फ़रवरी 15, 2013

सावधान ! सदर थाना है चोरों की गिरफ्त में


सावधान ! सहरसा सदर थाना इनदिनों पूरी तरह से चोरों की गिरफ्त में है।चौंकिए मत,बल्कि होशियार और खबरदार हो जाईये।इस थाने में विभिन्य मामलों में लाये जाने वाले बड़े और छोटे वाहनों के कीमती सामानों की लगातार चोरी हो रही है।गाड़ी की बैटरी,डेक,सेल्फ,गियर बॉक्स,अन्य  जरुरी के सामानों के साथ--साथ गाड़ी के इंजन तक की चोरी हो रही है।इस सनसनीखेज वाकये को लेकर बड़ा सवाल यह है की चोरी होने के बाद इन्साफ के लिए पीड़ित थाना में आते हैं लेकिन जब थाने में ही लोगों के सामानों की चोरी होने लगे तो इन्साफ के लिए फिर लोग कहाँ जायेंगे।जाहिर तौर पर सदर थाना सहरसा में गाड़ी मालिकों के जान पर बनी है लेकिन पुलिस अधिकारी हैं की वे अपनी जिम्मेवारी से पूरी तरह कन्नी काट रहे हैं।
सबसे पहले देखिये सहरसा आदर्श सदर थाना के परिसर में विभिन्य मामलों में लायी गयी बड़ी और छोटी गाड़ियों की बड़ी खेप को।पहली नजर में आप सोच रहे होंगे की आखिर इन गाड़ियों को दिखाने का हमारा मकसद क्या है।आप पहले इन गाड़ियों को देखिये फिर हम इनकी काली सच्चाई से आपको रूबरू कराते हैं।इन गाड़ियों में से अधिकांश गाड़ियां ऐसी हैं जिसके कीमती उपस्कर चुरा लिए गए हैं।किसी नवविवाहिता को आपने सोलहों श्रृंगार और कीमती से आभूषण में सजे-धजे जरुर देखा होगा।आपने भरी जवानी में किसी दुखियारी को बेबा होते भी देखा होगा।इन गाड़ियों की हालत ठीक भरी जवानी में बेबा हुयी दुखियारी जैसा है।आप यह जानकर हैरान हो जायेंगे की इन गाड़ियों के कीमती से कीमती सामान को चोर चुरा ले गए हैं।अब हमें यह पता नहीं है की चोर इसी थाने के वर्दीवाले हैं या फिर बाहर के।
पीड़ित उमेश प्रसाद यादव
इस गंभीर रहस्य पर से पर्दा आज सदर थाना के मेनहा गाँव के रहने वाले एक पीड़ित उमेश प्रसाद यादव ने उठाया।गरीब परिवार के उमेश यादव ने क़िस्त पर टाटा मेजिक गाड़ी ली की उनका परिवार किसी तरह से पटरी पर रह सके।लेकिन परमिट नहीं रहने की वजह से एम.भी.आई ने उनकी गाड़ी बीते सात फ़रवरी को पकड़ ली और गाड़ी को सदर थाने के हवाले कर दिया।सात फ़रवरी को यह गाड़ी पकड़ी गयी थी लेकिन नौ फ़रवरी को सूद पर पैसा उठाकर उमेश ने जुर्माना भर के गाडी का रिलीज ऑडर डी.टी.ओ से ले लिया।लेकिन हद की इंतहा देखिये की नौ फ़रवरी की शाम को जब उमेश गाड़ी लेने थाना पहुंचे तो उनके पाँव के नीचे की जमीन ही खिसक गयी।उनकी गाड़ी की बैटरी,डेक और 20 लीटर डीजल चोरों के द्वारा चोरी कर लिए गए थे।हैरान---परेशान उमेश 9 फ़रवरी से ही पैसे के अभाव में गाड़ी को थाना से बाहर निकाल पाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है।उमेश अपने साथ घटी पूरी घटना की काली दास्ताँ सहरसा टाईम्स को सुनाता है और कहता है की चोरी की घटना के बाद पीड़ित इन्साफ के लिए थाना आते हैं लेकिन उनपर तो विपत्ति का पहाड़ थाने में टूटा है।अब वे कहाँ और किसके पास अपनी फ़रियाद लेकर जायेंगे।
थानाध्यक्ष सूर्यकांत चौबे
सहरसा टाईम्स ने इस बड़ी घटना को लेकर सदर थानाध्यक्ष सह सदर इन्स्पेक्टर सूर्यकांत चौबे से जबाब--तलब किया।हाकिम की मानें तो थाने में ऐसी घटना नहीं घट सकती है।उनकी नजर में गाड़ी मालिक अथवा गाड़ी के स्टाफ लोग ही सुरक्षा के लिए गाड़ी का सामान खोलकर ले जाते हैं।जब हमने इन्हें यह कहा की एक गाड़ी मालिक यह गंभीर आरोप लगा रहा है की उनकी गाड़ी के सामान की थाने से चोरी हुयी है के जबाब में उनका कहना है की उनसे किसी ने ऐसी शिकायत नहीं की है।अगर शिकायत होगी तो वे जांच करेंगे।
सदर थाने से हजारों की कीमत के नहीं बल्कि विभिन्य गाड़ियों के लाखों मूल्य के कीमती सामानों की अभीतक चोरी हो चुकी है लेकिन पीड़ित इसकी शिकायत करें तो आखिर किससे।जहां पर चोरी और सीनाजोरी दोनों होती है,वहाँ पर आमलोगों की फ़रियाद का क्या माने।पुलिस के बड़े अधिकारियों को इस गंभीर मसले को खुद से देखना चाहिए।

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