फ़रवरी 10, 2017

CI साहब 20 हजार रूपये घुस लेते रंगे हाथों गिरफ्तार

अंचल निरीक्षक मोहन साह चढ़े निगरानी के हत्थे.....
बिहार में नहीं थम रही है घूसखोरी.....
निगरानी छोटी मछलियों का कर रही है शिकार, 
बड़ी मछलियों को है बड़े नेताओं का आशीर्वाद........
समस्तीपुर से लक्ष्मी प्रसाद की रिपोर्ट---
समस्तीपुर में रिश्वतखोरी की घटनाओं में लगातार इजाफा हो रहा है ।ताजा मामला समस्तीपुर जिले के महोउद्दीनगर से जुड़ा है जहां विजिलेंस की टीम ने रिश्वत लेते हुए सर्किल इंस्पेक्टर( अंचल निरीक्षक )को धर दबोचा ।
विजिलेंस टीम ने जिले के मोहिउद्दीननगर अंचल कार्यालय के प्रभारी सीआई मोहन साह को उनके घर से ही गिरफ्तार कर लिया ।वो अपने आवास पर एक शख्स से 20 हजार रुपया बतौर घूस ले रहे थे ।गिरफ्तारी के बाद प्रभारी सीआई को निगरानी की टीम अपने साथ पटना ले गयी है ।
जानकारी के मुताबिक मोहन प्रसाद साह कुछ साल पहले रिटायर हुए हैं और वो सेवानिवृत होने के बाद फिलहाल अनुबंध पर काम कर रहे थे ।एक जमीनी काम के निपटारे के लिए संजय कुमार त्रिवेदी से मोहन प्रसाद साह ने बीस हजार रूपये की मान की थी । संजीव त्रिवेदी ने इसकी सूचना निगरानी विभाग,पटना को दी ।पटना से आई निगरानी की टीम के सदस्य पहले संजय कुमार त्रिवेदी से मिलकर रिश्वत देने की योजना बनाकर उन्हें पैसे के साथ राजस्व कर्मचारी मोहन प्रसाद साह के पास भेजा ।कर्मचारी श्री मोहन साह संजय कुमार को अपने आवास पर ही पैसा लेकर बुलाए । ज्योंही  रिश्वत का पैसा कर्मचारी मोहन प्रसाद के हाथ मे पहुचा ।निगरानी की टीम ने उन्हे रंगे हाथों  दबेाच लिया ।
हालांकि कर्मचारी इस दौरान भाग जाने का भी प्रयास किया लेकिन इसमें वे सफल नही हो सकें । इस घटना की पुष्टि करते हुए निगरानी टीम के डीएसपी विनज कुमार सिंह ने बताया कि कर्मचारी को सीधा पटना ले जाया जा रहा है,जहां उनसे पूछताछ के बाद इन पर आगे कीकार्रवाई की जाएगी ।इधर इस घटना केा लेकर मोहद्दीनगर अंचल एवं प्रखंड कार्यालय में हड़कप मचा हुआ है ।छापेमारी का नेतृत्व निगरानी विभाग के डीएसपी विनय कुमार सिंह कर रहे थे ।गिरफ्तार सीआई मोहन प्रसाद साह जिले के कल्याणपुर प्रखंड के रहने वाले हैं ।
जाहिर तौर पर निगरानी ने एक घूसखोर को दबोचा है लेकिन हम इस कामयाबी को बहुत बड़ी कामयाबी नहीं मानते ।अगर निगरानी के अधिकारियों में वाजिब क्षमता है तो वे बड़े अधिकारियों से लेकर राजनेता और मंत्रियों को दबोचकर दिखाएँ ।वैसे यह दम शिकायतकर्ता को भी दिखाने की जरूरत है ।पैसे की चमक में अपने बुढ़ापे नें मोहन प्रसाद साह जेल जा रहे हैं ।इस घटना से अन्य कर्मचारियों सहित अधिकारियों को भी सीख लेनी चाहिए ।जाहिर सी बात है की जो पकडे गए वे चोर,बांकि सभी सन्यासी ।

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अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।