अक्तूबर 20, 2016

मधेपुरा में सोशल मीडिया पर लगाये गए प्रतिबन्ध पर नया शंसोधन.....

सहरसा टाईम्स की रिपोर्ट ------ मधेपुरा जिला प्रशासन ने सोशल मीडिया पर लगाये गए प्रितिबंध को वापस लेते हुए नए नियम लागु किया है जो की सराहनीये है और सोशल मीडिया पर अभिव्यक्ति की आजादी को जिन्दा रखने का नया मिसाल कायम किया है. इस पहल के लिए मधेपुरा जिलाधिकारी के साथ साथ मधेपुरा के जागरूक सोशल मीडिया कर्मियों को सहरसा टाईम्स की ओर से बहुत बहुत धन्यवाद. गौरतलब है कि बिहारीगंज में उत्पन्न तनाव में सोशल मीडिया द्वारा अफवाह फैलाए जाने की पुष्टि के बाद मधेपुरा प्रशासन ने एहतियात के तौर पर इस तरह का एक्शन लिया था. पुराने आदेश को रद्द करते हुए नया निर्देश जारी किया गया है। 
सोशल मीडिया पर ग्रुप एडमिन को ही यह जिम्मेवारी दी गई है कि वे अपने ग्रुप में आने वाले गलत संदेश की सूचना सरकारी मोबाइल नंबर 9955948775 पर देंगे. मधेपुरा जिलाधिकारी मो. सोहैल और आरक्षी अधीक्षक ने गुरुवार को समाहरणालय में स्थानीय पत्रकारों, साइबर एक्सपर्ट एवं बुद्धिजीवियों के साथ वार्ता किया। इसी के साथ कई जिम्मेदारी ग्रुप एडमिन को दिया गया की वे अपने ग्रुप पर किसी उत्तेजक, भरकाऊ, धार्मिक उन्माद जैसे सामग्रियों का यदि अपलोड, शेयर या फारवर्ड होने वाले पोस्ट, कमेंट, फोटो या वीडियो आदि हो तो स्क्रीन शॉट लेकर विभाग द्वारा निर्धारित नंबर पर अविलंब सूचित करेंगे। अगर संबंधित एडमिन समय पर यह सूचना उपरोक्त नंबर पर नहीं दी जाती है तो ऐसे एडमिन के विरूद्ध नियमानुसार कानूनी कार्रवाई की जायेगी। जारी पत्र के अनुसार प्रशासन एवं पुलिस की तकनीकी सेल और साइबर क्राइम या स्पेशल टीम इंटरनेट द्वारा जिले में क्रियाशील फेसबुक, वाट्सएप्प जैसे सोशल मीडिया की मॉनिटरिंग कर रही है। 
जाहिरतौर से मधेपुरा जिला प्रशासन का यह स्वागत योग्य पहल है जिसे शोसल मीडिया से जुड़े तमाम सदस्यों को फोलो करना चाहिए. इस बैठक में कई पत्रकार के साथ साथ कोसी के चर्चित साइबर एक्सपर्ट संदीप शांडिल्य भी मौजूद थे।

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अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।