दिसंबर 01, 2012

लालू के आने की धमक

 रिपोर्ट चन्दन सिंह: परिवर्तन यात्रा के दौरान आगामी 2 दिसंबर को सहरसा में आयोजित होने वाली लालू की सभा को लेकर राजद नेता--कार्यकर्ता में ना केवल खासा उत्साह है बल्कि वे इस यात्रा को हर हाल में बेमिसाल और एतिहासिक बनाने में दिन---रात एक किये हुए हैं।पुरे जिले की बात करें तो एक तरह से लालू के आने की धमक हर तरफ साफ--साफ  सुनाई दे रही है।गाँव--देहात से लेकर चौक---चौराहे पोस्टर,बैनर और तोरणद्वार से पटे हुए हैं।यहाँ का नजारा देखकर लगता है की राजद कार्यकर्ताओं ने चहुँदिश पोस्टर वार छेड़ दिया है।इसमें कोई शक नहीं है की इस कार्यक्रम में राजद कार्यकर्ता किसी तरह की कोई कोताही बरतने के मुड में नहीं है।जाहिर तौर पर लालू की सभा में भारी भीड़ उमड़ने की संभावना है।लेकिन इन तमाम ताम--झाम और कवायद को लेकर बड़ा सवाल यह है की सभा में उमड़ने वाली भीड़ आगामी चुनावों में वोट में किस तरह और कितनी तब्दील होती है।गाँव--देहात से लेकर जिला सह प्रमंडलीय मुख्यालय सहरसा के हर चौक--चौराहे पर बैनर--पोस्टर चारों तरफ पटे पड़े हैं।राजद ने यहाँ एक तरह से पोस्टर वार छेड़ रखा है।सहरसा के शहरी क्षेत्र की बात करें तो गंगजला चौक,महावीर चौक,रिफ्यूजी चौक,तिवारी टोला,सहरसा बस्ती,मीर टोला,शंकर चौक,थाना चौक,गांधी पथ,कुंवर सिंह चौक,अम्बेडकर चौक,दहलान चौक,चांदनी चौक से लेकर कमोबेस सारा इलाका पोस्टर वार की चंगुल में है।विभिन्य तरह के स्लोगन के साथ बैनर--पोस्टर में क्षेत्रीय नेता अपने बड़े नेताओं के साथ जनता से अपील करते दिख रहे हैं।
सारा आलम बता रहा है की यहाँ पर सभा को एतिहासिक और बेमिसाल बनाने की पुरजोर कवायद चल रही है।राजद नेताओं का समवेत कहना है की जनता नीतीश सरकार से अब उब चुकी है और परिवर्तन चाह रही है।लोग स्वस्फूर्त लालू की सभा में आ रहे हैं।जाहिर तौर पर आने वाले समय में बिहार में लालू--राबड़ी की सरकार बनेगी।
इसमें कोई शक नहीं है की कोसी का यह इलाका राजद का गढ़ रहा है।अभी भी सहरसा के महिषी विधानसभा से अब्दुल गफूर राजद के विधायक हैं।जाहिर तौर पर सत्ता सुख से दूर रह रहे लालू प्रसाद इस परिवर्तन यात्रा के बहाने न केवल अपनी खोयी हुयी राजनीतिक जमीन तलाशना चाह रहे हैं बल्कि नए सिरे से अपनी राजनीति की दमदार पारी का आगाज भी करना चाह रहे हैं।इसमें कोई शक नहीं है की आगामी 2 दिसम्बर की उनकी सभा में भारी भीड़ उमड़ेगी लेकिन यह भीड़ आगामी चुनावों में वोट में कितना तब्दील होगी,यह देखना दिलचस्प होगा।वैसे हम आपसे यह कहना चाह रहे हैं की सूबे की जनता लगातार सरकारी और गैर सरकारी यात्राओं का दंश झेल रही है।इन यात्राओं से जनता का कहीं से भी भला होता नहीं दिख रहा है।रब जाने की इन यात्राओं से सूबे की जनता को कब निजात मिलेगी।

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