अगस्त 13, 2013

सहरसा टाईम्स की पहल से बुजुर्ग महिला को मिला जीवन दान


10 अगस्त को अस्पताल के बेड से नाले में फेंकी गयी महिला के स्वास्थ्य में तेजी से हो रहा सुधार /सहरसा टाईम्स ने आज इस महिला को नहलवाकर पहनवाए नए कपड़े /बुजुर्ग महिला सहित आमलोग सहरसा टाईम्स को दिल से दे रहे सौ--सौ दुआएं//// मुकेश कुमार सिंह- सहरसा टाईम्स 
बीते 10 अगस्त को सदर अस्पताल सहरसा के बेड से नाले में फेंकी गयी बुजुर्ग महिला जिसका इलाज सहरसा टाईम्स ने सिद्दत से आवाज बुलंद करके शुरू करवाई थी उसके स्वास्थ्य में ना केवल तेजी से हो रहा सुधार है बल्कि सहरसा टाईम्स ने आज इस महिला को नहलवाकर नए कपड़े भी पहनवाए.अब यह महिला खुद से चल--फिर भी रही है.आमलोग खुलकर कह रहे हैं की आसाम से भटक कर सहरसा आई इस लावारिश बुजुर्ग महिला के लिए सहरसा टाईम्स के द्वारा आवाज बुलंद करने के परिणाम स्वरूप ही बुजुर्ग महिला को जीवन दान मिला है.बुजुर्ग महिला सहित आमलोग सहरसा टाईम्स को दिल से सौ--सौ दुआएं दे रहे हैं.
सदर अस्पताल में आज का आलम कुछ बदला--बदला और खुशनुमा है. देखिये इस बुजुर्ग महिला शाईना को जो आसाम से भटककर सहरसा पहुँच गयी है.यह बीमार थी और किसी मेहरबान ने बीते सात अगस्त को इसे सदर अस्पताल में लाकर भर्ती करा दिया था.लेकिन अपनी लापरवाही और बदइन्तजामी के लिए लम्बे समय से खासा बदनाम रहने वाले इस अस्पताल के हाकिम--मुलाजिमों ने इसे दस अगस्त को अस्पताल के बेड से उठाकर नाले में फेंक दिया था.सहरसा टाईम्स को तब इस बात की खबर लगी और हमने अपने सामाजिक फर्ज के लिए सिद्दत से आवाज बुलंद की और हमारे प्रयास के बाद मौके पर पहुंचे स्वास्थ्य विभाग के बेशर्म अधिकारियों से हमने जबाब--तलब भी किया।हमारी पहल से इस महिला का तब गंभीरता से इलाज शुरू हुआ और उसका नतीजा है की जिस महिला की लगभग मौत हो गयी थी वह आज पूरी तरह से ठीक होने की स्थिति में है.आज सहरसा टाईम्स ने इस बुजुर्ग महिला को कुछ सामाजसेवी के साथ मिलकर ना केवल नहलवाया बल्कि इस बुजुर्ग महिला को नए कपड़े भी पहनवाए.अब यह बुजुर्ग महिला खुद से चल--फिर भी रही है.सहरसा टाईम्स की पहल की वजह से मौत को मात देकर जिन्दगी का दामन थामने वाली इस महिला को देखकर अस्पताल में मौजूद लोग सहरसा टाईम्सको सौ--सौ दुआएं दे रहे हैं और साफ़ लहजे में कह रहे हैं की यह चमस्त्कार सहरसा टाईम्स की पहल का नतीजा है.
मल--मल कर इस बुजुर्ग महिला को समाजसेवी नहला--धुला रहे हैं.सहरसा टाईम्स की तरफ से दिए कपड़े को नजाकत के साथ इस बुजुर्ग महिला को पहनाया जा रहा है.अब यह अपने पाँव के सहारे चल कर अस्पताल के बेड पर खुद से जा रही है.यह बिल्कुल एक चमत्कार सरीखा है.बुजुर्ग महिला शाईना इस पहल के लिए सहरसा टाईम्स को धन्यवाद देने के साथ--साथ गीत गाकर भी सूना रही है.हम तूफां से लाये हैं किस्ती निकाल के और ऐ मालिक तेरे बन्दे हम गीत गाकर इन्होनें हमें सुनाया.वह बहुत खुश है की उसे जीवन दान मिला है और वह भी सिर्फ और सिर्फ सहरसा टाईम्स की वजह से.
आज मौके पर मौजूद डॉक्टर से हमने इस महिला के स्वास्थ्य को लेकर जब सवाल किये तो उनका कहना था की महिला बिल्कुल ठीक होने की स्थिति में है,इसे दो--तीन दिन में अस्पताल से छुट्टी मिल जायेगी।
बुजुर्ग महिला सहित अस्पताल में मौजूद लोग सहरसा टाईम्स को धन्यवाद देते--देते अघा नहीं रहे हैं.लेकिन हम बता दें की हमने ना तो कोई चमत्कार किया है और ना ही कोई एहशान.हमने आपने सामाजिक सरोकार के फर्ज को बस निभाया है.जिसके साथ भी हमें हकमारी होती दिखेगी,अन्याय होता दिखेगा,हम इसी तरह से ना केवल उसके लिए सिद्दत से आवाज बुलंद करेंगे बल्कि उसे उसका हक़ दिलाने तक मजबूती के साथ उसके साथ खड़े भी रहेंगे।हमें पता है की इसके लिए हम शासन---प्रशासन से लेकर सरकार की आँखों की किरकिरी बने रहेंगे।

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