मई 23, 2012

घोंघेपुर गाँव में दर्द का सैलाब

22-05-2012 संवाददाता 
आज सुबह करीब नौ बजे कोसी नदी में क्षमता से अधिक लोगों से लदी एक नाव पलट गयी जिसमें प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो नाव पर 50 से 55 लोग थे जिसमें से करीब आधे सवार किसी तरह तैरकर निकल गए लेकिन करीब बीस से पच्चीस लोग अभी भी लापता हैं.जिले के महिषी थाना क्षेत्र के आराघाट गाँव से घोंघेपुर गाँव जा रहे एक ही समाज के ये सभी लोग एक भोज में शामिल होने जा रहे थे की यह हादसा हो गया.घटना की सूचना के बाद जिला प्रशासन और पुलिस के कई अधिकारी मौके प़र पहुँचे लेकिन संसाधन के अभाव में लापता लोगों को तलाशने की कोई ठोस शुरुआत फौड़ी तौर प़र नहीं की जा सकी.इधर ग्रामीण लापता लोगों की तायदाद बीस से पच्चीस बता रहे हैं लेकिन प्रशासन के हाकिम महज छः लोगों के लापता होने की पुष्टि तो कर रहा है.दिन में यह खबर मिली की तीन शव बरामद हो चुके हैं लेकिन यह महज अफवाह थी.अभीतक एक भी लाश बरामद नहीं किया जा सका है.लापता लोगों में बच्चे और महिलायें भी शामिल हैं.पूरे गाँव में कोहराम मचा है.जिधर देखिये उधर बस रोने और सिसकने की ही आवाज आ रही है. कोसी नदी से घिरे इस इलाके में नाव हादसा कोई नयी बात नहीं है.यह वह इलाका है जिसको लेकर आजतक की कोई भी सरकार इमानदारी से गंभीर नहीं हुई है.रही बात लापता लोगों के शव की बरामदगी की तो यह कोसी नदी प़र ही निर्भर है की वह शव को जिधर ऊपर निकाल कर फेंक दे.इलाके के लोगों को शव के नदी के ऊपर बहकर निकलने का इन्तजार है.पुलिस और प्रशासन के अधिकारी ग्रामीणों की मदद से महाजाल फेंककर बस खानापूर्ति करने में जुटे हैं.इस टाल--भांज से कुछ भी हासिल होने से तो रहा.  


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अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।