मुकेश कुमार सिंह की रिपोर्ट --------
अपराधियों के निशाने पर यूँ तो बड़े कारोबारी, डॉक्टर, इंजीनियर सहित तमाम ऐसे लोग रहे हैं जिनके पास अपार संपत्ति हो। अपराधी ऐसे ही धन--कुबेरों को चिन्हित कर उनसे रंगदारी मांगते रहे हैं। यह हमारी व्यक्तिगत राय नहीं बल्कि हम आंकड़ों की जुबानी कह रहे हैं। लेकिन बिहार के बदले निजाम में जिनके जिम्मे अपराधियों को दबोचने की कमान है, अपराधी अब उनसे ही रंगदारी मांगने लगे हैं।
डीआईजी चन्द्रिका राय से अपराधी ने 20 लाख रूपये बतौर रंगदारी की मांग की और रंगदारी नहीं देने पर उन्हें जान से मारने की बात कही । डीआईजी चन्द्रिका राय से रंगदारी 24 जून को ही अपराधी ने फोन कर के मांगी गयी थी । सदर थाने में काण्ड अंकित कर, इस मामले का अनुसंधान प्रारम्भ किया गया । लेकिन इस मामले की भनक किसी को नहीं लगी ।पुलिस ने अभीतक जो जानकारी इकट्ठी की है, वह किसी से सेयर करना नहीं चाह रही है ।लेकिन हमें जो सूत्रों के हवाले से जानकारी मिल रही है वह यह है की सीडीआर के मुताबिक़ दिल्ली के शेष नारायण यादव नाम के अपराधी ने डीआईजी से रंगदारी की मांग की है ।
अब बड़ा सवाल यह है की जब पुलिस के पास साक्ष्य उपलब्ध हैं तो फिर पुलिस शेष नारायण को गिरफ्तार क्यों नहीं कर रही है । डीआईजी ने हमसे बात करते हुए रंगदारी मांगे जाने की बात की पुष्टि की लेकिन अनुसंधान कहाँ तक पहुंचा है, इसपर चुप्पी साध ली ।
हमारे पाठक इस रंगदारी की घटना से इतना तो समझ ही सकते हैं की बिहार आखिर किस राह पर है ।इस प्रांत में अब पुलिस वालों की भी खैर नहीं ।अब इस राज्य में सुशासन है या फिर गुंडाराज......जनता जनार्दन खुद से तय करे ।हम कुछ बोलेंगे,तो सारे बोलेंगे की बोलता है ।लेकिन क्या करें ""यहां सिर्फ सच दिखता है""।
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