अप्रैल 23, 2012

सोनवर्षा राज के भौरा गाँव में आग से भीषण तबाही

सोनवर्षा राज के भौरा गाँव में आग से भीषण तबाही
पहले से ही गम और सितम कम ना थे,ऊपर से कुदरत के कहर ने जिन्दगी को फकीरी की आगोश में धकेल दिया.कल चमन था आज एक सहरा हुआ,देखते ही देखते ये क्या हुआ.सहरसा जिले के सोनवर्षा राज प्रखंड के खुजराहा पंचायत के भौरा गाँव में आग ने आज भीषण तबाही मचाई.आग की एक चिंगारी निकली और देखते ही देखते भौरा गाँव के सौ से ज्यादा घर ख़ाक हो गए.पेट की रोटी काटकर और कुछ मनसुख सपनों को कुचलकर जमा की गयी सारी संपत्ति धू--धू कर जल गयी.चारों तरफ चित्कार मचा है.अब कैसे कटेगी आगे जिन्दगी.पछवा हवा में इस तबाही का ग्राफ और बड़ा होता लेकिन ग्रामीण ने एक साथ कई पम्प सेट चलाकर आग बुझाने की शुरुआत बड़ी तेजी से की, नतीजतन आग दूसरे गाँव में नहीं फ़ैल सकी.वैसे आग बुझने--बुझने पर थी तब अग्निशमन दस्ता भी वहाँ पहुंचा और मुस्तैदी से राख से उठ रहे धुएं को पानी की बौछार से शांत किया.तबाही बड़ी है जिसका आकलन मौके प़र प्रखंड प्रशासन के आलाधिकारी पहुंचकर ना केवल कर रहे हैं बल्कि पीड़ित परिवार की सूची बनाकर उन्हें सरकारी राहत भी दे रहे हैं.इस साल अभीतक आग से हुई तबाही की बात करें तो इस जिले में एक हजार से ज्यादा घर अभीतक आग की भेंट चढ़ चुके हैं.आग का कहर बड़ा था इसलिए पीड़ितों का कुशल क्षेम जानने कुछ नेता--भगता भी वहाँ पहुँचे और पीड़ितों के पास बैठकर वक्ती और सियासी आंसू बहाए.तबाही का ग्राफ बड़ा था और मीडिया सक्रिय था जिस कारण से प्रखंड प्रशासन भी आनन्--फानन में वहाँ पहुंचा.मौके प़र पहुँचे अधिकारी ने पीड़ितों की सूची बनानी शुरू की.तत्काल सत्रह परिवार की सूची बनायी गयी जिन्हें 2250 रूपये नकद,एक क्विंटल अनाज और एक तिरपाल दिए गए.वैसे इनका कहना है की वे अभी जांच कर रहे हैं,पीड़ितों की संख्यां बढ़ सकती है.आग लगने का कारण ये चूल्हे की आग बता रहे हैं.
आग से तबाही का ग्राफ इस जिले में लगातार बढ़ता ही जा रहा है.इस साल अभी तक की बात करें तो एक हजार से ज्यादा घर आग की चपेट में आकर ख़ाक हो चुके हैं जिसमें करोड़ों की संपत्ति का नुकशान हुआ है.अभी पछ्वा हवा का झोंका अंगडाई ही ले रहा है.इस जिले के ग्रामीण इलाके में ज्यादातर घर फूस के हैं.आग ज्यादातर फूस के घरों को ही अपना निशाना बनाती है.ऐसे में लोगों को आग को लेकर सतर्कता बरतने की जरुरत है.सबकुछ सरकार और प्रशासन के भरोसे छोड़ना जायज नहीं.

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अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।