सहरसा टाईम्स की रिपोर्ट
जनता जमा कर सकती है सैनिकों के लिए राशि भारत की सेना को दुनिया की सबसे ताकतवर सेना बनाने में,जनता की होगी अब सीधी भागीदारी नई दिल्ली/इंदौर-- उपरोक्त संदर्भ में एक आरटीआई कार्यकर्ता ने दिनांक 19 जुलाई 2016 को राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी, प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री मनोहर पार्रिकर को जनता के द्वारा सेना के लिए राशि जमा करने के लिए बैंक खाता खोलने का सुझाव दिया था, जिसे रक्षा मंत्रालय नई दिल्ली के विशेष कार्य अधिकारी उपेन्द्र जोशी ने पत्र क्रं/डी.ओ.स./6766/ओ.एस.डी./आ. एम./2016 भेज कर बताया है की "आर्मी
वेलफेयर फंड बेटल केजुअल्टी" नाम से सिंडिकेट बैंक की साऊथ ब्लाक नई दिल्ली
ब्रांच में खाता नं.90552010165915 खोला गया है जिसका आईएफएससी कोड
एसवायएनबी 0009055 है । भारत की आबादी 130 करोड़ से अधिक है ।अगर जनता एक
रुपया रोज के हिसाब से भी सेना के खाते में सहायता राशि जमा करे तो भारत की
सेना दुनिया की सबसे मजबूत और ताकतवर सेना बन सकती है ।
जाहिर तौर पर किसी कमी के कारण सेना के जवान फिर परेशानी में नही आएंगे । सेना आपदा में भी जनता की जान - माल की रक्षा करती है ।इस सुझाव को प्रधानमन्त्री कार्यालय ने रक्षा मंत्रालय को भेजा था ।प्रधानमन्त्री कार्यालय ने इस सम्बंध में पत्र द्वारा सूचना दे दी है । जिसमे अब आम जनता भी हमारी भारतीय सेना के लिए फण्ड जमा कर सकती है ।
जनता जमा कर सकती है सैनिकों के लिए राशि भारत की सेना को दुनिया की सबसे ताकतवर सेना बनाने में,जनता की होगी अब सीधी भागीदारी नई दिल्ली/इंदौर-- उपरोक्त संदर्भ में एक आरटीआई कार्यकर्ता ने दिनांक 19 जुलाई 2016 को राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी, प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री मनोहर पार्रिकर को जनता के द्वारा सेना के लिए राशि जमा करने के लिए बैंक खाता खोलने का सुझाव दिया था, जिसे रक्षा मंत्रालय नई दिल्ली के विशेष कार्य अधिकारी उपेन्द्र जोशी ने पत्र क्रं/डी.ओ.स./6766/ओ.एस.डी./आ.
जाहिर तौर पर किसी कमी के कारण सेना के जवान फिर परेशानी में नही आएंगे । सेना आपदा में भी जनता की जान - माल की रक्षा करती है ।इस सुझाव को प्रधानमन्त्री कार्यालय ने रक्षा मंत्रालय को भेजा था ।प्रधानमन्त्री कार्यालय ने इस सम्बंध में पत्र द्वारा सूचना दे दी है । जिसमे अब आम जनता भी हमारी भारतीय सेना के लिए फण्ड जमा कर सकती है ।
ये काम करेगा क्या
जवाब देंहटाएंहाँ अवश्य करेगा !
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