रिपोर्ट सहरसा टाईम्स : पिछले
एक पखवाड़े से कड़ाके की ठंढ झेल रहे लोगों का एक तो पहले से ही जीना दूभर
था दूजा आग सेंकने के दौरान लोगों के बुरी तरह से झुलसने का सिलसिला अलग से
शुरू हो गया है। बीती रात सहरसा के शहरी इलाके में जानलेवा ठंढ से मुकाबला
करने के लिए लोगों का आग सेंकना मंहगा साबित हुआ। शहर के विभिन्य जगहों पर
आग सेंकने के दौरान कई लोग आग से गंभीर रूप से झुलस गए जिन्हें इलाज के लिए
सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जख्मियों में जहां 9 महिलायें हैं
वहीँ 3 पुरुष भी जख्मी हुए हैं। इनमें से चार महिला की स्थिति काफी गंभीर
है। एक महिला की स्थिति अत्यंत नाजुक देखते हुए चिकित्सकों ने उसे बेहतर
इलाज के लिए PMCH रेफर कर दिया है। हद की इंतहा देखिये की कोसी प्रमंडल के
PMCH कहे जाने वाले इस सदर अस्पताल में बर्न केश के उपचार के लिए ना तो अलग
से कोई वार्ड है और ना ही अलग से कोई पुख्ता स्वास्थ्य व्यवस्था। यहाँ
मरीजों को इन्फेशन का खतरा है। यानी कह सकते हैं की इस अस्पताल में आग से
झुलसे लोगों की जान अगर बच जाती है तो यह भगवान की अतिरिक्त मेहरबानी होगी।
अस्पताल के महिला वार्ड में देखिये आग में झुलसी इन युवती
और महिलाओं को। इस अस्पताल में वर्न केश के लिए कोई अलग से ना तो इलाज के
लिए कोई विशेष कक्ष है और ना ही मरीजों को रखने के लिए अलग से
कोई वार्ड।जेनेरल वार्ड में इन झुलसी महिलाओं का नर्स उपचार कर रही है।आप
खुले मैदान में भी आग से झुलसी महिलाओं को देखिये।चार महिलाओं की स्थिति
गंभीर है जिसमें से एक की स्थिति अत्यंत नाजुक देखते हुए उसे PMCH भेजा जा
रहा है।यहाँ की व्यवस्था से मरीज के परिजन रीतलाल कुमार,मोहम्मद इजहार
और मोहम्मद सलाउद्दीन सहित कई अन्य काफी दुखी हैं और कहते हैं अगर
उनका मरीज इस अस्पताल में अगर बच गया तो भगवान का लाख-लाख शुक्र होगा।
जानकी सिंह,सीनियर नर्स |
झुलसी महिलाओं का उपचार कर रही जानकी सिंह,सीनियर नर्स भी बता रही है की इस अस्पताल
में वर्न केश के लिए कोई पुख्ता इंतजाम नहीं है।मरीजों को इन्फेक्शन का
खतरा है लेकिन वे क्या कर सकती हैं।बेड--बेड घूमकर वे इन महिलाओं की
मरहम---पट्टी कर रही हैं जो कहीं से भी जायज नहीं है।यानी जो बची सो बची और
जो मरी सो मरी।इतने बड़े अस्पताल में आग से जले---झुलसे मरीजों के इलाज लिए कोई आम से लेकर खास इंतजाम ना हो इसे आप क्या कहेंगे।
यह मुसीबत जाहिर तौर पर ठंढ की यह दोहरी मार है। इस ठंढ में बेहद सावधानी की जरुरत है। जो लोग आग में झुलसकर इस अस्पताल में आये हैं, सहरसा टाईम्स उनकी जिन्दगी बच जाए इसके लिए दिल से दुआ करता है।
यह मुसीबत जाहिर तौर पर ठंढ की यह दोहरी मार है। इस ठंढ में बेहद सावधानी की जरुरत है। जो लोग आग में झुलसकर इस अस्पताल में आये हैं, सहरसा टाईम्स उनकी जिन्दगी बच जाए इसके लिए दिल से दुआ करता है।
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