दिसंबर 11, 2012

एलजेपी का विशाल प्रदर्शन

रिपोर्ट चन्दन सिंह: लोजपा सुप्रीमो राम विलास पासवान के निर्देश पर  सहरसा में एलजेपी ने न केवल विशाल प्रदर्शन किया बल्कि प्रदर्शन के दौरान जिला प्रशासन और पुलिस के साथ--साथ बिहार सरकार पर भी जमकर बरसे। लोजपा के सैंकड़ों कार्यकर्ताओं ने जिला मुख्यालय के शंकर चौक पर पहले लामबंदी की फिर वहाँ से शहर के विभिन्य मार्ग से मार्च करते हुए जिला समाहरणालय पहुंचे जहां उन्होने पहले तो जमकर नारेबाजी की फिर भाषण का दौर चला। इस प्रदर्शन में वक्ताओं ने सरकारी योजनाओं का लाभ गरीबों तक नहीं पहुँचने और लगातार बिगडती कानून व्यवस्था को लेकर जिला पुलिस--प्रशासन और सरकार को खूब कोसा।लोजपा के इस लामबंदी का आगे क्या फलाफल आयेगा यह तो बाद की बात है लेकिन लोगों का विरोध सड़कों पर खुले तौर पर दिख रहा है,इसे सरकार के लिए कहीं से भी शुभ संकेत नहीं माना जा सकता है।   
यूँ तो लोजपा सुप्रीमों के निर्देश पर राज्य के सभी जिला मुख्यालय पर ऐसा प्रदर्शन चल रहा है लेकिन यहाँ का प्रदर्शन कुछ हटके और खास है।सरकार की विभिन्य योजनाओं का लाभ गरीब--गुरबों तक नहीं पहुँच रहा है। इंदिरा आवास,मनरेगा और लगभग सभी कल्याणकारी योजनायें वाजिब लाभुकों की जगह अधिकारी,बाबू--हाकिम से लेकर बिचौलियों को फायदा पहुंचा रहे हैं। कानून--व्यवस्था पूरी तरह से लचर है। यहाँ पर प्रदर्शनकारियों ने इन तमाम मुद्दों के अलावे खासकर के सहरसा पुलिस के रवैये पर बड़े--बड़े प्रश्न खड़े किये। सहरसा में हत्या,लूट सहित बड़े अपराधों का दौर लगातार है लेकिन पुलिस उसे रोक पाने में पूरी तरह से विफल है। प्रदर्शनकारी नेता विगत दिनों सहरसा में हुयी चार हत्याओं पर खूब उबले जिस मामले में पुलिस के हाथ अभीतक खाली हैं। डॉक्टर संतोष भगत,करोड़पति विधवा महिला सहनी देवी, पान व्यवसायी शम्भू चौरसिया और इंजीनियरिंग छात्र दीपक कुमार की ह्त्या की गुत्थी,ह्त्या के महीनों बाद भी पुलिस आजतक नहीं सुलझा सकी है। जाहिर तौर पर प्रदर्शनकारी जिला पुलिस--प्रशासन और सरकार पर एक साथ हमला बोल रहे थे।

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अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।