अक्तूबर 12, 2015

कद्दावर उम्मीदवारों के बीच रितेश रंजन बना निर्दलीय उम्मीदवार.....

कृष्णा मोहन सोनी के साथ चन्दन सिंह की रिपोर्ट:- विधान सभा चुनाव 2015 मैदान में उतरने के लिय राजनीतिक दल सहित निर्दलीय भी सोमवार को नामांकन  हेतु पर्चा दाखिल किया. सिमरी बख्तियारपुर विधान सभा से युवा निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में रितेश रंजन (जिला परिषद् उपाध्यक्ष) ने भी अपने समर्थको व प्रस्तावकों के साथ पर्चा नामांकन पत्र दाखिल किया.  इस दौरान रितेश रंजन की उम्मीदवारी में भी हजारो की तादाद में महिला पुरुष व युवाओ ने एक जुट कर नामांकन में भाग लिया. समर्थकों ने चुनाव आयोग के सभी निर्देशो का पालन करते देखे गए नामांकन स्थल से नियमो के अनुसार दूर रहे व शांति वातावरण को कायम रखने पर भी ध्यान दिया. 
रितेश रंजन का जनसभा

गौरतलब है कि सिमरी बख्तियारपुर विधान सभा का चुनाव इस बार एतिहासिक साबित होने जा रह है. एक तरफ जहाँ क द्दावर नेता के रूप में पूर्व सांसद श्री दिनेश चन्द्र यादव इस क्षेत्र का प्रितिनिधित्व कर चुके है और फिर इस बार भी मैदान में है  वही कद्दावर नेता के रूप में खगड़िया के वर्तमान सांसद महबूब अली केशर भी इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर चुके है इस बार अपने बेटे  को लोजपा के टिकट दिलवाकर मैदान में उताडा है. वही इस बार इन कद्दावरों के बीच शसक्त व युवा निर्दलीय उम्मीदवार रितेश रंजन मैदान में खड़े हुए है. लोगों द्वारा कायश यह भी लगाया जा रहा है कि इस बार चुनाव एतिहासिक न हो जाये कारन पहलीबार क्षेत्र की जनता की दिलजीत कर जिला परिषद् में उपाध्यक्ष बने रितेश रंजन कही इसबार विधानसभा की सिट जीत कर अपने सर पर जीत का सेहरा न लेले यह बात क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है. नामांकन में आये जनसैलाब ने भी कद्द्वारो को सोचने पर मजबूर कर दिया है.  

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अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।