दिसंबर 12, 2012

दारोगा के घर भीषण चोरी

मुकेश कुमार सिंह: बीते दिन एक दारोगा के घर भीषण चोरी की घटना का हैरतंगेज मामला प्रकाश में आया है।घटना सदर थाना के कायस्थ टोला मोहल्ले की है।एक शादी समारोह में शामिल होने के लिए पूरा परिवार पटना गया था,उसी दौरान चोरों ने मौक़ा ताड़कर इस बड़ी घटना को अंजाम दिया।पीड़ित परिवार के मुताबिक़ चोरों ने साढ़े सात लाख से अधिक के गहने और कीमती सामान के साथ डेढ़ लाख से ज्यादा की नकदी उड़ाई है।वैसे पूरी तरह से चोरी गए सामानों को खंगाला नहीं जा सका है।आगे यह आंकड़ा बढ़ भी सकता है।बीती रात परिवार के कुछ सदस्य शादी में शामिल होने के उपरान्त जब वापिस अपने घर पहुंचे तो घर का नक्सा ही पूरी तरह से बदला पाया।घर का सारा सामान छितराया हुआ था जो यह बता रहा था की चोरों ने बाखूबी अपना काम कर दिया है।तमाम के बाद हद की इंतहा देखिये,इस घटना की जानकारी बीती रात ही पुलिस के अधिकारी को दी गयी लेकिन घटना की सूचना के बाद पैन्थर पुलिस के तीन जवान को मौके पर तहकीकात के लिए भेज दिया गया लेकिन कोई पुलिस अधिकारी ने वहाँ जाना मुनासिब नहीं समझा।एक पुलिस वाले के घर चोरी की घटना घटी,बाबजूद इसके इस मामले को पुलिस अधिकारियों ने गंभीरता से नहीं लिया।आज दोपहर बाद सहरसा टाईम्स की पहल और दखल के बाद पुलिस के अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे और तहकीकात शुरू की।पुलिस की हीला--हवाली की एक और जिन्दा मिशाल। 
शादी में शामिल कुछ लोग बीती रात ही करीब साढ़े बारह बजे अपने इस घर में वापिस हो गए।जब कुछ लोग घर वापिस लौटे तो घर का पूरा नक्सा ही बदला हुआ था।सभी कमरे के ताले टूटे हुए थे और घर में चारों तरफ सामान छितराए हुए थे।दारोगा श्याम सुन्दर सिंह की छोटी बेटी सुरुचि भी घर लौट आई थी।वह तो इस नज़ारे को देखकर हैरान---परेशान होकर बेसुध हो गयी थी।उसने गहने वाले बॉक्स को देखा तो सारे गहने गायब थे,नयी एलसीडी टीवी गायब थी और नकदी एक लाख पचपन हजार जो एक जगह वह रखकर गयी थी वह भी गायब था।देखते ही देखते पूरी दुनिया ही उजड़ गयी थी। इस घटना की सूचना तुरंत सदर थाने को दी गयी।दारोगा के घर चोरी हुयी थी पुलिस तुरंत आई भी लेकिन वे महज तीन पैन्थर  जवान थे,कोई पुलिस अधिकारी साथ नहीं आया।रात में ये जवान यह कहकर गए की कल सुबह बड़े अधिकारी आयेंगे,आपलोग किसी सामान के साथ छेड़छाड़ नहीं करेंगे,वर्ना जांच में दिक्कत होगी।लेकिन पुलिसिया बेशर्मी देखिये की आज दोपहर तक एक भी पुलिस अधिकारी यहाँ जांच के लिए नहीं पहुंचे। सहरसा टाईम्स दोपहर बारह बजे से चार बजे शाम तक घटनास्थल पर इसलिए डटा रहा की पुलिस की लापरवाही और उसकी हीला--हवाली को अपने कैमरे में कैद कर सकें। सहरसा टाईम्स ने इस बेशर्मी को लेकर एस.पी अजीत सत्यार्थी से मोबाइल पर जबाब-तलब किया।
हमारे दखल के बाद क्राईम मीटिंग में व्यस्त एस.पी अजीत सत्यार्थी ने सदर इन्स्पेक्टर सह थानाध्यक्ष को घटनास्थल पर भेजा।आप भी देखिये की किस तरह हमारी मौजूदगी में दल-बल के साथ पुलिस अधिकारी घटनास्थल पर पहुँच रहे हैं।सेवानिवृत दारोगा श्याम सुन्दर सिंह अपनी पत्नी के साथ पटना में ही हैं।आज देर रात उनके सहरसा पहुँचने की संभावना है। लेट--लतीफी के मारे अधिकारी सदर इन्स्पेक्टर सह थानाध्यक्ष सूर्यकांत चौबे की दलीलों की माने तो चोरी कहीं भी हो सकती है।अपराधी किसी भी सूरत में पुलिस पर भारी नहीं हैं।अगर भारी होते तो वे सामने आकर पुलिस से मुकाबला करते।
यह जिला पूरी तरह से चोर,मवाली और अपराधियों की गिरफ्त में है।यहाँ पुलिस की नहीं बल्कि अपराधियों की समानांतर सरकार चलती है।इस इलाके के लोगों की जानमाल की सुरक्षा पुलिस के भरोसे नहीं बल्कि अपराधियों की रहमो-करम पर है।अगर आप सलामत बच रहे हैं तो समझिये अपराधी आपपर मेहरबान हैं।

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अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।