जुलाई 16, 2012

लालू इंज्यूरी रिपोर्ट का इंद्रजाल

तलवे का जख्म दिखता लालू
मुकेश सिंह, सहरसा टाइम्स : बहुचर्चित नाबालिग बच्चे की बेरहमी से पिटाई के लोमहर्षक मामले में अब इन्जुयुरी रिपोर्ट को लेकर बबाल मचा हुआ है.पीड़ित बच्चा और उसके परिजन चीख--चीख कर तलवे में कील ठोंकने की बात कर रहे हैं लेकिन इंज्यूरी रिपोर्ट में तलवे के जख्म तक का जिक्र नहीं है. इस मामले में अब पीड़ित बच्चा और उसके परिजन पुलिस और चिकित्सकों प़र पैसे लेकर इंज्यूरी रिपोर्ट कमजोर और बदलने का आरोप लगा रहे हैं. थोड़ी देर के लिए चलिए हम भी यह मान लेते हैं की तलवे में कील नहीं ठोंकी गयी है लेकिन इंज्यूरी रिपोर्ट में तलवे के जख्म का जिक्र होना चाहिए था.बड़ा सवाल है की आखिर वह कौन सी वजह थी जिस कारण से इंज्यूरी रिपोर्ट में इस जख्म का जिक्र नहीं किया गया.पीड़ित मासूम बच्चा फिलवक्त सदर अस्पताल में भर्ती है.सदर अस्पताल के वे डॉक्टर जिन्होनें पीड़ित बच्चा को अस्पताल में एडमिट किया था और बच्चा अभी जिस डॉक्टर के वार्ड में भर्ती है उनका कहना है की बच्चे के पाँव में कील ठोंका गया की नहीं वे यह तो नहीं जानते लेकिन कोई नुकीली चीज जरुर इस बच्चे के तलवा में चुभी है.जिस मामले को लेकर देश भर में चर्चाएँ हुयीं उस बात की जानकारी सहरसा के सिविल सर्जन साहब को नहीं है.बेरहमी से पिटाई के शिकार हुए लालू प्रसाद के मामले में अब कई तरह के रहस्यों का खुलासा हो रहा है.सदर अस्पताल में भर्ती लालू और उसके परिजन जहां तलवे में कील ठोंकने की बात को चीख--चीखकर कह रहे हैं वहीँ पुलिस और चिकित्सकों प़र पैसे लेकर इंज्यूरी रिपोर्ट कमजोर और बदलने का आरोप भी लगा रहे हैं.अब हम आपको सदर अस्पताल के दो डॉक्टर के बयान बताते है..
१.  डॉक्टर एस.पी.विश्वास.पीड़ित लालू जब 12 जुलाई की शाम में इलाज के लिए सदर अस्पताल आया था तो विश्वास साहब ने ही लालू को इमरजेंसी में एडमिट किया था.इनकी नजर में लालू के तलवे में किसी चीज के चुभने के जख्म थे.
२. डॉक्टर ए.के.पाठक.लालू अभी इन्हीं के वार्ड में भर्ती है.इनकी नजर में भी तलवे में जख्म के निशान हैं लेकिन वे निशान किस चीज से हुए है,कहना मुश्किल है.यूँ अभी वे अपनी फाईनल राय नहीं दे रहे हैं.
आखिर में अब हम आपको इस हंगामेदार फिल्म के सबसे महत्वपूर्ण किरदार का  बयान बताते है.
3. जनाब डॉक्टर भोला नाथ झा.सहरसा के ये सिविल सर्जन सह सी.एम.ओ हैं.सूबा से लेकर देश भर में मासूम लालू प़र बेइंतहा हुए जुल्म की खूब चर्चा हुई.लेकिन भोला बाबू को इस घटना की भनक तक नहीं लगी. इस घटना के बारे में उन्हें जानकारी मिली.सिविल सर्जन साहब ने कहा की वे खुद ना केवल पीड़ित बच्चे के तलवे का जख्म देखेंगे बल्कि सिमरी बख्तियारपुर चिकित्सा प्रभारी से इस बाबत पूरी जानकारी भी लेंगे.इस पूरे मामले को वे गंभीरता से देखेंगे और इसकी जांच करेंगे.अगर किसी का दोष जाहिर होगा तो उसपर कारवाई भी होगी.
एक तो इस मामले में आरोपी व्यवसायी सह निष्काषित जदयू नेता चंद्रमणि भगत सहित उनके दो भाईयों की अभीतक गिरफ्तारी नहीं हुयी है दूसरा इंज्यूरी रिपोर्ट में हेराफेरी को लेकर बबाल मचा हुआ है.सच्चाई आखिर जो भी हो लेकिन तमाम गतिविधियों प़र अगर तटस्थ नजर डालें तो यह साफ़--साफ़ नजर आ रहा है की दाल में जरुर कुछ ना कुछ काला है.वैसे भी अगर तलवे में कील ठोंकने की बात सही नहीं होती फिर भी इंज्यूरी रिपोर्ट में तलवे के जख्म का जिक्र तो किया ही जाना चाहिए था.बताना लाजिमी है की अमूमन अगर मामला थोड़ा भी संगीन होता है तो इंज्यूरी रिपोर्ट के लिए मेडिकल बोर्ड तक का गठन हो जाता है लेकिन जिस मामले में इतनी हाय--तौबा मची,उस मामले में सिमरी बख्तियारपुर से ही इंज्यूरी रिपोर्ट राज्य मुख्यालय को भेज दिया गया.यह सब बड़ी तेजी से हुआ है.आगे अब सबकुछ बड़े अधिकारियों के पाले में है.लेकिन इस मामले में अभी जो कुछ भी चल रहा है उसपर संदेह के घनघोर बादल मंडराते दिख रहे हैं.

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