चौथी कक्षा में पढने वाली महज दस वर्षीय
मासूम बच्ची के साथ सामूहिक दुष्कर्म करके उसकी निर्मम ह्त्या /सोनवर्षा
राज थाना के भादा गाँव की घटना /गाँव के ही चार युवकों के खिलाफ थाना
में मामला दर्ज ///मुकेश कुमार सिंह की रिपोर्ट//
पूरा
देश आज बच्चियों पर हो रहे अत्याचार से ना केवल खौल और दहक रहा है बल्कि
इसपर तल्खी से बहस और विमर्श का दौड़ भी बदस्तूर जारी है।इस मुद्दे को
लेकर लोग कठोर से कठोर कानून बनाए जाने की पुरजोर जिद पर अड़े हैं।बाबजूद
इसके बच्चियों पर जुल्मो--सितम कम होने का नाम ही नहीं ले रहा है। रूह को
थर्रा देने और धमनियों में बहने वाले खून को जमा देने वाला ताजा वाकया जिले
के सोनवर्षा राज थाना के भादा गाँव की है जहां एक मकई की खेत में महज दस
वर्षीय एक मासून बच्ची के साथ गाँव के ही चार युवकों ने पहले तो बलात्कार
किया फिर उसके गले में रस्सी का फंदा डालकर बेरहमी से उसकी ह्त्या कर
दी।घटना आज सुबह करीब नौ बजे की है। पुलिस के आलाधिकारी मौके पर पहुंचकर
तहकीकात में जुटे हुए हैं।मृत बच्ची की माँ के आवेदन पर चार युवकों को
नामजद आरोपी बनाते हुए पुलिस ने जहां सोनवर्षा राज थाना में मामला दर्ज कर
लिया है वहीँ लाश को पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया है।बच्ची के
कपडे को फोरेंसिक जांच के लिए भी भेजा जा रहा है।
यह नजारा है सोनवर्षा राज थाना के भादा गाँव के उस घर का
जहां मातम और दर्द की सुनामी आई है।मासूम बच्ची चौथी कक्षा में पढ़ती थी
लेकिन आज वह स्कूल जाने की जगह सुबह आठ बजे अपने मकई की खेत में मकई के
पत्ते काटने चली गयी।खेत के आसपास पहले से ही गाँव के चार युवक विक्कू
यादव,पिंटू यादव,संजीव यादव और गजेन्द्र यादव खड़े थे।इन्हीं चारों ने पहले
तो नन्ही सी जान को रौंदा फिर उसके गले में रस्सी का फंदा डाला और बेरहमी
से उसका गला दबाकर उसकी निर्मम ह्त्या कर दी। घटना को अंजाम देकर ये चारों
युवक वहाँ से फरार हो गए।करीब ग्यारह बजे गाँव के ही कुछ लोग खेत की तरफ गए
थे जिन्होनें इस बच्ची की लाश को मकई की खेत में देखा। घटना की सुचना
जैसे ही बच्ची के परिजनों की मिली की घर में कोहराम मच गया।देखिये इस घर का
आलम।माँ ललिता देवी और बहन मनीषा भारती के साथ बच्ची के अन्य नजदीकी रिश्तेदार किस तरह से विलाप
कर रहे हैं।मृत बच्ची के
पिता अनिल यादव दिल्ली के एक कंपनी में मजदूरी करते हैं जो फिलवक्त गाँव
में नहीं हैं।
वक्त आंसू बहाने और मातम मनाने का था।समय की नजाकत को देखते हुए
सीपीआई के नेता ओमप्रकाश नारायण भी अपनी सियासत चमकाने के लिए यहाँ पहुँच गए। बड़े दुखी लहजे
में नेताजी जहां इस घटना को लेकर बता रहे हैं वहीँ समाज को कोसते हुए
आरोपियों के खिलाफ कड़ी कारवाई की मांग भी कर रहे हैं।
इस पूरी
घटना को लेकर पुलिस फिलवक्त ह्त्या के मामले को गंभीरता से लेती हुयी दिख
रही है लेकिन दुष्कर्म को लेकर अभी उसके मन में शंका बरकरार है।यूँ सिमरी
बख्तियारपुर डी.एस.पी सत्यनारायण कुमार कह रहे हैं की पुलिस दोनों पहलुओं
को ध्यान में रखकर जांच में जुटी हुयी
है।बच्ची के कपड़ों को जहां फोरेंसिक जांच के लिए भेजा जा रहा है वहीँ
आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापामारी की जा रही है।फिलवक्त सारे आरोपी घर
छोड़कर फरार हो चुके हैं।
कुछ पल की नासमझी किसी के जीवन भर टीस और मौत का सबब बन जाती है।ऐसे निर्मम अपराध के लिए कड़े कानून की जरुरत तो है ही,जरुरत इस बात की भी है की वर्तमान पीढ़ी को नैतिक मूल्यों और सामाजिक संस्कारों के साथ--साथ मर्यादा और रिश्ते की गर्माहट और उसके मेड़ का भी गंभीरता से पाठ पढ़ाया जाए।व्यक्ति आगे निकलता जा रहा है और हमारे अनमोल संस्कार पीछे छुटते जा रहे हैं।
कुछ पल की नासमझी किसी के जीवन भर टीस और मौत का सबब बन जाती है।ऐसे निर्मम अपराध के लिए कड़े कानून की जरुरत तो है ही,जरुरत इस बात की भी है की वर्तमान पीढ़ी को नैतिक मूल्यों और सामाजिक संस्कारों के साथ--साथ मर्यादा और रिश्ते की गर्माहट और उसके मेड़ का भी गंभीरता से पाठ पढ़ाया जाए।व्यक्ति आगे निकलता जा रहा है और हमारे अनमोल संस्कार पीछे छुटते जा रहे हैं।
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