20 नंवबर 2016 को कानपुर.....
सुबह 3 बजे इंदौर-पटना एक्सप्रेस दुर्घटनाग्रस्त....
142 लोगों की मौत......
200 से ज्यादा लोग घायल....
हादसे में एस-1, 2, 3 और 4 नंबर बोगी पूरी तरह क्षतिग्रस्त....... 14 डिब्बे बेपटरी.....
सहरसा टाईम्स की रिपोर्ट -------- 20 नवम्बर की सुबह कानपूर ट्रैक पर बम विस्फोट के कारण पटना-इंदौर ट्रेन दुघर्टना को अंजाम दिया गया था. भारत-नेपाल सीमा पर अपने दो साथियों के साथ गिरफ्तार मोती पासवान ने पूछताछ में यह खुलासा किया है. मोतिहारी एसपी जितेन्द्र राणा ने मंगलवार को बताया कि सीमा से पकड़े गए मोती से कई महत्वपूर्ण जानकारी हाथ लगी है। कानपुर ट्रेन हादसे में मोती सक्रिय रूप से शामिल था। इस हादसे से पहले भी पूर्वी चम्पारण में भी ट्रेन उड़ाने की कोशिश की गई थी।
एसपी का कहना है की घोड़ासहन में 01 अक्टूबर 16 को रेलवे ट्रैक से बरामद आईईडी के मामले में मोती पासवान, मुकेश शर्मा व उमाशंकर पटेल को आदापुर से गिरफ्तार किया गया है. पूछताछ में मोती पासवान ने खुलासा किया है कि बम प्लांट का नेतृत्व दुबई में बैठे शमशुल ने किया था। वह नेपाल की नागरिकता प्राप्त कर चुका है। नेपाल से ही बृजकिशोर गिरि को 20 लाख रुपये देकर घोड़ासहन में बम प्लांट की जिम्मेवारी दी थी। घोड़सहन में असफल होने पर मोती पासवान को कानपुर में बम प्लांट करने के लिए बुलाकर ले जाया गया। इसके लिए उसे दो लाख रुपये मिले थे। कानपुर में सफल होने के बाद इंदौर व उसके बाद दिल्ली गया। दिल्ली के बाद वह नेपाल में भी कुछ दिनों तक छिपकर रहा। फिर गांव आ गया।
एसपी ने बताया कि कानपुर हादसे के मामले में दिल्ली में गिरफ्तार जियाउर व जुबैर की तस्वीर देख मोती ने पहचान की है। उसने बताया कि वह दोनों उसके साथ कानपुर में बम प्लांट में शामिल थे। मोती पासवान से पूछताछ करने के लिए एनआईए, रॉ व एटीएस की टीम मोतिहारी पहुंच चुकी है। पूछताछ में और खुलासा होने की संभावना है। सबका नेटवर्क नेपाल से जुड़ा है। तीन साथी बृजकिशोर गिरि, मुजाहिदीन अंसारी व शंभू गिरि को नेपाल पुलिस ने गिरफ्तार किया है। तीनों की गिरफ्तारी के बाद आदापुर क्षेत्र से मोती व उसके दो अन्य साथी पकड़े गये।(स्रोत दैनिक हिंदी)
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