मई 14, 2013

कोर्ट हाजत से भाग रहे बंदी की पुलिस ने जमकर की धुनाई

सहरसा टाईम्स :  पेशी के लिए मंडल कारा से सहरसा व्यवहार न्यायालय लाये गए बंदियों में से आज एक बंदी कोर्ट हाजत से फरार हो गया।लेकिन इस बात की भनक तुरंत मौके पर मौजूद सुरक्षाकर्मियों को लग गयी।इन्होनें घेराबंदी करके इस बंदी को ना केवल दबोच लिया बल्कि उसकी इस कदर धुनाई कर दी की अब उसकी जान पर बनी है।
देखिये सदर अस्पताल के आपातकालीन कक्ष के बाहर स्ट्रेचर पर पडा यह विचाराधीन बंदी विद्या शर्मा है। मंडल कारा से इसे लाकर कोर्ट हाजत में रखा गया था।जैसे ही इसे कोर्ट हाजत से निकालकर पेशी के लिए कोर्ट ले जाया जाने लगा की सुरक्षाकर्मी के हाथ छुडाकर यह उड़न छू हो गया।लेकिन मौके पर मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने हल्ला कर दिया।इतने में और सुरक्षाकर्मी जमा हो गए और भाग रहे इस बंदी को खदेड़ना शुरू कर दिया।करीब डेढ़ किलोमीटर खदेड़ने के बाद यह बंदी पुलिस की पकड़ में आया।इस बंदी ने पुलिस जवानों को खूब परेशान किया था जो पुलिस के लिए अपच करने वाली बात थी। क्रोध से अगिया--बेताल पुलिस जवानों ने इस बंदी की जमकर धुनाई की जिससे यह बंदी अधमरा हो गया। 
जेल अधीक्षक सत्यनारायण मंडल
इस बंदी को देखने पहुंचे जेल अधीक्षक सत्यनारायण मंडल से भी हमने तल्खी से सवाल किये।ये जनाब पुलिस और बंदी के बीच धक्का--मुक्की की बात कह रहे हैं।यानि दाल में कुछ काला नहीं बल्कि हमें तो पूरी दाल ही काली नजर आ रही है। भाग रहे बंदी को दबोचना पुलिस की बड़ी कामयाबी है लेकिन बेरहमी से उसकी पिटाई कहीं से भी जायज नहीं है।अभी यह बंदी इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती है।खुदा ना खास्ते अगर कोई अनहोनी हो गयी तो इसकी जबाबदेही कौन लेगा,सामने यक्ष प्रश्न खड़ा है।

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अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।