अगस्त 09, 2016

महापुरुषों की हो रही अनदेखी......

प्रधानमन्त्री के स्वच्छ भारत मिशन को लग रहा पलीता........
महापुरुषों की आदमकद प्रतिमा के चारों ओर उगे हैं जंगल........
जानवरों के लिए बना ऐशगाह.......
मुकेश कुमार सिंह की दो टूक---
सहरसा में महापुरुषों की आदमकद प्रतिमाएं तो चौक--चौराहे पर लगा दी गयी हैं लेकिन उनको देखने की फुरसत जिला प्रशासन, सामाजिक संगठन और आम--अवाम किसी को नहीं है । महापुरुषों की प्रतिमा जहां लगी हुयी हैं,वहाँ ना तो समय--समय पर साफ़--सफाई होती है और ना ही सुरक्षा का कोई इंतजाम है । देश के प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी स्वच्छ भारत मिशन के तहत पुरे भारत वर्ष को स्वच्छ बनाने की मुहीम चला रहे हैं । साथ ही उनकी यह भी मंशा है की महापुरुषों की प्रतिमा का बेहतर रख--रखाव हो । महापुरुष सिर्फ जयंती और पूण्य तिथि तक सीमित ना रहें । लेकिन उनकी सोच को पूरी तरह से ग्रहण लगाया जा रहा है । 
हम आपको सहरसा शहर के बीचो--बीच कुंवर सिंह चौक का नजारा दिखा रहे हैं जहां देश के लिए अपने प्राण की आहुति देने वाले बाबू कुंवर सिंह की आदमकद प्रतिमा लगी हुयी है ।लेकिन देखिये किस तरह से इस देशभक्त के सम्मान के साथ खिलवाड़ हो रहा है ।उनकी प्रतिमा के बगल में गाय मस्ती से अपना पेट भर रही है ।वैसे बताते चलें की अभी महज हम एक तरह की ही तस्वीर आपको दिखा पा रहे हैं ।बताना लाजिमी है की आवारा कुत्ते भी यहां पर अक्सर आराम फरमाते देखे जाते हैं ।इस तस्वीर को देखकर जनता खुद तय करे की यहां महापुरुष के साथ कैसा सलूक हो रहा है । हम तो इतना जरूर कहेंगे की ""बर्बादे गुलिस्तां को एक ही उल्लू काफी है,जहां हर शाख पर उल्लू बैठा हो,अंजामे गुलिस्तां क्या होगा ।

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*अपनी बात*

अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।