नवंबर 13, 2011

विधायक सहित चार लोग जख्मी

13-11-2011
घायल रत्नेश सदा 
मधुबनी के लोकहा विधानसभा उप चुनाव में जदयू के प्रत्यासी सतीश कुमार के नामांकन में शामिल होकर सहरसा वापिस लौट रहे सोनवर्षा राज के विधायक सह विधानसभा में जदयू के सचेतक और महादलित प्रकोष्ठ के राज्य अध्यक्ष रत्नेश सदा सुपौल जिले के निर्मली के समीप फोरलेन पुल के समीप सड़क हादसे में गंभीर रूप से जख्मी हो गए.विधायक अपनी स्कार्पियो गाड़ी से वापिस लौट रहे थे की अचानक सामने एक भैंस और एक मोटरसाईकिल सवार आ गया जिसे बचाने में स्कार्पियो चालक ने संतुलन खो दिया और गाड़ी कई पलटी खाकर सड़क से बहुत दूर जा गिरी.इस घटना में जहां गाड़ी पूरी तरह से क्षतिग्रस्त्ब हो गयी है वहीँ विधायक,चालक और विधायक के दो अंगरक्षकों को भी चोट आई है.घटनास्थल से किसी तरह आसपास के लोगों ने दूसरी गाड़ी से लादकर सभी घायलों को सहरसा लाया जहां सभी का इलाज हो रहा है.सदर अस्पताल के ICU में रखकर घायल विधायक का इलाज किया जा रहा है.विधायक के सहरसा पहुँचते ही स्वास्थ्य महकमा सहित जिले के तमाम आलाधिकारियों में खलबली मच गयी और सभी विधायक को बेहतर से बेहतर चिकित्सीय सुविधा मुहैया कराने में जुट गए.फिलवक्त चिकत्सकों ने विधायक का सिटी स्केन कराया है और उन्हें खतरे से पूरी तरह बाहर बताया है.बताना लाजिमी है की खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार फोन से विधायक की स्थिति को लेकर सहरसा के सिविल सर्जन से तुरत--तुरत बात कर रहे हैं.
तीमारदारों की लाईन
अब इतने वजनी व्यक्ति हादसे के शिकार हुए हों तो अफरातफरी लाजिमी है.यहाँ पर तीमारदारों की लाईन लगी हुई है.सिविल सर्जन साहब बता रहे हैं की वे खुद मोनेटरिंग कर रहे हैं.सिटी स्केन कराया गया है जिसमें विधायक जी का सभी कुछ नार्मल है और वे खतरे से बाहर हैं.सिविल सर्जन साहब यह भी बता रहे हैं की मुख्यमंती जी उनसे लगातार फोन पर घायल विधायक के स्वास्थ्य की जानकारी ले रहे हैं.पुलिस अधीक्षक ने भी तमाम घायलों के साथ--साथ   विधायक  जी को भी खतरे से पूरी तरह बाहर बताया.
विधायक जी हादसे में बाल--बाल बचे.उनके स्वास्थ्य की बेहतरी के लिए कोशी की चीख़ भी ईश्वर से कामना करता है लेकिन विधायक जी की तीमारदारी में स्वास्थ्य महकमा सहित तमाम अधिकारियों के इस तरह जुटे रहने से कई तरह के सवाल जरुर खड़े हो रहे हैं,गरीब--गुरबों और आमलोगों के लिए ऐसी तत्परता कभी नहीं दिखती है.काश!ऐसी संजीदगी सभी के लिए दिखाई जाती तो पहले मिशाल फिर मिशाल दर मिशाल कायम होता.

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*अपनी बात*

अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।