मुकेश कुमार सिंह की रिपोर्ट : नौ चरण में होने वाले पंचायत चुनाव का जलवा देखते ही बन रहा है। एक तरफ जहां विभिन्य पदों के प्रत्यासी गाड़ियों के काफिलें में आ रहे हैं तो वहीँ दूसरी तरफ जीत से पहले ही थोक में ना केवल माले पहन रहे हैं बल्कि अबीर और गुलाल भी लगा--उड़ा रहे हैं। इस चुनावी मौसम में माला और अबीर बेचने वाले की भी बल्ले--बल्ले हैं और वे कह रहे हैं की लगता है की इसबार की बिक्री से उनके परिवार का पेट निश्चित रूप से साल--डेढ़ साल तक आसानी चल जाएगा।
सहरसा में 10 प्रखंड,151 पंचायत और 2 नगर पंचायत है जिसमें मुखिया,जिला परिषद,पंचायत समिति और वार्ड सदस्य को लेकर चुनाव हो रहे हैं।चुनाव नौ चरण में हो रहे हैं। हम आपको कहरा प्रखंड का नजारा दिखा रहे हैं जहां गाड़ियों के काफिले के साथ प्रत्यासी अपना नामांकन करने पहुँच रहे हैं।
ये हैं सीमा कुमारी।सितानाबाद क्षेत्र से ये मुखिया प्रत्यासी हैं।राजनीति के समर में पहली बार ये उतरी हैं और कह रही हैं की अपने क्षेत्र की गंदगी को साफ़ करने और विकास की दरिया बहाने के लिए वे मुखिया बनना चाहती हैं। पति अमित कुमार भी इनके हैं। इनका कहना है की वे अपनी पत्नी को इसलिए मुखिया बनाना चाहते हैं की गरीबों के साथ न्याय हो सके। गरीबों का हक़ मुखिया से लेकर बिचौलिए और बाबू--हाकिम खा जाते हैं।वे चाहते हैं की विकास की रौशनी घर--घर पहुंचे और सरकारी योजनाओं के लाभ से कोई भी महरूम ना रहे।
अब यह ख़ास नजारा देखिये।विभिन्य पदों के प्रत्यासियों के अलावे उनके समर्थकों के लिए यहां माला और अबीर का भी ख़ास इंतजाम है। समर्थक अपने प्रत्यासी को नामांकन के समय ही ना केवल माला से लाद रहे हैं बल्कि जमकर अबीर और गुलाल भी उड़ा रहे हैं। जीत से पहले ही एक तरह के जीत का जश्न यहां पर मनाया जा रहा है।माला और अबीर बेचने वाले कह रहे हैं की माला और अबीर की बम्पर बिक्री हो रही है। लग रहा है की इसबार की कमाई से वे साल--डेढ़ साल अपने परिवार की गाड़ी आसानी से खींच लेंगे।
अब इस चुनावी समर में जीत का सेहरा किस--किस के सर बंधेगा,फिलवक्त कयास लगाना बेमानी है।लेकिन इस नामांकन के बहाने कुछ लोगों की जरूर चल निकली है।इस नामांकन के मेले में माला और अबीर बेचकर इन मामूली फुटकर दुकानदारों को लग रहा है की घर--परिवार के कई सपने को वे एक साथ पुरे कर डालेंगे।रब इनके अरमानों को पूरा करने में अपनी मेहरबानी की खूब बरसात करे।