मार्च 19, 2013

हम तो लुट गए

 डी.एम सतीश चन्द्र झा
रिपोर्ट सहरसा टाईम्स: मैट्रिक की होने वाली गणित परीक्षा के प्रश्न--पत्र लिक हो चुके हैं की अफवाह फैलाकर फर्जी प्रश्न--पत्र और उसके उत्तर तैयार कर पांच हजार में शिक्षा माफियाओं द्वारा बेचे गए।हांलांकि बिक्री की यह मोटी कीमत  गिरकर दो सौ रूपये तक आ गयी।अपने बच्चों का रिजल्ट हर हाल में अच्छा करवाने की फिराक में जुटे बच्चों के परिजनों ने लिक प्रश्न--पत्र बड़ी उम्मीद से खरीदे थे। सहरसा जिला मुख्यालय का हर चौक--चौराहा काफी गर्म था और छुप--छुपके प्रश्न--पत्र बेचे जा रहे थे। सहरसा टाईम्स ने इस गोरखधंधे की जानकारी सुबह साढ़े आठ बजे सहरसा के डी.एम सतीश चन्द्र झा को दी। सहरसा टाईम्स के साथ वे खुद परीक्षा केंद्र पर पहुंचे और लिक प्रश्न--पत्र का मिलान परीक्षार्थियों के बीच वितरित प्रश्न--पत्र से किया। एक भी प्रश्न का मिलान नहीं हुआ और लोग बड़ी बेरहमी से ठगे गए।लोगों को जब इस ठगी का पता चला तो उनके हाथ--पाँव फुल गए और वे बस अपनी किस्मत को कोसने लगे।लोगों के लाखों रूपये शिक्षा माफिया एक झटके में चट कर गए।
सहरसा टाईम्स के साथ परिजन
बताते चलें की तक़रीबन हर परीक्षा में बीते दस वर्षों से यह खेल चल रहा है लेकिन सहरसा का जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन इस धंधे को रोकने और धंधेबाजों को गिरफ्त में लेने में कामयाब नहीं हो सका है।लोगों का तो अब यहाँ तक कहना है की ऐसे खेल में पुलिस--प्रशासन के लोग खुद शामिल हैं।सहरसा में शिक्षा माफियाओं का एकछत्र राज है।पिछले एक दशक से यह गोरखधंधा यहाँ चल रहा है लेकिन पुलिस---प्रशासन इसपर लगाम लगाने में पूरी तरह से नाकामयाब है। शिक्षक पात्रता परीक्षा और नवोदय के प्रश्न पत्र बीते वर्ष लिक हुए हुए थे जिसके सच होने के प्रमाण भी जिला प्रशासन को मिले थे लेकिन फिर भी किसी तरह की कारवाई कराने में जिला प्रशासन सक्षम साबित नहीं हुआ।जाहिर सी बात है की शिक्षा माफिया पुलिस--प्रशासन पर पूरी तरह से भारी हैं।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें


THANKS FOR YOURS COMMENTS.

*अपनी बात*

अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।