फ़रवरी 14, 2017

बैकफुट पर आई सरकार, परीक्षा केंद्रों से मीडिया पर पाबन्दी हटी

हमारी खबर का बड़ा इम्पेक्ट
 बिहार बोर्ड के सचिव आनंद किशोर ने मीडिया पर बिहार बोर्ड के इंटरमीडिएट एवं मैट्रिक के परीक्षा केन्द्रों पर जाने की पाबंदी हटायी
मुकेश कुमार सिंह की दो टूक----
आखिरकार सरकार ने अपने तालिबानी फैसले को वापिस कर के लोकतंत्र के मजबूत खम्भे का सम्मान किया है ।सरकार ने पहले बिहार के सभी परीक्षा केंद्रों पर पत्रकारों के लिए "नो इंट्री"लगा दी थी ।लेकिन हमने इस मुद्दे को सोसल मीडिया पर जमकर उठाया ।सरकार के फैसले को हमने कटघरे में खड़ा करते हुए बिहार सरकार की तानाशाही को बेपर्दा किया ।आज से शुरू हुयी अंतर स्नातक की परीक्षा में पत्रकारों को कवरेज नहीं करने देने की सरकार ने ना केवल मुनादी करा दी थी बल्कि बिहार के सभी जिलों के जिलाधिकारी को कड़ा निर्देश दिया था की परीक्षा केंद्रों पर पत्रकारों का साया भी नहीं पड़ना चाहिए ।हमने सरकार के इस फैसले को चुनौती के तौर पर लिया और सोसल मीडिया पर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया ।
सोसल मीडिया पर मची गदर ने सरकार को घुंटने टेकने पर मजबूर कर दिया ।सरकार के निर्देश पर बिहार बोर्ड के सचिव आनंद किशोर ने मीडिया पर बिहार बोर्ड के इंटरमीडिएट एवं मैट्रिक के परीक्षा केन्द्रों पर जाने की पाबंदी हटा दी है । लेकिन यहाँ एक बात बेहद अहम है की पत्रकार केंद्राधीक्षक और केंद्रों पर तैनात मैजिस्ट्रेट के साथ परीक्षा केंद्र के भीतर जाएंगे ।तस्वीर उतारने पर एक तरह से मनाही बरकरार है ।
जाहिर तौर पर केंद्रों के भीतर पत्रकारों को जाने देने की स्वीकृति से पत्रकार खेमे में राहत की लहर दौड़ी है ।आने वाले दिनों में सरकार को पत्रकारों के प्रति कोई भी निर्देश जारी करने और कदम उठाने से पहले पूर्वाग्रह से मुक्त होना होगा ।सनद रहे की प्रेस मीडिया लोकतंत्र का चौथा और मजबूत स्तम्भ है ।

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*अपनी बात*

अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।