जुलाई 10, 2016

भिखारी ठाकुर यानि भोजपुरी के भारतेंदु जी को श्रद्धांजलि अर्पित


सहरसा टाईम्स के लिए शहाब तनवीर शब्बू की रिपोर्ट---
भिखारी ठाकुर यानि भोजपुरी के भारतेंदु. भोजपुरी के शेक्सपीयर.एगो कवि,एगो गीतकार, नाटककार,नाट्य निर्देशक,कुल मिलाके एगो अईसन इंसान जे जीते जी विभूति बन गईलें ।गवना कराई सैंया घर बइठलवे से... /अपने लोभवले परदेस रे बिदेसिया...... /हमरा बलमु जी के बड़ी -बड़ी अँखियाँ से .../चोखे -चोखे बाड़े नयना कोरे रे बटोहिया.... जईसन गीत के रचयिता भिखारी ठाकुर के आज 45 वां पुण्यतिथि (10 जुलाई, 1971)बडुए । बिदेसिया,गबरघिचोर, बेटी बेचवा, विधवा विलाप जइसन नाटक के माध्यम से इहां के समाज में फईलल कुरीति के उजागर कईनीं  और समाज के जगावे के प्रयास । उहे महान आत्मा के आज पुण्यतिथि बा । तमाम भोजपुरी भाषा भाषी लोगन की ओर से भिखारी ठाकुर जी के श्रद्धांजलि अर्पित बा.......

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*अपनी बात*

अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।