दिसंबर 27, 2012

सर कटी लाश का बेशर्म सच


मुकेश कुमार सिंह: बीते 25 दिसम्बर को सदर थाना के रहुआ नहर के बगल में एक ईख की खेत से बरामद हुयी सर कटी लाश का बेशर्म सच अब जमाने के सामने आ चुका है। दामाद से अवैद्य सम्बन्ध ने एक पत्नी को ऐसा हैवान बनाया की उसने अपने दामाद और उसके एक सहयोगी के साथ मिलकर न केवल अपने पति की बेरहमी से ह्त्या कर दी बल्कि उसके सर को भी गायब कर कहीं छुपा दिया। एस.पी ने इस मामले का खुलासा करते हुए कहा की मृतक की पत्नी,दामाद और दामाद के एक दोस्त को इस जघन्य ह्त्या की घटना का आरोपी बनाया गया है।जहां हत्यारिन पत्नी अंशु देवी को पुलिस ने सौर बाजार थाना के कचरा गाँव से गिरफ्तार कर लिया है वहीँ हत्यारा दामाद राजेश यादव और उसका दोस्त चन्दन यादव अभी पुलिस की पकड़ से बाहर है।पुलिस ने बनगांव थाना के बेलहा गाँव स्थित मृतक के दामाद के घर से ह्त्या में इस्तेमाल किया गया कटार भी बरामद कर लिया है।लाश का सहरसा में पोस्टमार्टम नहीं हुआ जिससे परिजनों को खासी परेशानी हुयी।लाश को पोस्टमार्टम के लिए DMCH भेजा गया है।इस जघन्य वारदात में महज एक व्यक्ति की ह्त्या नहीं हुयी है बल्कि कई रिश्ते एक साथ हलाक हुए हैं।
 हत्यारिन अंशु देवी
इनसे मिलिए: अब हम आपको सदर थाना सहरसा में कचरा गाँव से गिरफ्तार कर लायी गयी बेरहम हत्यारिन से मिलवाने लाये हैं। देखिये यह है अंशु देवी।पति--पत्नी के पाक रिश्ते का सर कलम करने वाली यह कलयुगी हत्यारिन पत्नी है। पापी रिश्ते ने इसे इस कदर अंधा बना दिया की पिछले डेढ़ वर्ष से हरियाणा में रहकर मजदूरी करने वाला दिलीप जब घर लौटा तो इस क्रूर पत्नी ने अपने सगे दामाद और उसके एक दोस्त के साथ मिलकर उसे परलोक पहुंचा दिया। सात जन्मों तक साथ निभाने के सारे वायदे यहाँ पापी रिश्ते की बलि चढ़ गया।
पति की दरिंदगी की आपने ढेरो कहानियां सुनी होगी लेकिन एक पत्नी इस कदर हैवान होकर ना केवल अपने पति की ह्त्या में शामिल रहती है बल्कि उसके सामने उसके पति का सर धड़ से अलग कर दिया जाता है और वह पाप के रिश्ते को सींचने के लिए इस खुनी तमाशे का गवाह बनती है।शायद ही आपने ऐसा कभी देखा और सूना होगा।इस क्रूर महिला को कानून आखिर जैसी सजा दे लेकिन जहां रिश्तों में गर्माहट है और जहां रिश्ते की मर्यादा आज भी कायम है वह समाज इसे कभी भी माफ़ नहीं करेगा।




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अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।