अगस्त 02, 2016

कचरा प्रबंधन की नायाब पहल........

शहर को स्वच्छ बनाने की ऐतिहासिक कवायद .........
समाज को एक नया सन्देश............

सहरसा टाईम्स की रिपोर्ट--- कचरा प्रबंधन समय की मांग है. समाज के लोगों सहित जनप्रतिनिधियों को भी इसमें आगे आना चाहिए. आप सड़क व पुल पुलिया का निर्माण कर ही बदलाव नहीं लाया जा सकता है. कचरा उठाव व उसके प्रबंधन पर भी विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है. उक्त बातें सोमवार को शहर के बटराहा स्थित वार्ड नंबर 23 में सीटी बजाओं कूड़ा उठाओं कार्यक्रम का उद्घाटन करते वार्ड पार्षद सिद्धि प्रिया ने कही. पार्षद श्रीमति प्रिया ने कहा कि नगर परिषद के सफाई कर्मी नियमित सड़क व नाला की सफाई कर रहे है. इसके अलावा सिटी ब्वॉयज की सेवा घरों से कूड़ा उठाव के लिए ली जा रही है. जो आमजनों के सहयोग से ही सफल हो सकेगा. 
उन्होंने कहा कि इस अभियान से वार्ड के प्रत्येक घर को जोड़ा जायेगा. ज्ञात हो कि शहर को स्वच्छ बनाने के लिए सहरसा के युवाओं ने सफाई कर स्वच्छ भारत मिशन में सहयोग कर स्वच्छता का संदेश दिया है. इस दौरान शहर के हर वार्ड में सफाई करने का जिम्मा युवाओं ने लिया. इसके लिए शहर  के युवाओं ने सिटी ब्वॉयज नामक समिति का गठन किया. समिति के अध्यक्ष आदित्य आनंद ने जानकारी देते हुए बताया की स्वच्छ भारत अभियान के तहत सिटी बॉयज के टीम द्वारा मुहल्ले-मुहल्ले में घरेलू कूड़ा -कचरा प्रबंधन का कार्य की शुरुआत की गयी है. टीम द्वारा घरों के कचरे को हटाना,घर-घर जाकर कचरा एकत्रित किया जायेगा. इसी कड़ी में स्वच्छ भारत अभियान को आगे बढ़ाते हुए टीम द्वारा बटराहा वार्ड न० 23 में इस अभियान की शुरुआत की गयी है. 
संस्था अध्यक्ष आदित्य सोनू ने युवाओं के इस पहल पर ख़ुशी जाहिर करते हुए कही की कचरा प्रवंधन समय की समुचित मांग है इससे ना केवल हम अपने पर्यावरण को साफ़ सुथरा रख सकते हैं बल्कि खुद को भी स्वस्थ्य रख सकते हैं. इस मौके पर स्थानीय मनोज कुमार, अशोक गुप्ता, शिव कुमार झा,रामनाथ झा,राघवेन्द्र खां,सुभाष चन्द्र खां,बिमल कान्त मिश्र,बबन झा,अमित भारद्वाज,अरुण साह,बलराम गुप्ता, सुमन यादव, बंटी चौधरी,सदाशिव झा,रिंकू झा, सुनील झा, दिगंबर सिंह सहित संस्था के  मो० अरमान,जय शंकर यादव,संजीव सिंह,अभिषेक प्रिंस,अजीत कुमार,मो सैफ़,जेकेएस मिर्जा,प्रीति सिंह एवं जुगनू कुमारी, अजीत कुमार व अन्य मौजूद थे.

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अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।