नवंबर 14, 2016

मोदी का नोट के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राईक निश्चित रूप से है मास्टर स्ट्रोक


मोदी का नोट के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राईक निश्चित रूप से है मास्टर स्ट्रोक
कालाधन सड़क पर छितराये और पकड़ में भी आने लगे
लेकिन कुछ अनसुलझे सवाल के जबाब तलाशने होंगे 
दिल्ली से मुकेश कुमार सिंह की एक्सक्लूसिव पड़ताल---->>
.इंडिया 
सबसे पहले हम अपने पाठकों को बैंक में तीर्थ वाली भीड़ की सच्चाई से रूबरू करा रहे हैं ।बैंक में अभी जो लाईन में लगे लोग हैं वे अधिकतर डॉक्टर्स,इंजीनियर्स,ऑफिसर्स और धन्ना सेठ के स्टॉफ,उनके ग्रामीण और रिस्तेदार लोग हैं ।यही नहीं इस काम में आधार कार्डधारी मजदूर भी लगे हैं ।पहले चार हजार,अब साढ़े चार हजार बदलने के लिए ये लाईन में लगे हैं ।इसके बदले 500 रूपये बतौर पारिश्रमिक मिल रहे हैं ।पैसे वाले मजदूर और ग्रामीण इलाके से आधार कार्डधारी को या तो गाँव के बैंकों में ही भेज रहे हैं,या फिर उन्हें लादकर शहर ला रहे हैं ।गौरतलब है की शहरी इलाके से लेकर ग्रामीण इलाके में यह खेल चल रहा है ।हद की इंतहा तो यह है की एक ही व्यक्ति कई बैंकों में जाकर रूपये बदल रहा है लेकिन बैंक अधिकारी इसपर ध्यान नहीं दे रहे हैं ।हमारी समझ से काम के बोझ की वजह से बैंक अधिकारी से यह चूक हो रही है ।लेकिन यह चूक कतई नहीं होनी चाहिए थी ।यानि की कालाधन किसी तरह सफेद हो जाए इसके लिए भगीरथ कोशिश युद्ध स्तर पर चल रहा है ।

हमने ऊपर अपने पाठकों को एक्सक्लूसिव जानकारी दी ।अब कुछ अनसुलझे सवाल हैं जिसके बारे में सरकार की तरफ से कोई जानकारी नहीं आई है की आखिर उसके लिए सरकार ने क्या सोचा है ?
कई बड़ी लूट की घटनाओं के बाद पुलिस ने करोड़ों रूपये की बरामदगी भी की ।वे रूपये पुलिस थाने के मालखानें में हैं ।निगरानी ने जो ट्रैप किये वे रूपये भी जमा हैं ।आईबी,सीबीआई, इनकम टैक्स और सेल टैक्स के छापे में जो अरबों रूपये की बरामदगी हुयी है ।आखिर उन रुपयों का क्या होगा ?सरकार की तरफ से इसको लेकर अभीतक कोई बयान नहीं आया है ।
मुद्रास्फ्रीति या मुद्रा अवमूल्यन में इन रुपयों की क्या हैसियत होगी ?इसके बारे में भी मोदी जी को अपना रुख साफ करना चाहिए ।


वैसे मोदी की इस नोट क्रान्ति ने पुरे देश में भूचाल ला दिया है ।निश्चित रूप से नरेंद्र दामोदर मोदी ने वह कारनामा किया है जिससे देश में दबे काले धन को बाहर आने से कोई नहीं रोक सकता है । मोदी के इस प्रयास से लोगों को सफेद धन की समझ भी आएगी और सरकार को टैक्स देने की आदत भी लगेगी ।निश्चित रूप से देश नयी ऊर्जा के साथ'नयी राह पर चलेगा ।एक नए भारत के निर्माण का शंखनाद हो चुका है ।आने वाले दिनों में भारत के पेड़--पौधे,पशु--पक्षी भी नए स्वर में गीत गाते नजर आएंगे ।

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अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।