रिपोर्ट चन्दन सिंह: पैसा,रसूख और ताकत के सामने एक बार फिर गरीबी को शिकस्त मिली.पद,पैरवी और तिकड़म हमेशा इन्साफ की राह में रोड़े डालता रहा है.इसी कड़ी में बीते 12 जुलाई से सदर अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती नाबालिग लालू को ना केवल अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया बल्कि उसे सहरसा व्यवहार नयायालय के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में पेश भी किया गया.देर शाम लालू को पुर्णिया रिमांड होम भेज दिया गया.बताना लाजिमी है की 11 जुलाई की शाम जिले के सिमरी बख्तियारपुर के दबंग राजनीतिज्ञ सह कद्दावर व्यवसायी चंद्रमणि भगत और उनके दो भाईयों ने चोरी के आरोप में अपनी दूकान में बंद करके लालू की ना केवल बेरहमी से पिटाई की थी बल्कि उसके तलवे पर किसी नुकीली चीज चुभो कर उसे गंभीर यातना भी दी थी. नतीजतन जदयू ने चंद्रमणि भगत को पार्टी से निष्कासित कर दिया.लालू की पिटाई मामले में तीन लोगों को आरोपी बनाया गया था जिसमें से दो आरोपी मनोज भगत और ललन भगत ने 16 जुलाई को न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया.वे दोनों अभी जेल में हैं.लेकिन हद की इंतहा देखिये की पिटाई मामले का मुख्य आरोपी चंद्रमणि अभीतक फरार है और मासूम लालू को रिमांड होम भेज दिया गया.सत्तासीनों के आशीर्वाद से लालू को इन्साफ नहीं मिल पाया.जिस बेरहम दरिन्दे आरोपी को जेल की सलाखों के पीछे होना चाहिए वह छुट्टा घूम रहा है और मासूम नाबालिग बच्चा रिमांड होम चला गया .पैसे के दम प़र मेले लागाये जाते हैं,बड़े--बड़े खेल--तमाशे से लेकर भव्य आयोजन होते हैं.पैसा बहुत चीजों प़र भारी होता है.गरीब लालू के इन्साफ प़र जुल्मी पैसे का रंग चढ़ गया.
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