मार्च 16, 2013

करोड़ों के फर्जीवाड़े से सम्बन्धित खास जानकारी

करोड़ों के फर्जीवाड़े का भंडाफोड़ से सम्बन्धित खास जानकारी -------------

सहरसा टाईम्स : दि कोसी सेन्ट्रल को ऑपरेटिव क्रेडिट सोसायिटी लिमिटेड में करोड़ों के गबन---फर्जीवाड़े मामले में आर्थिक अनुसंधान और सहकारिता विभाग की दो अलग---अलग टीम पटना से सहरसा के लिए रवाना।यूँ मिली जानकारी के मुताबिक़ सरकार के निर्देश पर बीते बुधवार से सहरसा सहकारिता विभाग के संयुक्त निदेशक जवाहर प्रसाद सिंह ने एक टीम बनाकर पहले से सोसाईटी की जांच शुरू करा रखी है। जानकारी के मुताबिक़ कोसी प्रमंडल के सहरसा,मधेपुरा और सुपौल जिले में दि कोसी सेन्ट्रल को ऑपरेटिव क्रेडिट सोसायिटी लिमिटेड की पहले से ही कई शाखाएं हैं कार्यरत।सहरसा में प्रधान शाखा के अलावे सोनवर्षा,नवहट्टा और सिमरी बख्तियारपुर में हैं सोसाईटी की शाखाएं।इस सोसायटी ने जहां मध्रेपुरा में जिला मुख्यालय सहित मुरलीगंज,उदा किशुनगंज,आलम नगर,पुरैनी और बिहारीगंज वहीँ सुपौल में जिला मुख्यालय के अलावे सिमराही,वीरपुर, त्रिवेणीगंज, निर्मली,और कुनौली में शाखाएं खोल रखे हैं।अभीतक सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक़ कोसी प्रमंडल के तीनों जिलों की बात करें तो लोगों की 50 करोड़ से ज्यादा की राशि इस सोसाईटी में जमा हैं।विश्वस्त सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक़ गिरफ्तार एम डी जीतेन्द्र मिश्रा पर बिहार के बेगुसराय,दरभंगा और खगड़िया सहित झारखण्ड के जमशेदपुर में फर्जीवाड़े के अलावे कई अन्य गंभीर आरोप में मामले दर्ज हैं।कोसी रेंज के डी.आई.जी संजय कुमार सिंह के निर्देश पर विभिन्य मुद्दों पर पुलिस की जांच हुयी तेज।एम.डी जीतेन्द्र मिश्रा की पूरी कुंडली निकालने में जुटे पुलिस के अधिकारी सम्बद्ध थानों से संपर्क कर एम.डी पर दर्ज मामलों की जानकारी लेने में जुटे हुए हैं।वर्ष 2004 में इस सोसाईटी का निबंधन कराया गया,तबसे इसका खेल बदस्तूर जारी है।
बड़ा सवाल यह है की अभीतक इस सोसाईटी के फर्जीवाड़े पर किसी की नजर क्यों नहीं गयी और आज अगर गयी है तो किस परिस्थिति और किन--किन की कद्दावर शख्स की वजह से,इस सच को भी आगे जानना जरुरी है।सहरसा टाईम्स तमाम काले सच को आगे क्रमवार बेपर्दा करेगा।सच मानिए सहरसा के कई रसूखदारों की पोल--पट्टी खुलनी लगभग तय है।

1 टिप्पणी:

  1. इस फर्जिवारे के धंधे में सिर्फ अपने को एम.डी कहने वाले जीतेन्द्र मिश्रा ही दोषी नही हैं बल्कि इनको सहयोग करने वाले भी उतने ही बड़े दोषी हैं जितने की जीतेन्द्र मिश्रा| इनके सहयोगी अजय झा जो अपने को दी कोशी सेन्ट्रल को-ऑपरेटिव क्रेडिट सोसाइटी लिमिटेड के जनरल मैनेजर बताते हैं वो सीधे सादे पब्लिक को मीठे मीठे बोल, बोल कर फंसाने का काम करते हैं| ये जीतेन्द्र मिश्रा से कहीं ज्यादे ठग हैं |

    जवाब देंहटाएं


THANKS FOR YOURS COMMENTS.

*अपनी बात*

अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।