फ़रवरी 25, 2016

पति ने अपने सामने पत्नी का कराया रेप.......

मुकेश कुमार सिंह की रिपोर्ट :- एक तो रेप की किसी भी घटना की जानकारी से ही ना केवल रूह थर्रा उठती है
बल्कि पोर--पोर रोने भी लगता है । लेकिन जब यह पता चले की किसी पति ने ही अपनी पत्नी का रेप करवाया हो, वह भी ना केवल अपनी आँखों के सामने बल्कि अपने किसी सगे रिस्तेदार से, तो सोचिये इस दर्द की कैसी इंतहा होगी । 
जी हाँ ! यह सनसनीखेज और सीने को चाक करने वाली घटना सहरसा के सदर थाना के झपड़ा टोले में घटी है जहां एक पति ने अपनी पत्नी को पहले तो घर से दूर बुलाया, फिर अपनी आँखों के सामने उसका रेप करवाया । यही नहीं, इस दौरान उसने पीड़िता की जमकर पिटाई भी की । पीड़िता न्याय के लिए महिला थाना पहुंची जहां एफआईआर दर्ज करते हुए पीड़िता को मेडिकल के लिए भेजा गया है ।
जिसने सात जन्मों तक साथ रहने और सुरक्षा के नाम पर सात फेरे लिए थे,उसी ने दरिंदगी की सारी दीवारें गिरा दी । देखिये इस अबला को । इसके जिश्म, अस्मत और इसकी आत्मा तक को इसके पति ने अपनी आँखों के सामने रौंदवाया है । इसके पति बबलू शर्मा ने कल रात इसको अपनी बहन के घर खाना खाने के नाम पर ले गया । लेकिन घर पर बहन नहीं थी । बबलू के जीजा मनोज शर्मा घर पर थे । पहले मांस और शराब का दौर चला और उसके बाद बबलू शर्मा के सामने ही उसके जीजा मनोज शर्मा इस अभागी के जिश्म को नोंचता रहा, अस्मत को चाक करता रहा । इस वारदात के दौरान बबलू ने इस अभागी को बेल्ट से जमकर पीटा भी ।
आरती सिंह, एसएचओ, महिला थाना

अस्मत लुटाई इस अबला के बयान पर महिला थाना में मामला दर्ज कर अनुसंधान शुरू कर दिया गया है ।पीड़िता को जहां मेडिकल के लिए सदर अस्पताल भेजा गया है वहीं बहुरूपिया पति और बलात्कारी जीजा दोनों फरार हैं । महिला पुलिस की अधिकारी आरती सिंह, एसएचओ, महिला थाना कार्रवाई की बात कर रही हैं ।

क्या एक पति इतना जालिम भी हो सकता है,सुनकर यकीं करना मुश्किल है ।लेकिन इस कलयुगी पति ने यह जघन्य अपराध किया है । आगे पुलिस कैसी कार्रवाई करती है और पीड़िता को कितना न्याय दिलाती है,यह देखना बेहद जरुरी है ।

बच्ची को लगी गोली, स्थिति नाजुक ............


सहरसा टाईम्स  की रिपोर्ट:-  अज्ञात अपराधियों के द्वारा की गयी गोलीबारी में आज अहले सुबह महादलित परिवार की एक मासूम बच्ची को गर्दन में गोली लग गयी जिसे आनन्---फानन में सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया । महादलित परिवार की महज डेढ़ साल की नन्ही कुमारी जिसने अभी दुनिया में आकर ककहरा भी नहीं सीखा था, देखिये अपनी माँ की गोद में किस तरह से बेहोश पड़ी हुयी है । उसकी गर्दन में गोली लगी थी,जिसे डॉक्टर ने निकाल दिया है ।माँ पूजा कुमारी बता रही है की सुबह में वह अपनी बेटी के साथ सोई हुयी थी की अचानक ऊपर से एक गोली सनसनाती हुयी उसकी बेटी की गर्दन में आ लगी । बच्ची की गर्दन से गोली निकाल दी गयी है लेकिन उसकी स्थिति नाजुक बनी हुयी है ।घटना को लेकर मिली जानकारी के मुताबिक़ यह घटना पुरानी जमीनी विवाद को लेकर घटी है ।वैसे हद तो यह की गोली घर के ऊपरी चदरे को छेदती हुयी भीतर आई ।घटना सदर थाना के डीबी रोड की है ।फिलहाल पुलिस मामले की तफ्तीश में जुट चुकी है ।
आखिर गोली कहाँ से,किसने और किस नीयत से चलाई, फिलवक्त एक पहेली की तरह है ।लेकिन इस घटना ने इतना तो बता दिया है की अपराधियों  के सामने पुलिस ने पूरी तरह से अपने घुटने टेक दिए हैं ।गोली किसने चलाई उसने नहीं देखा ।घर के लोगों के साथ वह अपनी खून से लथपथ जख्मी बेटी को लेकर तुरंत सदर अस्पताल भागी ।
इधर मोहल्ले के लोगों का कहना है की बीते तीस वर्षों से जख्मी बच्ची के दादा रतन राम से अशोक तिवारी और शंकर तिवारी का जमीनी विवाद है ।इनलोगों ने कई बार रतन राम को जान से मारने की धमकी भी दी थी ।इनलोगों की मानें तो तिवारी परिवार ने ही इस घटना को अंजाम दिया है ।हमलावर रतन राम और उसके बेटे ललित राम को मारना चाहते थे लेकिन गोली मासूम बच्ची को लगी ।
सदर अस्पताल में लोग सदर थानाध्यक्ष संजय कुमार सिंह के सामने ही उनपर कई तरह के गंभीर और शर्मनाक आरोप लगा रहे थे ।लोग रहे हैं की थानाध्यक्ष बिना पैसे लिए एक भी केश दर्ज नहीं करते हैं।यही नहीं जमीन माफियाओं और शातिर अपराधियों से उनकी सांठगांठ है।इनके समय में अपराध का ग्राफ काफी बढ़ा है। लोगों ने तो यहां तक कहा की इनके रहने से आमलोग बेहद डरे--सहमे हैं।  
इधर घटना को लेकर सदर थानाध्यक्ष संजय कुमार सिंह ने कहा की उन्हें इस घटना को लेकर अस्पताल से गयी ओडी स्लिप से जानकारी मिली ।बच्ची को गोली लगी है और जख्मी के माता--पिता के बयान पर काण्ड अंकित कर अनुसंधान किया जाएगा । वैसे घटना में शामिल लोग किसी भी सूरत में बख्शे नहीं जाएंगे । थानाध्यक्ष जख्मी के घर पहुंचकर जांच में जुट चुके हैं ।गोली कहाँ से कैसे चली,इसको भी उन्होनें देखा ।हम अपने दर्शकों को भी गोली वाली जगह से लेकर तमाम एक्सक्लूसिव तस्वीर दिखा रहे हैं ।
मामले की वजह आखिर जो भी हो और घटना को अंजाम देने वाले शातिर से शातिर क्यों ना हो,बड़ा सवाल तो यह है की आखिर इस मासूम ने किसका क्या बिगाड़ा था ।इस घटना से पुरे इलाके में सनसनी और पुलिस के खिलाफ बेहद आक्रोश है ।जाहिर तौर पर इस मामले में बड़े अधिकारियों को हस्तक्षेप करते हुए दूध का दूध और पानी का पानी करना चाहिए ।

परीक्षा में दो मुन्ना भाई गिरफ्त में आये

सहरसा टाईम्स की रिपोर्ट :- इंटर परीक्षा के दौरान आज पॉलिटेक्निक कॉलेज परीक्षा केंद्र पर दूसरे की जगह पर परीक्षा दे रहे दो मुन्ना भाई दबोचे गए । इन दोनों के अलावे कदाचार के आरोप में कुल नौ परीक्षार्थी आज परीक्षा से निष्काषित किये गए ।

फ़रवरी 24, 2016

डॉक्टरों की हड़ताल का साईड इफेक्ट, मरीज के परिजन कर रहे हैं त्राहिमाम


मुकेश कुमार सिंह की कलम से :- आईएमए के बैनर तले जिले भर के डॉक्टरों की शुरू हुयी अनिश्चितकालीन हड़ताल का आज तीसरा दिन है हांलांकि इस हड़ताल का साईड इफेक्ट पहले दिन से ही दिखना शुरू हो गया था। इलाज के अभाव में 22 फ़रवरी की शाम में जहां एक मासूम बच्चे की मौत सदर अस्पताल में हो गयी थी वहीं सदर अस्पताल के आपातकालीन में भर्ती मरीज और इनडोर के मरीज भी त्राहिमाम कर रहे थे । सबसे पहले हम यह बताते चलें की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम, डॉक्टरों से रंगदारी मांगने वाले अपराधियों की शीघ्रता से गिरफ्तारी और सभी डॉक्टरों को हथियार का अविलम्ब लाइसेंस मिले इसके लिए डॉक्टरों ने हड़ताल की है । 
हड़ताल के पहले दिन ही मधेपुरा जिले के मानपुर तरही टोला के रहने वाले सुभाष पासवान के तीनों बच्चे एक साथ बीमार हुए। डायरिया की शिकायत थी । इलाज के लिए पहले ये सुपौल सदर अस्पताल गए लेकिन वहाँ से इन्हें सहरसा के एक निजी क्लीनिक भेजा गया। लेकिन डॉक्टर की हड़ताल की वजह से इन्हें क्लीनिक में जगह नहीं मिली। ये कई क्लीनिक गए लेकिन हर जगह इन्हें फटकार और दुत्कार मिली। थक--हारकर ये सदर अस्पताल आये लेकिन यहां भी डॉक्टर हड़ताल पर थे । इस हड़ताल की आग और इलाज के अभाव में अस्पताल में इनका एक बच्चा दुनिया को अलविदा कह गया ।
इस हड़ताल का व्यापक असर है।आपको बताएं की अस्पताल के आपातकालीन कक्ष में भर्ती अन्य मरीजों को भी सहरसा से बाहर भेजने का प्रयास किया जा रहा है ।मरीज के परिजन त्राहिमाम कर रहे हैं और कह रहे हैं की हड़ताल की वजह से उनके मरीज के पास ना तो डॉक्टर आ रहे हैं और ना ही नर्स आ रही है ।

एक महिला सिपाही वीना देवी कह रही हैं की वह एक रेप पीड़िता नाबालिग का मेडिकल करवाने आई थी लेकिन हड़ताल की वजह से बच्ची का मेडिकल नहीं हो सका और वे यूँ ही वापिस लौट रही हैं ।
अब जब डॉक्टर हड़ताल पर हों तो क्या करेंगे सिविल सर्जन साहब डॉक्टर अशोक कुमार सिंह। बेचारे खुद मरीज का इलाज करने का देखिये किस तरह से रस्म निभा रहे हैं ।
डॉक्टर को अत्याधुनिक हथियार रखने का जूनून सवार हुआ है ।ये खुद से अपनी सुरक्षा लायसेंसी हथियार के दम से करेंगे ।यानि अब मरीजों का इलाज हथियार की नोंक पर होगा।  डॉक्टर की सुरक्षा निहायत जरुरी है लेकिन हथियार के लायसेंस के लिए अनिश्चितकालीन हड़ताल पर डॉक्टरों का इस तरह से चले जाना निश्चित रूप से उनके धरती के भगवान् की छवि को पूरी तरह से खत्म कर डालेगा ।
हड़ताल के तीसरे दिन सरकारी और गैर सरकारी डॉक्टरों की हड़ताल की वजह से निजी नर्सिंग होम से लेकर सदर अस्पताल तक में मरीज और उनके परिजन त्राहिमाम करते दिखे ।एक तरफ जहां निजी नर्सिंग होम से मरीज भागने की जुगत कर रहे हैं वहीं सदर अस्पताल में भी मरीज बेहद हलकान और परेशान हैं ।जाहिर तौर पर डॉक्टरों के इस अनिश्चितकालीन हड़ताल का खामियाजा हर तबके के लोग भुगत रहे हैं ।
सहरसा में करीब दो दर्जन बड़े नर्सिंग होम हैं लेकिन बीते तीन दिनों से सभी में ताले जड़े हुए हैं ।आलम यह है की नर्सिंग होम में पहले से भर्ती मरीज जिनका आज ऑपरेशन होने वाला था,उस मरीज को हड़ताल की वजह से पटना रेफर कर दिया गया है । 
जो मरीज बाहर से इलाज के लिए आ रहे हैं,वे बिना इलाज कराये ही वापिस हो रहे हैं ।हद तो इस बात की है की परिजन मरीज को ऑटो पर लादकर इस नर्सिंग होम से उस नर्सिंग होम का सफ़र तय कर रहे हैं लेकिन उस मरीज का कहीं भी इलाज नहीं हो रहा है ।इसके अलावे नर्सिंग होम की खाली कुर्सियां इस बात की अलग से तकसीद कर रही हैं  की हड़ताल का व्यापक असर है ।
इधर कोसी के पीएमसीएच कहे जाने वाले सदर अस्पताल की स्थिति तो और भी खराब है ।बताते चलें की कोसी इलाके में गरीबी,बेकारी, भुखमरी और बिमारी कुलाचें भरती हैं ।ऐसे में खासकर के गरीब मरीज पूरी तरह से सरकारी अस्पताल के भरोसे होते हैं ।लेकिन बेमियादी हड़ताल की वजह से सदर अस्पताल के आपातकालीन कक्ष से लेकर इनडोर में भर्ती मरीज त्राहिमाम कर रहे हैं ।
आपातकालीन कक्ष से लेकर इनडोर का बेहद बुरा हाल है ।आपातकालीन कक्ष में एक महिला के पेट में पत्थर है जिसका ऑपरेशन होना बेहद जरुरी है लेकिन उसका ऑपरेशन हड़ताल की वजह से नहीं हो रहा है ।इनडोर में कल से कोई डॉक्टर मरीज को देखने नहीं गए हैं ।यानि सदर अस्पताल का मंजर बेहद जानलेवा है ।अगर किसी मरीज की जान यहाँ बच जाए तो समझिये अल्लाह मेहरबान है ।
हमने सदर अस्पताल के इस बदतर हालात को लेकर आपातकालीन कक्ष में मधेपुरा से बुलाकर तैनात किये गए डॉक्टर से खास बातचीत की ।डॉक्टर ने खुले सफे से कहा की अस्पताल की व्यवस्था पूरी तरह से चरमराई हुयी है ।मरीज परेशान हैं ।वे अपनी तरफ से बेहतर कोशिश कर रहे हैं लेकिन हड़ताल ने अस्पताल को पूरी तरह से बदहाल कर दिया है ।
सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम,डॉक्टरों से रंगदारी मांगने वाले अपराधियों की गिरफ्तारी और सभी डॉक्टरों को हथियार का लायसेंस मिले की जिद पर अड़े ये डॉक्टर बेमियादी हड़ताल पर हैं ।अब सरकार और स्थानीय प्रशासन इन डॉक्टरों को कौन सी जड़ी पिलाकर हड़ताल खत्म कराने की पहल करेगा,आगे यह देखना बेहद जरुरी है ।फिलवक्त मरीज त्राहिमाम करने के साथ--साथ धरती के भगवान् को जीभर के कोस रहे हैं ।बड़ा सवाल यह है की आने वाले दिनों में क्या ये डॉक्टर हथियार की नोंक पर मरीजों का इलाज करेंगे ।

इंटर परीक्षा का आगाज, 16 परीक्षार्थी निष्काषित.....

एक्सलूसिव रिपोर्ट 
* परीक्षा केंद्र के भीतर मीडियाकर्मियों के जाने पर पाबंदी
* डीएम खुद कदाचार मुक्त परीक्षा के लिए परीक्षा केंद्र का निरीक्षण कर रहे हैं
* 16 परीक्षार्थी निष्काषित..... 
सहरसा टाइम्स की रिपोर्ट----आज से शुरू हुयी इंटर की परीक्षा जिला प्रशासन और सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती है। आज परीक्षा के पहले दिन जहां कदाचार मुक्त परीक्षा के दावों के साथ सभी केंद्रों पर खुद डीएम विनोद सिंह गुंजियाल निरीक्षण करते रहे वहीं जिला मुख्यालय के विभिन्य केन्द्रों पर 16 परीक्षार्थी को कदाचार करने के आरोप में परीक्षा से निष्काषित कर दिया गया। जाहिर तौर पर इस बार जिला प्रशासन कदाचार मुक्त परीक्षा संपन्न कराने की हर कोशिश में जुटा हुआ है ।

डीएम विनोद सिंह गुंजियाल, परीक्षा कक्ष में...
डीएम विनोद सिंह गुंजियाल खुद कदाचार मुक्त परीक्षा हो इसके लिए कमर कसके विभिन्य परीक्षा केंद्र का निरीक्षण कर रहे हैं । यूँ परीक्षा केंद्र के भीतर मीडियाकर्मियों के जाने पर पाबंदी लगा दी गयी है लेकिन सहरसा टाईम्स आग्रह कर के डीएम के साथ रमेश झा महिला महाविद्यालय में निरीक्षण का एक्सक्लूसिव जायजा लिया। आज पहली पाली में अनुग्रह नारायण सिंह स्मारक हाई स्कूल में तीन परीक्षार्थी सहित कुल 16 परीक्षार्थी निष्काषित किये गए हैं जिन्हें जेल भेजने की तैयारी की जा रही है।

डीएम जहां कदाचार मुक्त परीक्षा के दावे कर रहे हैं वहीं निष्काषित छात्र को लेकर मैजिस्ट्रेट असर्फी साहनी पूरी जानकारी दे रहे हैं । 
हमने निष्काषित छात्रों से एक्सक्लूसिव बातचीत भी की जिसमें उन्होनें अपनी गलती स्वीकार की । सहरसा में 17 परीक्षा केंद्र बनाये गए हैं,जहां 19247 परीक्षार्थी इस परीक्षा में शामिल हो रहे हैं ।परीक्षा केंद्रों पर मजिस्ट्रेट की तैनाती के साथ--साथ बड़ी संख्यां में पुलिस अधिकारी और जवानों को भी लगाया गया है ।तीसरी आँख से अलग से इस परीक्षा पर नजर रखी जा रही है ।

मद्य निषेध अभियान की शुरुआत.........


मुकेश कुमार सिंह की रिपोर्ट:-- बिहार में आगामी 1 अप्रैल से देशी शराब पर पूरी तरह से रोक लग जायेगी ।इसी कड़ी में की लोग किसी तरह से शराब को छोड़ दें और अपने परिवार को बर्बादी से बचाएं,इसके लिए जिला प्रशासन ने आज मद्य निषेध अभियान की शुरुआत की । नाटक और गीतों के माध्यम से जिले के सभी पंचायत तक कलाकारों की टोली पहुंचेगी और लोगों को शराब छोड़ने के लिए विवश करेगी। 
घर बचाओ,परिवार बचाओ नारे से शुरू इस अभियान को जिलाधिकारी ने जिला समाहरणालय से हरी झंडी दिखाकर विदा किया । 
तीन टीम में विभक्त ये सभी कलाकार जिला समाहरणालय परिसर में फिलवक्त एक साथ जमा हैं और लोग शराब छोड़ें इसके लिए गीत गा रहे हैं ।नाटक मंचन और विविध तरह के गीतों के माध्यम से ये कलाकार लोगों को शराब की बुराई से ना केवल रूबरू कराएंगे बल्कि लोगों का घर--परिवार कैसे बिखड़ता है,इसको भी बताएँगे ।इस जत्थे में वैसी भी महिलायें शामिल हैं जिन्होनें शराब की वजह से अपने उजड़े घर का दंश झेला है । 
इस मौके पर सहरसा टाईम्स ने ना केवल इस अभियान का जायजा लिया बल्कि डीएम और अभियान के कलाकारों से खास बातचीत भी की ।
आज जिस तरह से इन कलाकारों ने आगाज किया है उससे किसी का भी रूह सिहर उठेगा ।शराब ना पीने की नसीहत से लवरेज इन कलाकारों का प्रयास,निश्चित रूप से रंग लाएगा, सहरसा टाईम्स सिद्दत से यह दुआ करता है ।
जाहिर तौर पर शराब की वजह से होने वाली बड़ी बर्बादी से हम शराब ना पीकर बच सकते हैं ।नशा कभी भी और किसी का भी भला नहीं होने देगा ।

फ़रवरी 21, 2016

जे.एन.यू. घटना पर.............. चेतन आनंद

 सहरसा टाईम्स की रिपोर्ट: - जे.एन.यू. की घटना का शोर दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है. घटने का नाम हीं नहीं ले रहा है. संसद पर हमले का साजिशकर्ता अफजल गुरु को शहीद बतलाना कैम्पस में जो हुआ वह देश के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है. केंद्र के पास यदि इसका ठोश प्रमाण है तो उसे राष्ट्र द्रोही के खिलाफ कार्रवाई करने से हिचकना नहीं चाहिए। कैम्पस में जो राष्ट्र विरोधी नारे लगे और पाकिस्तान का झंडा लहराया गया यह कतई बर्दास्त के काबिल नहीं है. ऐसा करने तो कौन सोचने पर भी ऐसे तत्वों को सौ टुकड़े कर दे तो काम है. उक्त बातें चेतन आनंद राष्ट्रीय अध्यक्ष, छात्र हम (से०) ने कहा.
इसके साथ उन्होंने ये भी कहा की वोट के लिए और मुस्लिम तुष्टिकरण के नाम पर ऐसी शर्मनाक हरकत निंदनीय है. क्योंकि तारीख गवाह है कि भारत के मुसलमान किसी से भी ज्यादा राष्ट्रभक्त है. छदम सेक्युलरवादियों की ऐसी अोछी राजनीति ही हिन्दू चरमपंथियों को ताकत मुहैया कर रही है. लेकिन घटना के विरोध के नाम पर किसी पार्टी के दफ्तर पर हमला, पत्रकारों की पिटाई, पुलिस अभिरक्षा में एक पक्ष के वकीलों द्वारा कोर्ट परिसर में आरोपी पर हमला ये सभी जनतंत्र विरोधी आचरण है. इन सब पर भी कार्रवाई की जरुरत है. याद रहे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रा लोकतंत्र की खूबसूरती है, पर इस नाम पर हर किसी को रास्त्र विरोधी गतिविधियों या उदंडता की छूट नहीं दी जा सकती।।।।।।।।।।।।।   चेतन आनंद राष्ट्रीय अध्यक्ष, छात्र हम (से०) के द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति। 

फ़रवरी 20, 2016

बिहार सरकार के केबिनेट मंत्री का NSUI ने किया स्वागत ........

बिहार सरकार के केबिनेट मंत्री अवधेश नारायण सिंह
सहरसा टाईम्स की रिपोर्ट:-  अपुस्ट खबरों पर NSUI एवं कांग्रेस कार्यकर्ताओंने पार्टी के प्रति सजगता दिखाते हुए मंत्री का गर्म जोशी से स्वागत कर न सिर्फ कोरम पूरा किया बल्कि अपने चकाचोंध में डूबे आयोजकों के बेसुध मंत्री का सुध भी लिया। BOACON सम्मलेन के उद्घाटन कर्ता बिहार सरकार के केबिनेट मंत्री एवं कांग्रेस के कद्दावर नेता अवधेश नारायण सिंह की आने की अपुस्ट खबर यह बताता है कि परिसदन में जब मंत्री महोदय आते है तो आयोजक चाय तक की भी समुचित व्यवस्था नहीं कर पाया था. उक्त बाते NSUI के प्रदेश महा सचिव मनीष कुमार एवं NSUI के सहरसा जिलाध्यक्ष सुदीप कुमार सुमन ने संयुक्त रूप से कहा.
गौरतलब है कि सहरसा में कोसी आर्थोपेडिक क्लब द्वारा बिहार आर्थोपेडिक एसोसिएशन का ४२ वां वार्षिक सम्मलेन का आयोजन किया जा रहा है. इस सम्मलेन में विदेश के प्रसिद्ध हड्डी विशेषज्ञ भी शिरकत कर रहे है. 
NSUI छात्र नेता ने कहा कि  पार्टी समर्थित कार्यकर्ताओं के बदौलत आगंतुक मंत्री जी का समुचित व्यवस्था पार्टी कार्यकर्ताओं के द्वारा ही सम्भव हो पाया। पुरे घटना क्रम से यह स्पष्ट हो रह है की आयोजक एवं आयोजन के उद्घाटन करने पहुंचे केबिनेट मंत्री का कोई एक दूसरे के प्रति शर्द्धा और विश्वास कम सिर्फ औपचारिकता निभाना मात्र था.
होगा भी क्यों नहीं जहाँ सम्मलेन के महत्व और उपयोगिता को संकल्पित कर आम जानो के बीच पहुँचाने वाले मीडिया कर्मी भी उक्त स्थलों पर  वर्जित है तो यह मोनोपोली नहीं तो और क्या ?

जन अधिकार पार्टी का अपराध के खिलाफ आक्रोश .....



मुकेश कुमार सिंह-----बिहार में बढ़ते अपराध,सत्ताधारी विधायकों की अपराध लीला सहित कुछ अन्य मांगों को लेकर जन अधिकार पार्टी के द्वारा बिहार बंद का आज सहरसा में व्यापक असर देखा जा रहा है। पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने जहां जिले के विभिन्य इलाकों में सड़क यातायात को जाम कर दिया वहीं घूम---घूमकर बाजार को भी बंद करा डाला ।
आज सुबह से ही जन अधिकार पार्टी के समर्थक और कार्यकर्ता जत्थे में सड़कों पर उतरे और सहरसा बाजार को पूरी तरह से बंद करा डाला। बंद के दौरान बाबले हो रहे ये आंदोलनकारी जमकर सरकार विरोधी नारे भी लगा रहे थे ।बताते चलें की जन अधिकार पार्टी के सर्वे--सर्वा मधेपुरा के सांसद पप्पू यादव का कोसी और सीमांचल इलाके में मजबूत जनाधार है। आंदोलनकारियों ने जिले की कई मुख्य जगहों मसलन सलखुआ,सिमरी बख्तियारपुर,महिषी, नवहट्टा सहित कई अन्य इलाकों में भी सड़कों पर जाम लगाकर जहां यातायात को पूरी तरह से बाधित कर डाला वहीं बाजार को भी बंद करा दिया ।
इन आंदोलनकारियों ने बैजनाथपुर के समीप एनएच 107 को जामकर सहरसा--मधेपुरा मार्ग को जामकर यातायात को पूरी तरह से ठप्प कर दिया ।
आंदोलनकारियों ने सहरसा जिला मुख्यालय के शंकर चौक को जामकर मुख्य बाजार डीबी रोड,बंगाली बाजार,महावीर चौक,पूरब बाजार,कपड़ा पट्टी सहित सभी बाजार को जबरन बंद करा दिया इस जाम और बंदी के दौरान पुलिस पूरी तरह से असहाय नजर आती रही ।इस बंद से आमलोग काफी हलकान और परेशान रहे ।
इस बंदी का बिहार सरकार पर आगे जो भी असर हो लेकिन इस बंदी के बहाने सांसद पप्पू यादव ने एक बार फिर बिहार में अपनी ताकत का अहसास जरूर कराया है 

फ़रवरी 19, 2016

सहरसा के एस.पी. का तबादला...

सहरसा टाईम्स की रिपोर्ट :- नितीश सरकार ने लॉ एंड ऑडर को दुरुस्त करने के लिए सहरसा जिले के पुलिस अधीक्षक का तबादला कर दिया है. बिगत दिनों से सहरसा जिले में क्राइम का ग्राफ काफी तीव्र गति से  बढ़ा है.  
गौरतलब है कि सहरसा एस.पी. का तबादला करते हुए नये एस.पी. अश्वनी कुमार को सहरसा के बिगड़ती कानून व्यवस्था को दुरुस्त करने का जिम्मा नीतीश कुमार ने दी है. आगे देखना होगा कि अश्वनी कुमार सहरसा जिले में अपराध पर कितना अंकुश लगा पाते है.

फ़रवरी 18, 2016

बच्चों का फूटा गुस्सा

मुकेश कुमार सिंह की कलम से----जब स्कूल में पढ़ाई ना हो,जब स्कूल में एमडीएम का का खाना ठीक से ना मिले और जब पोशाक सहित छात्रवृति की राशि ना मिले तो थक--हारकर ये मासूम नौनिहाल अपने हक़ और हकूक के लिए सड़कों पर उतरेंगे ही ।आज सदर थाना के बेंगहा स्थित मध्य विद्यालय के छात्रों ने ना केवल स्कूल में तालाबंदी कर स्कूल के शिक्षकों को बंधक बना लिया बल्कि सड़कों पर ही पढ़ाई शुरू कर के सिस्टम पर कई सवाल भी खड़े कर दिए ।हद तो इस बात की है की इन बच्चों के अभिभावक भी इन बच्चों के साथ हंगामे को और हवा दे रहे थे ।

यह है बेंगहा का मध्य विद्यालय । देखिये इस स्कूल के बच्चे किस तरह से स्कूल के मुख्य गेट पर टाला जड़ के हंगामा कर रहे हैं ।इस स्कूल के बच्चों को विगत कई महीनों से ना तो छत्रवृति मिली है और ना ही इन्हें अच्छा खाना दिया जा रहा है ।बच्चों के अभिभावक अगिया--बेताल हैं और स्कूल की प्रधानाध्यापिका पर उनके सामने ही कई गंभीर आरोप लगा रहे हैं ।बच्चों के टीसी के नाम पर तीन सौ रूपये वसूलने का उनपर आरोप लग रहा है ।हमारे कैमरे के सामने और प्रिंसिपल के सामने ही स्कूल के एक बच्चे ने कह डाला की उसको छात्रवृति का पैसा नहीं मिला है । हद की तस्वीर तो यह देखिये की बच्चे किताब निकाल कर बीच सड़क पर ही पढ़ाई शुरू करके सिस्टम को कटघरे में खड़ा कर रहे हैं ।अभिभावक कह रहे हैं की उन्होनें सात---आठ बार सड़क जाम किया है लेकिन उनके बच्चों को फिर भी उनका हक़ नहीं मिला ।
स्कूल की प्राधानाध्यापिका की अलग दलील है ।यह कह रही हैं की हाजिरी के मुताबिक़ बच्चों को छात्रवृति की राशि दे दी गयी है ।अब जो बच्चे पैसे मांग रहे हैं,वे उनके विद्यालय के नहीं हैं ।हंगामे की सूचना पर मौके पर पहुंचे पुलिस अधिकारी उमाकांत उपाध्याय ने घटना के बाबत तफ़सील से हमें जानकारी दी । उनकी माने तो आगे जांच के बाद कार्रवाई होगी ।
बच्चों के तल्ख तेवर और सड़क पर पढ़ाई करने का यह तरीका निसंदेह उनकी पीड़ा का परवान है ।आगे यह देखना बेहद जरुरी है की इन बच्चों के हक़ के लिए कोई ठोस पहल होती है,या फिर ये बच्चे यूँ ही फिर से आंदोलन को विवश होंगे ।वैसे ऐसे मामले में बड़े अधिकारी आश्वासन की घूंटी पिलाने के सिवा हमें तो कोई बड़ी कार्रवाई करते आजतक नजर नहीं आये हैं ।

डॉक्टर अजय कुमार सिंह सड़क हादसे में जख्मी ....


सहरसा टाइमस की रिपोर्ट :- सहरसा के ख्यातिलब्ध शल्य चिकित्सक डॉक्टर अजय कुमार सिंह एक शादी समारोह में शामिल होने मधुबनी जाने के दौरान कोसी माहासेतु पर एक वाहन की ठोकर से दुर्घटनाग्रस्त हो गए । फिलवक्त डॉक्टर अजय पटना के पारस  अस्पताल में भर्ती हैं, जहां चिकित्सकों ने उन्हें खतरे से बाहर बताया है। 
घटना को लेकर मिली जानकारी के मुताबिक़ डॉक्टर अजय अपने चार पहिये वाहन से अपने कुछ मित्रों के साथ शादी समारोह में शामिल होने जा रहे थे ।किसी काम से वे सेतु पर रुके और दाहिनी तरफ से जैसे ही गाडी से उतरने की कोशिश की,तभी पीछे से आ रही एक दूसरी गाड़ी उन्हें ठोकर मारते हुए आगे निकल गयी ।गंभीर रूप से जख्मी डॉक्टर अजय को पहले सुपौल अस्पताल लाया गया लेकिन उनकी स्थिति गंभीर देखते हुए एम्बुलेंस से बिना समय गंवाए उन्हें पटना ले जाया गया। 
उनके साथ गए डॉक्टर विजय शंकर से सहरसा टाईम्स की बात हुयी जिसमें उन्होनें बताया की डॉक्टर अजय को सर और शरीर के कुछ अन्य हिस्सों में चोट आई है । अभी डॉक्टर अजय होश में आ चुके हैं और सभी से बात भी कर रहे हैं । पारस अस्पताल में डॉक्टर की एक टीम उनकी चिकित्सा में लगी हुयी है।
सहरसा टाईम्स डॉक्टर अजय की लंबी उम्र की कामना के साथ यह भी दुआ कर रहा है की वे जल्द स्वस्थ होकर सहरसा वापिस आएं और सिद्दत से अपने कर्तव्य में जुट जाएँ। कोसीवासी डॉक्टर अजय के जल्द स्वस्थ होने की अलग से कामना कर रहे हैं ।

घूसखोर सीओ गिरफ्तार .....

मुकेश कुमार सिंह :- आज पटना से आई निगरानी टीम ने सहरसा जिले के कहरा सीओ अनिल कुमार सिंह को बीस हजार रूपये घुस लेते हुए रंगे हाथों दबोच लिया ।गिरफ्त में आये सीओ ने सदर थाना में तैनात एक चौकीदार से उसके बकाये एरियर के भुगतान के बदले चालीस हजार रूपये बतौर नजराने की मांग की थी ।निगरानी की टीम गिरफ्तार सीईओ को लेकर पटना रवाना हो चुकी है ।इधर गिरफ्तार सीओ ने खुद को बेकसूर और साजिश के तहत फंसाये जाने की बात कही है ।गिरफ्तारी के बाद निगरानी टीम ने सीओ के घर की भी सघन तलाशी ली लेकिन इसमें निगरानी को कोई भी दस्तावेज हाथ नहीं लग सके ।
देखिये घूसखोर सीओ को । जनाब मोहन कुमार यादव नाम के चौकीदार से उसके बकाये एरियर दो लाख रूपये की निकासी के लिए बतौर नजराना चालीस हजार रूपये मांग रहे थे ।मोहन यादव ने पहले तो खूब मिन्नतें की लेकिन जब बात नहीं बनी तो उसने इसकी शिकायत निगरानी से कर दी ।निगरानी ने दो दिन पूर्व सहरसा आकर मामले का सत्या  
पन किया फिर धावादल बनाकर आज पहले तो सदर थाना के नया बाजार स्थित इनके घर की घेराबंदी की फिर बीस हजार रूपये लेते हुए रंगे हाथों उन्हें दबोच लिया ।
बताते चलें की शेष बीस हजार रूपये के भुगतान की बात बाद में देने की हुयी थी ।मुन्ना प्रसाद,डीएसपी, निगरानी ने गिरफ्तारी के बाबत तफसील से जानकारी दी। 
इधर गिरफ्त में आये सीओ अनिल कुमार सिंह खुद को बेकसूर और साजिश में फंसाये जाने का राग अलाप रहे हैं ।कह रहे हैं की उन्होनें ललन सिंह नाम के कर्मचारी पर एफआईआर दर्ज करवाया है ।सम्भव है की इसी कारण से उन्हें फंसाया गया है ।उन्होंने मोहन चौकीदार से रूपये की मांग नहीं की थी ।वैसे सभी कुछ जांच के बाद साफ़ हो जाएगा ।
इस मामले ने इतना तो साफ़ कर दिया है की बिहार में घुसखोरी का खेल बदस्तूर जारी है ।वैसे बताते चलें की निगरानी के हत्थे अक्सर छोटी मछलियाँ ही चढ़ती हैं । अमूमन बड़ी मछलियाँ बिना किसी के भय के ही घुसखोरी का परचम लहरा रही हैं।जाहिर तौर पर जो पकड़ा गया वह चोर,वर्ना सन्यासी ।

फ़रवरी 16, 2016

आक्रोश में धरती के भगवान ....


मुकेश कुमार सिंह की कलम से----अपराधियों के द्वारा लगातार रंगदारी मांगे जाने सहित उनके अपहरण और ह्त्या की साजिश किये जाने के विरोध में आज सहरसा के डॉक्टर्स काफी आक्रोश में दिखे । आक्रोशित डॉक्टरों ने जिला मुख्यालय के शंकर चौक से लेकर प्रमंडलीय आयुक्त,डीआईजी,एसपी के साथ--साथ डीएम कार्यालय तक विरोध मार्च निकाला। इस विरोध मार्च के दौरान इन डॉक्टरों  ने पुलिस और प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की । डॉक्टर ने चेतावनी भरे लहजे में कहा है की उन्हें बेहतर सुरक्षा दी जाए नहीं तो वे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे । भय के माहौल में वे काम नहीं कर सकते हैं । हद की इंतहा तो इस विरोध मार्च में यह रही की इन डॉक्टरों ने खुद से अपनी सुरक्षा का जिम्मा उठाने की बात करते हुए पुलिस और प्रशासन के अधिकारी से आर्म्स लाइसेंस की मांग की है ।

देखिये धरती के भगवान् कहे जाने वाले इन डॉक्टरों के सड़कों पर फूटे आक्रोश को ।आज इनके हाथों में चिकित्सीय सामग्री की जगह बैनर और तख्तियां हैं ।जाहिर तौर पर इनको अपनी और अपने परिवार के लोगों की जान की पड़ी है ।विगत कुछ दिनों से लगातार इन डॉक्टरों से ना केवल रंगदारी की मांग की जा रही है बल्कि उनके अपहरण की साजिश के साथ---साथ उन्हें जान से मारने की धमकी भी दी जा रही है ।अपराधियों ने बीते कुछ दिनों के भीतर सहरसा के ख्यातिलब्ध डॉक्टर आई डी सिंह से एक करोड़,डॉक्टर ब्रजेश  कुमार सिंह से बीस लाख,डॉक्टर ललन कुमार से दस लाख,कोसी पैथोलॉजी से दस लाख,डॉक्टर सिद्दार्थ से पांच लाख रूपये रंगदारी की मांग की है । यही नहीं डॉक्टर गणेश यादव के अपहरण की कोशिश भी की गयी है ।इसके अलावे ग्रामीण क्षेत्र के कुछ डॉक्टरों से भी रंगदारी की मांग की गयी है ।
जाहिर सी बात है की डॉक्टर समुदाय डरा--सहमा हुआ है ।पुलिस की अबतक की हुयी कार्रवाई  इनके खौफ को कम करने में कहीं से भी कामयाब नहीं हो पा रहा है ।नतीजतन आज डॉक्टर विरोध मॉर्च निकाल कर अपना आक्रोश व्यक्त कर रहे हैं ।
सहरसा के एसपी विनोद कुमार
प्रमंडलीय आयुक्त टी विन्देश्वरी और डीआईजी नागेन्द्र प्रसाद सिंह  फिलवक्त अवकाश पर हैं । ऐसे में इन डॉक्टरों ने एसपी और डीएम से मुलाक़ात कर उन्हें अपनी पीड़ा से अवगत कराया । डॉक्टर का साफ़ कहना था की उनकी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं किये जा रहे हैं ।ऐसे में पुलिस और जिला प्रशासन उन्हें हथियार का लाइसेंस मुहैया कराये जिससे वे भयमुक्त होकर मरीज का इलाज कर सकें। सहरसा के एसपी विनोद कुमार का कहना है की डॉक्टरों से रंगदारी मांगे जाने,उन्हें जान से मारने की धमकी दिए जाने और उनके अपहरण की साजिश को लेकर पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है ।
डीएम विनोद सिंह गुंजियाल
वैसे सुरक्षा के लिए डॉक्टर्स हथियार का लाइसेंस चाह रहे हैं, इसके लिए उन्होनें डीएम से बात की है । डीएम विनोद सिंह गुंजियाल डॉक्टरों की पुलिस को लेकर शिकायत के बारे बताते हुए कहते हैं की इन्हें आर्म्स का लाइसेंस चाहिए।पुलिसिया कार्रवाई को लेकर उन्होने पुलिस कप्तान से बात की है। रही बात आर्म्स लाइसेंस की तो वे इस मामले में आगे विधि सम्मत कार्रवाई करेंगे।
मसला बेहद गंभीर और डॉक्टर्स की जान और कमाई पर मंडराते गुंडों की काली नजर को लेकर है ।आज जिस तरह से डॉक्टर्स सड़कों पर उतरकर अपने आक्रोश का इजहार कर रहे हैं,वह सरकार के लिए कहीं से भी शुभ संकेत नहीं है ।वैसे सबसे खास बात यह है की डॉक्टर्स अपनी सुरक्षा के लिए हथियार के लाइसेंस की मांग कर रहे हैं ।पुरे मामले में बड़ा सवाल यह है की क्या आगे हथियार की नोंक या फिर हथियार के खौफ के साये में मरीजों का इलाज होगा ?

*अपनी बात*

अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।