसा पुलिस को नील से मात दे रही है. बात चाहे छोटे से बड़े घटना की क्यों ना हो सहरसा पुलिस तफ्तीश करने के जगह पानी में डंडे मारने की काम कर रही है. 
सहरसा शहर में एक और बड़ी घटना शनिवार को सामने आया जब प्रभात खबर के रिपोर्टर कुमार आशिष की बाइक डिस्कवर BR19D3640 लाल रंग की बटरहा आवास से चोरी हो गयी. कलम की ताकत से कई मजलूमों को हक़ दिलवाने वाला आज  खुद इंसाफ के कटघरे में खड़ा होता दिख रहा है. आखिर सहरसा पुलिस की इस चरमराती हुई व्यवस्था में इन्हें इंसाफ कौन दिलवायेगा. 
एक बड़ा सवाल शहर से दिनों - दिन बाईक चोरी की घटना लगातार बढ़ती जा रही है लेकिन सहरसा पुलिस अपराधी पे लगाम कसने में बौनी साबित हो रही है. जरूरत है, जल्द से जल्द सहरसा पुलिस को अपनी कार्यशैली में बदलाव लाने की नहीं तो वो दिन दूर नहीं जब सहरसा की जनता इस पुलिस व्यवस्था को सिर्फ मजाक समझ कर रह जायेगी.    

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अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।