मार्च 03, 2015

एम्बुलेंस सेवा ठप्प


सहरसा टाईम्स रिपोर्ट:- सहरसा में 1099 एम्बुलेंस सेवा आज से अनिश्चितकाल के लिए पूरी तरह से ठप्प कर दी गयी है.तक़रीबन दस की संख्यां में चालक और हेल्पर सहित दो इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन पिछले नौ महीने से वेतन नहीं मिलने की वजह से ना केवल आज से धरने पर बैठ गए हैं बल्कि जबतक उनके बकाये वेतन का भुगतान नहीं होगा तबतक सेवा ठप्प किये जाने की मुनादी भी कर दी है.जाहिर सी बात है की इस एम्बुलेंस सेवा के ठप्प रहने से ग्रामीण सहित शहरी इलाके के गरीब मरीजों की मुश्किलें खासी बढ़ गयी हैं.
सहरसा में 1099 एम्बुलेंस सेवा के ठप्प होने से गरीब मरीजों पर आफत का पहाड़ टूट पड़ा है.1099 की दस एम्बुलेंस हैं जिससे दूर--दराज इलाके से मरीजों को सदर अस्पताल लाया जाता था लेकिन इसकी सेवा ठप्प हो जाने की वजह से खास कर ग्रामीण मरीजों को भारी मुश्किलों का सामना करना पडेगा.आज सेवा ठप्प होने का पहला दिन है इसलिए इसका व्यापक असर आज नहीं दिख रहा है लेकिन कल से इसका गहरा असर सिद्दत से दिखने लगेगा.एम्बुलेंस कर्मी इसबार आरपार की लड़ाई के मूड में है और कह रहे हैं की उन्हें बीते नौ महीने से वेतन नहीं मिले हैं जिस वजह से उनके परिवार के सामने भुखमरी की स्थिति है.पढ़ने वाले बच्चों की फ़ीस जमा नहीं किये जाने की वजह से बच्चो को स्कूल से निष्कासित कर दिया गया हैं.उन्हें आजतक बस आश्वासन की रेवड़ी मिली है.इसबार जबतक उन्हें वेतन नहीं मिल जाता वे काम पर नहीं लौटेंगे. 
सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉक्टर अनिल कुमार को यह मालूम नहीं है की इन कर्मियों का वेतन किस वजह से रुका हुआ है.वे कह रहे हैं की यह आऊटसोर्सिंग का मामला है.वे जानकारी इकट्ठी कर इन्हें वेतन दिलाने की कोशिश करेंगे. जिले में 102 की दो एम्बुलेंस हैं लेकिन यह सहरसा में कभी--कभार ही नजर आती है.ज्यादातर यह पटना या फिर दरभंगा में ही सेवा के नाम पर रहती है.ऐसे में 1099 एम्बुलेंस सेवा का ठप्प होना "पूर्व से चली आ रही स्वास्थ्य सेवा की बदइंतजामी" के बीच एक तो नीम उसपर करेला चढ़ा की तरह गरीब मरीजों के लिए साबित होगा।खुले सफे से कहें तो एक बार फिर गरीब मरीजों की करीने से शामत आई है.

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