जेल प्रशासन कह रहा इलाज के दौरान
सदर अस्पताल में हुयी उसकी मौत..
रिपोर्ट सहरसा टाईम्स: पिछले
दो महीने से सहरसा मंडल कारा में लूट के मामले में बंद एक विचाराधीन कैदी
महंथी यादव की आज शाम करीब साढ़े चार बजे मौत हो गयी।मृतक की लाश सदर
अस्पताल के आपातकालीन कक्ष में रखी हुयी है।जेल प्रशासन इस मौत को लेकर कह
रहा है की महंथी की जेल में अचानक तबियत बिगड़ गयी जिसे आनन--फानन में इलाज
के लिए सदर अस्पताल लाया गया जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी।लेकिन
मृतक के परिजन जेल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कह रहे हैं की महंथी
यादव की मौत इलाज के अभाव में जेल के भीतर ही हो गयी थी लेकिन अपनी गर्दन
बचाने के लिए जेल प्रशासन ने मृतक की लाश को सदर अस्पताल में लाकर रख दिया
और मौत इलाज के दौरान सदर अस्पताल में हुयी का प्रलाप करने लगे।इस मामले
में एक तरफ जहां विरोधी दल के नेता भी जेल प्रशासन को दोषी ठहराते हुए उसपर
मुकदमा दर्ज किये जाने की मांग कर रहे हैं वहीँ ईलाज में
हुयी लापरवाही से महंथी यादव की मौत पर आक्रोशित मंडल कारा के कुल 489 बंदी
भूख हड़ताल पर चले गए हैं।जेल में बंद बंदी मृत बंदी की मौत की जांच और
मृतक के परिजनों को मुआवजा देने की मांग कर रहे हैं।
मृत महंथी यादव |
इस बंदी की मौत पर जेल के कोई बड़े अधिकारी हमारे कैमरे पर आने की बात
तो छोड़िये हमारे फोन कॉल को रिसीव करना भी मुनासिब नहीं समझा।जेलर सुरेश
चौधरी को हमने दर्जनों बार रिंग किया लेकिन उन्होनें अपना मोबाइल नहीं
उठाया।मौके पर मंडल कारा,सहरसा का एक कक्षपाल संतोष कुमार रॉय मिला तो हमने उसी से जबाब---तलब किया।सुनिए यह कह
रहा है की बंदी की मौत ईलाज के दौरान सदर अस्पताल में हुयी है।इस मौत
को लेकर मंडल कारा में खलबली मच गयी है।सूत्रों की मानें तो मृतक की मौत
की जांच और उसके परिजन को मुआवजा मिले इसके लिए मंडल कारा के सभी 489 आज
भूख हड़ताल पर चले गए हैं। इधर सहरसा जेल में बंद पूर्व सांसद आनंद मोहन की
पत्नी, पूर्व सांसद सह कौंग्रेस नेत्री लवली आनंद ने दिल्ली से दूरभाष पर
सहरसा टाईम्स से बातचीत की और कहा की उन्होनें इस मौत की वजह की सघन जांच और
मृत बंदी के परिजन को मुआवजे के लिए सहरसा के डी.एम सतीश चन्द्र झा से
बातचीत की है। डी.एम ने उन्हें मामले की जांच और मुआवजे को लेकर विधि सम्मत
कारवाई का भरोसा दिलाया है।
मामला गंभीर रूप ले रहा है।यूँ बताते चलें की सहरसा जेल के भीतर
अनियमितता,लापरवाही और जेल प्रशासन की मनमानी को लेकर आये दिन बबाल होता
रहता है।अब इस मामले का आगे कैसा तेवर और उसका क्या फलाफल
आयेगा,देखना दिलचस्प होगा .
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