विकास कुमार की रिपोर्ट -----
मधुपेरा के सांसद और जन अधिकार पार्टी-लोकतांत्रिक (JAP-L) के संरक्षक राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव को सोमवार को यहां उनके निवास से गिरफ्तार कर लिया गया। इस गिरफ्तारी से पहले हाई वोल्टेज ड्रामा देखने को मिला। गिरफ्तारी के समय पप्पू यादव के घर को 500 पुलिसकर्मियों द्वारा घेरा गया और उन्हें गिरफ्तार करने में चार घंटे का समय लग गया।
पुलिस ने बताया कि यादव को 24 जनवरी को करगिल चौक पर हुए ‘उपद्रव के कारण’ गिरफ्तार किया गया है। सोमवार सुबह एक विरोध प्रदर्शन के दौरान पटना विधानसभा की तरफ जाते हुए पप्पू यादव के समर्थकों और पुलिस के बीच झड़प हो गई थी। उस समय विधानसभा का सत्र चल रहा था। इस हंगामे के बाद सांसद को गिरफ्तार करने का फैसला किया गया।
पुलिस ने आरोप लगाया कि जब पुलिस JAP-L के कार्यकर्ताओं को असेंबली की ओर जाने से रोक रही थी, उस समय यादव ने अपने कार्यकर्ताओं को हमला करने के लिए उकसाया। शाम को 5 बजे के आसपास पुलिस उपाध्यक्ष (DSP) शिबली नोमानी के नेतृत्व में 500 पुलिसकर्मी यादव के निवास पर पहुंच गए। उधर अपने सैकड़ों समर्थकों से घिरे पप्पू यादव ने कहा कि वह पुलिस को बिना वॉरन्ट के उन्हें गिरफ्तार नहीं करने देंगे। पुलिस ने उनके घर की घेराबंदी की और आगे की कार्रवाई को लेकर उच्चाधिकारियों के निर्देशों का इंतजार किया।
यह सारा ड्रामा रात 9.15 बजे तक चला। तब DSP कैलाश प्रसाद करगिल चौक पर ‘उपद्रव करने’ के केस से संबंधित जारी किया गया अरेस्ट वॉरन्ट लेकर पहुंचे। एक पुलिस अधिकारी ने उस केस में यादव को गिरफ्तार घोषित कर दिया, हालांकि यादव ने अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखा। इससे पहले सोमवार को सांसद पप्पू यादव और उनके कोई चार दर्जन समर्थकों पर पुलिस ने उस वक्त लाठीचार्ज किया जब वे विरोध प्रदर्शन करते हुए स्टेट असेंबली की तरफ जा रहे थे। यह प्रदर्शन राज्य में पावर टैरिफ में 55 प्रतिशत (औसत) की बढ़ोतरी करने और बिहार स्टाफ सिलेक्शन कमिशन (BSSC) के क्वेस्चन पेपर लीक होने के मामले में CBI जांच की मांग को लेकर था। जब प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने रोका तो वे हिंसक हो उठे और पुलिस पर पथराव करने लगे। उन्हें रोकने के लिए पुलिस ने वॉटर कैनन का इस्तेमाल किया। इसके बाद भी जब प्रदर्शनकारी अड़े रहे तो पुलिस को लाठीचार्च करना पड़ा जिसमें करीब 50 JAP-L कार्यकर्ता चोटिल हो गए।
पुलिस की इस कार्रवाई में पप्पू यादव को भी चोट पहुंची। इसके बाद वह सीधे एक स्थानीय टीवी चैनल के कार्यालय पहुंचे। जब पुलिस उन्हें गिरफ्तार करने के लिए वहां गई तो वह सीधे अपने निवास स्थान चले गए।
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