अलग मिथिला राज्य की मांग को लेकर अखिल भारतीय मिथिला
राज्य संघर्ष समिति के बैनर तले सैंकड़ों की तायदाद में लोगों ने कोसी
प्रमंडलीय आयुक्त कार्यालय के सामने ना केवल एक दिवसीय धरना दिया बल्कि मिथिला राज्य
लेकर रहेंगे की हुंकार भी भरी
सहरसा टाईम्स के लिए मुकेश कुमार सिंह की रिपोर्ट : आज अलग मिथिला राज्य की मांग को लेकर अखिल भारतीय मिथिला राज्य संघर्ष समिति के बैनर तले
सहरसा टाईम्स के लिए मुकेश कुमार सिंह की रिपोर्ट : आज अलग मिथिला राज्य की मांग को लेकर अखिल भारतीय मिथिला राज्य संघर्ष समिति के बैनर तले
सैंकड़ों की तायदाद में लोगों ने कोसी प्रमंडलीय आयुक्त
कार्यालय के सामने ना केवल एक दिवसीय धरना दिया बल्कि धरने के दौरान मिथिला
राज्य लेकर रहेंगे की हुंकार भी भरी.इस मौके प़र वक्ताओं ने बड़े साफ़ लहजे
में कहा की बिना मिथिला राज्य अलग हुए इस मिथिलांचल क्षेत्र का समुचित और
वाजिब विकास होना नामुमकिन है.आजादी के छः दशक से ज्यादा गुजर जाने के बाद
भी इस क्षेत्र के विकास के लिए केंद्र और राज्य की तमाम पूर्ववर्ती और
वर्तमान सरकारों के द्वारा ना तो कोई गंभीरता दिखाई गयी और ना ही इस दिशा
में कोई मजबूत कदम बढ़ाया गया.अब बिना अलग मिथिला राज्य लिए हम चुप बैठने
वाले नहीं हैं.धरने का नजारा और वक्ताओं के उद्दघोष से यह साफ़ जाहिर हो रहा
था की अलग राज्य के निर्माण के लिए जंग का बिगुल बज चुका है.
कोसी प्रमंडलीय आयुक्त कार्यालय के सामने अलग राज्य की मांग को लेकर सैंकड़ों की तायदाद में धरने प़र बैठे लोग दिनभर अलग मिथिला राज्य लेकर रहेंगे की हुंकार भरते रहे.इस मौके प़र कई वक्ताओं ने धरनार्थियों और आमलोगों को मिथिला राज्य की जरुरत को लेकर अपने--अपने विचार से अवगत कराया.मुख्य रूप से दो वक्ताओं अखिल भारतीय मिथिला राज्य संघर्ष समिति के महासचिव बैजनाथ चौधरी बैजू और सहरसा के पूर्व भाजपा विधायक संजीव कुमार झा ने लोगों को ख़ासा प्रभावित किया.इनकी नजर में बिना मिथिला राज्य का निर्माण हुए मिथिला क्षेत्र का विकास संभव नहीं है.इन वक्ताओं ने बड़े साफ़ लहजे में कहा की सहरसा के महिषी स्थित मंडनधाम को अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालय बनाने की बात दशकों पूर्व से की जाती रही है लेकिन उसे आजतक मूर्त रूप नहीं दिया जा सका.इस क्षेत्र वासियों के साथ आजतक सिर्फ छल और छल ही होता रहा है.मोतिहारी और गया में केद्रीय विश्वविद्यालय का निर्माण हो रहा है, इस बात की उन्हें ख़ुशी है.नालंदा में अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालय है,इससे उनका सीना चौड़ा है लेकिन मिथिलांचल में ऐसी कोई सरगोशी और सुगबुगाहट नहीं है.इस क्षेत्र में सारी संपदा विरासत में मिली हुई है लेकिन उन्हें विकास की किरण नहीं मिल रही है.अलग मिथिला राज्य के निर्माण के लिए बनी संघर्ष समिति मिथिलांचल के सभी जिलों में आगे वृहत आन्दोलन चलाएगी और मिथिलांचल राज्य लेकर रहेगी.
कोसी प्रमंडलीय आयुक्त कार्यालय के सामने अलग राज्य की मांग को लेकर सैंकड़ों की तायदाद में धरने प़र बैठे लोग दिनभर अलग मिथिला राज्य लेकर रहेंगे की हुंकार भरते रहे.इस मौके प़र कई वक्ताओं ने धरनार्थियों और आमलोगों को मिथिला राज्य की जरुरत को लेकर अपने--अपने विचार से अवगत कराया.मुख्य रूप से दो वक्ताओं अखिल भारतीय मिथिला राज्य संघर्ष समिति के महासचिव बैजनाथ चौधरी बैजू और सहरसा के पूर्व भाजपा विधायक संजीव कुमार झा ने लोगों को ख़ासा प्रभावित किया.इनकी नजर में बिना मिथिला राज्य का निर्माण हुए मिथिला क्षेत्र का विकास संभव नहीं है.इन वक्ताओं ने बड़े साफ़ लहजे में कहा की सहरसा के महिषी स्थित मंडनधाम को अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालय बनाने की बात दशकों पूर्व से की जाती रही है लेकिन उसे आजतक मूर्त रूप नहीं दिया जा सका.इस क्षेत्र वासियों के साथ आजतक सिर्फ छल और छल ही होता रहा है.मोतिहारी और गया में केद्रीय विश्वविद्यालय का निर्माण हो रहा है, इस बात की उन्हें ख़ुशी है.नालंदा में अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालय है,इससे उनका सीना चौड़ा है लेकिन मिथिलांचल में ऐसी कोई सरगोशी और सुगबुगाहट नहीं है.इस क्षेत्र में सारी संपदा विरासत में मिली हुई है लेकिन उन्हें विकास की किरण नहीं मिल रही है.अलग मिथिला राज्य के निर्माण के लिए बनी संघर्ष समिति मिथिलांचल के सभी जिलों में आगे वृहत आन्दोलन चलाएगी और मिथिलांचल राज्य लेकर रहेगी.
neek khabar saharsa jaagat...takhne bhetat mithila rajya....
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