मई 24, 2013

फर्जी डॉक्टर बनकर कर रहा था छेड़छाड़

जिला परिषद् सदस्य गणेश मुखिया
सहरसा टाईम्स: छेड़छाड़ और जोर-जबरदस्ती के आपने अनेकों किस्से सुने और संभव है की बहुतेरी घटनाओं को अपनी नंगी आँखों से देखा भी होगा। लेकिन सहरसा टाईम्स आज छेड़छाड़ के एक ऐसे वाकये के साथ हाजिर है जिसे देख--पढ़कर ना केवल आपके पाँव के नीचे की जमीन खिसक जायेगी बल्कि आपका कलेजा भी मुंह को आ जाएगा।बीती रात सदर अस्पताल के महिला वार्ड में छेड़छाड़ की सुनामी आई।रात करीब दो बजे सदर अस्पताल के विभिन्य महिला वार्डों में सहरसा जिला के महिषी क्षेत्र के जिला परिषद् गणेश मुखिया फर्जी डॉक्टर बन महिलाओं और बच्चियों के साथ छेड़छाड़ कर रहे थे।जिला परिषद् महोदय खुद को महिला चिकित्सक बताकर महिलाओं और बच्चियों के बदन और गुप्तांगों को छेड़ने की कोशिश कर रहे थे।पहले तो इन पीड़ितों ने इन्हें सचमुच का डॉक्टर समझा लेकिन उनके उतालेपन को देखकर उन्हें दाल में कुछ काला नजर आया और उन्होनें शोर मचाना शुरू कर दिया।शोर सुनकर पीड़ित के परिजन और अस्पताल में मौजूद सुरक्षाकर्मी मौके पर आये और पहले तो उन्होनें जिला परिषद् को दबोचकर उनकी जमकर धुनाई फिर उन्हें सदर थाने की पुलिस के हवाले कर दिया।
सबसे पहले चलिए सदर अस्पताल जहां पहले हम आपको महिला वार्ड का नजारा दिखाते हैं और पीड़ितों से मिलवाते हैं।ये वे तमाम महिला कक्ष हैं जहां जिला परिषद् सदस्य गणेश मुखिया बीती रात फर्जी डॉक्टर बनकर घूम--घूमकर महिला और बच्चियों का चेकअप कर रहे थे।प्रसूता कक्ष,महिला सर्जिकल वार्ड और महिला जेनेरल वार्ड कोई भी वार्ड ऐसा नहीं बचा जहां जिला परिषद् महोदय ने पहुंचकर अपना जौहर दिखाने का प्रयास नहीं किया। पीड़ित के परिजन भी रात में घटी इस घटना के बारे में खुले सफे से जानकारी देते हुए कह रहे हैं की महिलाओं के द्वारा शोर मचाने पर वे बाहर से दौड़कर मौके पर पहुंचे और पहले तो उक्त फरेबी को दबोचकर उनकी जमकर धुनाई की फिर पुलिस के हवाले किया।
अन्य मामलों की तरह इस मामले में भी हवालात में बंद रसिया जिला परिषद् गणेश मुखिया खुद को बेकसूर बता रहे हैं।इनकी माने तो ये अपने एक रिश्तेदार मरीज को देखने सदर अस्पताल पहुंचे थे।इसी दौरान कुछ मरीजों का उन्होने कुशल--क्षेम भर पूछा।
डी.एस.पी कैलाश प्रसाद
इधर पुलिस के अधिकारी डी.एस.पी कैलाश प्रसाद भी इस घटना की ना केवल पुष्टि कर रहे हैं बल्कि पीड़िताओं के बयान पर सदर थाना में छेड़छाड़ का काण्ड अंकित करते हुए आरोपी को जेल भेजने की कवायद में भी जुटे हैं।पुलिस अधिकारी सदर अस्पताल के चिकित्सकों पर भी सवाल खड़े कर रहे हैं की आखिर वे कहाँ रहते हैं की बाहर का कोई आदमी डॉक्टर का चोला पहनकर विभिन्य वार्डों में घुसकर ऐसी घटना को अंजाम दे देता है।इस घटना ने यह साबित कर दिया है की महिलायें और बच्चियां घर से लेकर सड़क तक ही नहीं जहां वे जिन्दगी से जंग लड़ती हैं वहाँ भी सुरक्षित नहीं हैं।
इस संसार में पापियों के पौ बारह हैं जिससे कुकृत्यों पर लगाम लग पाना मिल का पत्थर साबित हो रहा है।अब जनता द्वारा चुने गए उनके जनप्रतिनिधि भी अस्मत को चाक करने के लिए कमर कसे दिखने लगें तो औरों को लेकर क्या शब्द दें।

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अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।