रिपोर्ट चन्दन सिंह: बीते शाम
सदर थाना के सपटियाही बस्ती में दबंगों ने नंगा नाच करते हुए जहां महादलित
परिवार की एक झोपड़ी को आग में झोंककर ख़ाक कर दिया वहीँ महादलितों पर जमकर
पत्थरबाजी भी की। पीड़ितों का कहना है की जमीन विवाद में दबंगों ने करीब पचास
की संख्या में यहाँ पहुंचकर जमकर उत्पात मचाये और लूटपाट भी की। पीड़ित परिवार का कहना है
की जमीन विवाद में गाँव के दबंग राधे भगत,अरुण भगत,संतोष भगत सहित करीब
पचास की संख्यां आये गुंडों ने यहाँ पर जमकर उत्पात मचाये। इनलोगों ने न
केवल जमकर लाठियां बरसाई बल्कि पत्थरबाजी भी की। यह सारा उपत्पात उस समय हो
रहा था जब घर के लगभग पुरुष गाँव में मौजूद नहीं थे। पीड़ितों का कहना है की
उपद्रवी तत्व उनका सारा सामान,कपड़े और कम्बल भी अपने साथ लेकर चले गए। अब
उनका इस जाड़े में भगवान जाने क्या होगा।
पुलिस कहती है--- पुलिस के अधिकारी इस पुरे मामले को साजिश बता रहे हैं। इनकी माने तो जिनलोगों ने उक्त जमीन पर झोपड़ी बनाए हैं वह बिलकुल गलत है। इस जमीन पर महादलितों का मालिकाना हक़ नहीं है। जिनलोगों पर इस घटना को अंजाम देने का आरोप लग रहा है उन्हें इस जमीन का मालिकाना हक़ प्राप्त है। 1953 में ही उनलोगों को यह जमीन भूदान से मिली हुयी है। यानी ये साफ़--साफ़ लहजे में कह रहे हैं की खुद इनलोगों ने अपने घर में आग लगाकर इस घटना की पूरी पटकथा लिखी है। वैसे इस घटना की तह से जांच होगी फिर आगे जो उचित होगा,वैसी कारवाई होगी।
अब इस मामले का असल सच क्या है यह तो बड़े अधिकारियों की हस्तक्षेप और उनकी जांच से ही स्पष्ट हो पायेगा। लेकिन अभी ये महादलित डरे--सहमे दिख रहे हैं। आप यह जानकार हैरान हो जायेंगे की इन महादलितों के पास भी भूदान से जमीन हासिल के कागजात हैं। अब ये कागजात इनके पास कैसे आये और इन महादलितों को पीछे से कौन उकसा रहा है इसे खंगालना भी पुलिस के लिए चुनौती होगी।
पुलिस कहती है--- पुलिस के अधिकारी इस पुरे मामले को साजिश बता रहे हैं। इनकी माने तो जिनलोगों ने उक्त जमीन पर झोपड़ी बनाए हैं वह बिलकुल गलत है। इस जमीन पर महादलितों का मालिकाना हक़ नहीं है। जिनलोगों पर इस घटना को अंजाम देने का आरोप लग रहा है उन्हें इस जमीन का मालिकाना हक़ प्राप्त है। 1953 में ही उनलोगों को यह जमीन भूदान से मिली हुयी है। यानी ये साफ़--साफ़ लहजे में कह रहे हैं की खुद इनलोगों ने अपने घर में आग लगाकर इस घटना की पूरी पटकथा लिखी है। वैसे इस घटना की तह से जांच होगी फिर आगे जो उचित होगा,वैसी कारवाई होगी।
अब इस मामले का असल सच क्या है यह तो बड़े अधिकारियों की हस्तक्षेप और उनकी जांच से ही स्पष्ट हो पायेगा। लेकिन अभी ये महादलित डरे--सहमे दिख रहे हैं। आप यह जानकार हैरान हो जायेंगे की इन महादलितों के पास भी भूदान से जमीन हासिल के कागजात हैं। अब ये कागजात इनके पास कैसे आये और इन महादलितों को पीछे से कौन उकसा रहा है इसे खंगालना भी पुलिस के लिए चुनौती होगी।
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