अक्तूबर 15, 2015

दिग्गजों का नामांकन...........


सहरसा टाईम्स की रिपोर्ट----पांचवें चरण में होने वाले मतदान के लिए सदर अनुमंडल पदाधिकारी और डीसीएलआर, सहरसा के कक्ष में पहुंचकर सहरसा जिला के चार विधानसभा में से तीन विधानसभा क्षेत्र के लिए कुछ दिग्गजों ने आज अपना नामांकन पर्चा भरते हुए खुद को ना केवल चुनावी समर में उतारने की हुंकार भरी बल्कि खुद के जीत को पूरी तरह से तय भी बताया.
सहरसा विधानसभा से भाजपा के सिटिंग विधायक आलोक रंजन,सोनवर्षाराज विधानसभा से लोजपा की सरिता पासवान,सोनवर्षाराज विधानसभा से ही जन अधिकार पार्टी से मनोज पासवान और महिषी विधानसभा से RLSP के चन्दन बागची और महिषी से ही भाजपा से बागी सुरेन्द्र यादव निर्दलीय ने बड़े तामझाम और लोगों के बड़े हुजूम के साथ आज अपना--अपना नामांकन किया.जिला समाहरणालय परिसर के बाहर हांलांकि लोगों की भीड़ को सुरक्षाकर्मियों ने रोक दिया.
इस मौके पर भाजपा प्रत्यासी आलोक रंजन ने कहा कि बिहार की पूरी जनता इसबार एनडीए के पक्ष में है. उनकी जीत पक्की
है.विरोधी खेमे से बाँकी लोग जो मैदान में खड़े हैं,वे हारे हुए खिलाड़ी हैं.सरिता पासवान ने कहा की उनका किसी से भी मुकाबला नहीं है.जनता उनके साथ है और उनकी जीत पक्की है.यूँ सोनवर्षा राज से जदयू के सिटिंग विधायक रत्नेश सदा से सरिता पासवान का मुकाबला है. 
सबसे चौंकाने वाला बयान महिषी से भाजपा से बागी होकर निर्दलीय पर्चा भरने वाले सुरेन्द्र यादव ने दिया.  सुरेन्द्र ने कहा कि वे अभी भी भाजपा में हैं और आगे भी वे भाजपा में ही रहेंगे.  
इनकी मानें तो चुनाव में भाजपा RLSP के प्रत्यासी चन्दन बागची की जगह उन्हें मदद करेगी.इनकी नजर में चन्दन बागची एक कमजोर उम्मीदवार हैं जिन्हें जनता नकार देगी.
बताते चलें की सुरेन्द्र यादव ने पिछले विधानसभा में भी महिषी से निर्दलीय चुनाव लड़ा था और उन्हें इक्कीस हजार मत मिले थे.नीतीश की आंधी में जीत राजद के अब्दुल गफूर की हुयी थी.अहम बात यह है की अब्दुल गफूर महज 1721 मत से विजयी हुए थे.ऐसे में,सुरेन्द्र का ताल ठोंकना महिषी विधानसभा चुनाव में मुकाबले को बेहद रोचक बना रहा है.

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अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।