लड़कियों के साथ किया अमानवीय सलूक......
सड़क पर लड़कियों से करवाई उठक-बैठक.....
क्या बिहार की तरह झारखण्ड में भी वर्दी को गुंडागर्दी की मिली है आजादी....
जमेशदपुर (झारखंड) से मुकेश कुमार सिंह की बेहद खास रिपोर्ट--- आपने दिल्ली और यूपी पुलिस के साथ--साथ बिहार पुलिस की दादागिरी के कई अनोखे किस्से सुने होंगे लेकिन आज हम आपको झारखंड के जमशेदपुर में पुलिस किस तरह से पुरुषों को तो छोड़िये,लड़कियों के साथ किस बेशर्मी से पेश आ रही है,उसकी दास्तान सुनाने जा रहे हैं ।स्कूटी पर सवार तीन ऐसी लडकियां जिसने हेलमेट नहीं पहन रखा था,उसे पुलिस के एक पुलिस जवान ने पहले तो रोका फिर कानून की सारी आयतें पढ़ाई ।लेकिन इस बेशर्म पुलिस वाले का इससे भी जी नहीं भरा तो इसने बीच सड़क पर इन तीनों लड़कियों से तक़रीबन आधे घंटे तक उठक-बैठक करवाई ।नियमों की अनदेखी करने को हम कतई जायज नहीं ठहराते हैं लेकिन उस जवान ने लड़कियों के साथ ऐसा बर्ताव किया जिससे मानवता शर्मसार हो रही है ।हद बात तो यह जानिये की यह एक मामूली पुलिस जवान का करतब है ।इस जवान ने किसी सीनियर या कम से कम एएसआई लेवल के अफसर की मौजूदगी की भी जरुरत नहीं समझी और बीच सड़क पर ही लड़कियों से तमाशा कराना शुरू कर दिया ।हद तो यह भी है की वहाँ मौजूद लोगों का हुजूम लड़कियों के साथ हो रहे मजाक को रोकने की जगह,मजे और लुत्फ उठाते दिखे ।जाहिर सी बात है की लड़कियों को काफी शर्मिंदगी झेलनी पड़ी ।
जानें क्या है पूरा मामला...
मिली जानकारी के मुताबिक, गुलमोहर स्कूल के पास स्कूटी पर सवार होकर तीन लड़कियां गुजर रही थीं ।पीसीआर वैन में बैठा पुलिस जवान लड़कियों को देखते ही बाहर निकला और उनकी स्कूटी को रुकवाकर उन्हें उतरने को कहा । पहले तो जवान ने हेलमेट और ड्राइविंग लाइसेंस दिखाने की मांग की ।लेकिन लड़कियों ने बताया की घर नजदीक होने की वजह से वे हेलमेट लेकर नहीं निकली थीं । बस फिर क्या था ?वर्दी ने अपना रंग पकड़ा और इस पुलिस जवान ने काफी देर तक बीच सड़क पर लड़कियों को सजा के तौर पर उठक-बैठक करवाई ।
क्या है नियम ?
नियम के मुताबिक गाड़ियों की जांच कम से कम एएसआई लेवल के अफसर ही कर सकते हैं ।
एएसआई ऑफिसर की मौजूदगी में ही दूसरा कोई जवान गाडी ऑनर से पूछताछ तक कर सकता है ।
लड़कियों पर कार्रवाई करने वाले जवान ने गाड़ियों की जांच के दौरान नियमों की आखिर अनदेखी क्यों की ?
फिलवक्त वर्दी के नाम पर पुलिस के जवान की इस हरकत की काफी आलोचना हो रही है लेकिन बड़े अधिकारी इस जवान पर कार्रवाई के नाम पर या फिर इस घटना के बाबत कुछ भी बोलने से परहेज कर रहे हैं ।मुझे यह समझना बेहद कठिन हो रहा है की झारखंड की पुलिस अपराध पर नकेल कसने के लिए तैनात है या फिर उन्हें फ़िल्म की शूटिंग का जिम्मा मिला है ।लड़कियों के गुनाह को हम बेशक मानते हैं लेकिन इस जवान की ओछी हरकत पर कार्रवाई तो होनी ही चाहिए ।वैसे इस तरह की बातें,आई--गयी बातें भी बनकर रह जाती हैं ।
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