नवंबर 12, 2011

एक और कोशी आतंक का खात्मा

12-11-2011
मृत संतोष यादव  
 सदर थाना क्षेत्र के सपटियाही गाँव के समीप पुलिस के साथ हुए अपराधियों की मुठभेड़ में मारे गए अपराधी की शिनाख्त पुलिस ने कर ली है.मारा गया शातिर खून चटोरा कॉन्ट्रेक्ट किलर संतोष यादव था जो बीते 21 अक्तूबर को अपने तीन साथियों के साथ सहरसा कोर्ट हाजत की पिछली दीवार को छेदकर फरार हुआ था.महज 25 वर्षीय इस सिरफिरे अपराधी पर ह्त्या,लूट,डकैती,फिरौती के लिए अपहरण सहित डेढ़ दर्जन से ज्यादा संगीन मामले सहरसा सहित सीमावर्ती विभिन्य जिलों के थानों में दर्ज हैं.इस मुठभेड़ में अपराधियों की गोली से सदर एस.डी.पी.ओ राजकुमार कर्ण घायल हो गए थे.उन्हें बाएं हाथ में गोली लगी थी.उनका इलाज सदर अस्पताल में चल रहा है जहां उनकी स्थिति खतरे से पूरी तरह बाहर है.बीती रात करीब साढ़े नौ बजे मुठभेड़ उस समय शुरू हुई जब एक मिशन पर सुपौल जा रहे एस.डी.पी.ओ ने मोटरसाईकिल पर सवार होकर जा रहे तीन युवकों को रोककर उनकी तलाशी लेनी चाही.पुलिस तलाशी शुरू कर पाती इससे पहले ही अपराधियों ने पुलिस पर गोलीबारी शुरू कर दी.जबाबी कारवाई में पुलिस ने भी फायर किये जिसमें एक अपराधी ढेर हुआ जबकि दो अपराधी भागने में कामयाब हो गए.पुलिस अधीक्षक ने घटना को पुलिस के लिए एक बड़ी कामयाबी और आमलोगों के लिए सुकून और राहत की बात कही.
पुलिस अधीक्षक
पुलिस की गोलियों से आतंक के एक बड़े अध्याय का खात्मा हो गया.संतोष यादव एक खूंखार दहशतगर्द था जिससे कोसी इलाके में दहशत का माहौल कायम था.पुलिस के अपराध की फाईल में इसपर पहला मामला 2009 में लूट की एक बड़ी वारदात को लेकर सलखुआ थाने में दर्ज हुआ था.उसके बाद इसने अपराध के क्षेत्र में कभी भी रुकने का नाम नहीं लिया और एक से बढ़कर एक बड़े अपराध को अंजाम देता चला गया.ठेके पर हत्या करना इसका शगल था.लूट और फिरौती के लिए अपहरण इसकी ख़ास आदतों में शुमार था.पूरी तरह से यह अपराध की दुनिया में रम चुका था और हर वक्त बड़ी घटना को अंजाम देने की ताक में रहता था.सलखुआ थाना क्षेत्र के मुंदीचक गाँव के महज 25 वर्षीय इस अपराधी के खौफ से ना केवल कोसी इलाका बल्कि सीमावर्ती कई जिले के लोग भी थर्राते थे.यह रेल लूट की घटना को भी अंजाम देता था. बताना लाजिमी है की सहरसा पुलिस ने इसे पिछले माह अक्तूबर के पहले सप्ताह में गिरफ्तार कर लिया था लेकिन यह बीते 21 अक्तूबर को ही अपने दो अन्य साथियों कौशल यादव और अमित पासवान के साथ कोर्ट हाजत की पिछली दीवार में छेदकर फरार हो गया था.हद की इन्तहा देखिये की इसने अपने फरारी के दिन ही सलखुआ प्रखंड से ठीक सटे बनमा इटहरी प्रखंड के बनमा के समीप एक दैनिक समाचार पत्र के पत्रकार राजेश रंजन को गोली मार दी थी जिनका इलाज अभी PMCH में चल रहा है.जाहिर सी बात है की यह एक ऐसा अपराधी था जो की गोलियां चलाकर एक तरह से सुकून बटोरता था.पुलिस अधीक्षक ने इस घटना को पुलिस के लिए एक बड़ी कामयाबी बताते हुए इस अपराधी के पूरे अपराधिक चरित्र के बारे में खुलकर बताया.

मुठभेड़ जायज है या की नाजायज,हमें इसमें फिलवक्त नहीं पड़ना.इस अपराधी के मार गिराए जाने से इलाके के लोगों के लिए राहत की बात जरुर है.पुलिस की तफ्तीश जारी है.अभी इतना तो तय है की इस घटना से अपराधियों के बढे हुए मनोबल को करारा धक्का लगेगा जिससे वे अब अपराध करने से पहले सौ बार नहीं सही कम से कम ईकाई से लेकर दहाई तक तो जरुर सोचेंगे.

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